हरदोई में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर :- ....आखिरकार थानाध्यक्ष को जबरिया 108 एम्बुलेंस पर कब्जा कर भेजना पड़ा घायल जवान को
स्वास्थ्य विभाग की कमिया देख थानाध्यक्ष को आया गुस्सा
सिपाही की हालत गम्भीर देख थानाध्यक्ष बिलग्राम से रहा न गया
कपिल चौहान की रिपोर्ट
हरदोई 29 जून 2018:-
सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने के दावे की पोल हरदोई जनपद में खुल गई है जहाँ एक थानेदार को अपने घायल सिपाही के इलाज के लिये वो करना पड़ा जो अक्सर आम लोग करते है , आधे घंटे तक जब 108 नम्बर की एम्बुलेंस नही आयी तो इन्होंने मजबूरन मरीज उतार रही दूसरी एम्बुलेंस में जबरिया मरीज को रखकर लखनऊ भेजे ।पूरा मामला हरदोई जिला अस्पताल व बिलग्राम कोतवाली से जुडा हुआ है ।जब एक घायल पुलिसकर्मी जोकि बिलग्राम थाने पर पोस्ट था उसके आन डियूटी एक्सिडेंट होने के उपरांत थानाध्यक्ष सहित बिलग्राम थाने की फोर्स उससे जिला अस्पताल लेकर आयी लेकिन पुलिसकर्मी की हालत गम्भीर देखकर डाक्टर इएमओ ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया। बस यही से शुरू हुआ लापरवाही का खेल। लखनऊ के लिए सिपाही के रेफर होते ही थानाध्यक्ष ने 108 पर काल लगायी। करीबन आधा घंटे तक काल लगाने उपरांत भी कोई गाड़ी वहां नही पहुंची। पुलिसकर्मी की गंभीर हालत देख थानाध्यक्ष को गुस्सा आ गया। मौके पर मौजूद 108 जोकि किसी और मरीज को लेकर भर्ती कराने आयी थी ,थानाध्यक्ष ने आनन-फानन मे इसी एम्बुलेंस में घायल सिपाही को लेकर निकले। मामला तो तब सुर्खीओ मे आया जब एम्बुलेंस के न पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग के ऊपर थानाध्यक्ष जोर जोर चिल्लाने लगे। उधर गाडी के साथ बैठे सहायक ने थानाध्यक्ष पर जबरदस्ती गाडी ले जाने का और गाली-गलौज करने आरोप लगाया। फिलहाल एक बडा सवाल यह उठता है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से ऐसे कितने ही मरीजो की जान समय से 108 एम्बुलेंस की सुविधा न मिलने से इलाज के अभाव में चली जाती होगी क्योंकि थानाध्यक्ष जैसी दबंगई करके अपने मरीजो को आम लोग दूसरी 108 एम्बुलेंस से तो नही ले जा सकते है ।शायद पुलिस विभाग की इस दबंगई से उस पुलिसकर्मी की जान बच भी जाये पर न जाने ऐसी लापरवाहियो से कितने जाने रोज जाती होगी ,
यह कौन जाने और कौन रोकेगा ?
सिपाही की हालत गम्भीर देख थानाध्यक्ष बिलग्राम से रहा न गया
कपिल चौहान की रिपोर्ट
हरदोई 29 जून 2018:-
सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने के दावे की पोल हरदोई जनपद में खुल गई है जहाँ एक थानेदार को अपने घायल सिपाही के इलाज के लिये वो करना पड़ा जो अक्सर आम लोग करते है , आधे घंटे तक जब 108 नम्बर की एम्बुलेंस नही आयी तो इन्होंने मजबूरन मरीज उतार रही दूसरी एम्बुलेंस में जबरिया मरीज को रखकर लखनऊ भेजे ।पूरा मामला हरदोई जिला अस्पताल व बिलग्राम कोतवाली से जुडा हुआ है ।जब एक घायल पुलिसकर्मी जोकि बिलग्राम थाने पर पोस्ट था उसके आन डियूटी एक्सिडेंट होने के उपरांत थानाध्यक्ष सहित बिलग्राम थाने की फोर्स उससे जिला अस्पताल लेकर आयी लेकिन पुलिसकर्मी की हालत गम्भीर देखकर डाक्टर इएमओ ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया। बस यही से शुरू हुआ लापरवाही का खेल। लखनऊ के लिए सिपाही के रेफर होते ही थानाध्यक्ष ने 108 पर काल लगायी। करीबन आधा घंटे तक काल लगाने उपरांत भी कोई गाड़ी वहां नही पहुंची। पुलिसकर्मी की गंभीर हालत देख थानाध्यक्ष को गुस्सा आ गया। मौके पर मौजूद 108 जोकि किसी और मरीज को लेकर भर्ती कराने आयी थी ,थानाध्यक्ष ने आनन-फानन मे इसी एम्बुलेंस में घायल सिपाही को लेकर निकले। मामला तो तब सुर्खीओ मे आया जब एम्बुलेंस के न पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग के ऊपर थानाध्यक्ष जोर जोर चिल्लाने लगे। उधर गाडी के साथ बैठे सहायक ने थानाध्यक्ष पर जबरदस्ती गाडी ले जाने का और गाली-गलौज करने आरोप लगाया। फिलहाल एक बडा सवाल यह उठता है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से ऐसे कितने ही मरीजो की जान समय से 108 एम्बुलेंस की सुविधा न मिलने से इलाज के अभाव में चली जाती होगी क्योंकि थानाध्यक्ष जैसी दबंगई करके अपने मरीजो को आम लोग दूसरी 108 एम्बुलेंस से तो नही ले जा सकते है ।शायद पुलिस विभाग की इस दबंगई से उस पुलिसकर्मी की जान बच भी जाये पर न जाने ऐसी लापरवाहियो से कितने जाने रोज जाती होगी ,
यह कौन जाने और कौन रोकेगा ?