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तमिलनाडु के 18 बागी विधायकों पर बटी हाईकोर्ट जजों की राय , उप चुनाव कराने पर रोक



चेन्नई ।

18 सितंबर 2017 को तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर पी. धनपाल ने 18 एआईएडीएमके विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी.।

अन्नाद्रमुक (AIADMK) के 18 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा है. इस मुद्दे पर दोनों जजों की अलग-अलग राय थी. मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधायकों की अयोग्यता बरकरार रखी है. जबकि जस्टिस एम सुंदर ने इसे रद्द करने का फैसला सुनाया है. फिलहाल इस मामले को हायर बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया है. आखिरी फैसला आने तक तमिलनाडु में कोई उपचुनाव नहीं करवाए जाएंगे.  इन सभी विधायकों को अन्नाद्रमुक के बागी नेता टीटीवी दिनाकरण के साथ वफादारी निभाने पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

इस फैसले का असर मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक सरकार की स्थिरता पर भी पड़ सकता था. अगर कोर्ट स्पीकर के फैसले को गलत ठहराती तो विधानसभा में मौजूदा सरकार को बहुमत सिद्ध करना पड़ता. ऐसे में पलानीस्वामी को विधायकों की पर्याप्त संख्या जुटाने में मुश्किलें आ सकती है. बेंच ने 23 जनवरी को इस संबंध में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
विधानसभा का गणित
तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं. जिसमें से एआईएडीएमके के पास 114 और डीएमके के पास 98 सीटें हैं. इसके अलावा टीटीवी के एक विधायक हैं. जबकि 18 विधायक ऐसे हैं जिनकी किस्मत की चाभी मद्रास हाईकोर्ट के पास है.

क्या था मामला?आपको बता दें कि 18 सितंबर 2017 को तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर पी. धनपाल ने 18 एआईएडीएमके विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी. एआईएडीएमके के विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर पलानीस्वामी सरकार में अविश्वास जाहिर किया था. इस पर पार्टी के चीफ विप एस. राजेंद्रन ने स्पीकर से शिकायत की थी.