ट्रम्प ने लगाया भारत पर आरोप :- 2 +2 वार्ता से पहले अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत तक टैक्स लगाने का आरोप
न्यूयार्क 27 जून 2018 ।।
भारत के साथ अगले हफ्ते होनी वाली पहली 2+2 वार्ता से कुछ दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिल्ली पर अमेरिकी उत्पादों पर 100 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी लगाने का आरोप लगाया है । डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'कई ऐसे देश हैं, जैसे कि भारत 100 फीसदी तक (आयात) शुल्क लगाते हैं, हम चाहते हैं कि इसे हटाया जाए.' ।विदेशी सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने के अपने हालिया फैसले को लेकर सवाल पर ट्रंप ने यह जवाब दिया है । ट्रंप ने अपने इस फैसले का बचाव करते हुए दलील दी कि चीन, यूरोपीय संघ और भारत जैसे बड़े व्यापारिक साझेदारों के साथ टैक्स में असामानताओं को खत्म करने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है ।भारत और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते पहली बार 2+2 डायलॉग होने वाली है. इस वार्ता में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अपने अमेरिकी समकक्षों सेक्रेटरी ऑफ स्टेट (विदेश मंत्री) माइक पोम्पियो और डिफेंस सिक्रेटरी (रक्षा मंत्री) जेम्स मैटिस से बातचीत करेंगी ।हालांकि इस बैठक से ठीक पहले ट्रंप ने कहा, 'मैं क्या करना चाहता हूं और मैंने G7 में क्या पेशकश की थी? मैंने कहा था कि सभी टैरिफ और बैरियर खत्म कर देते हैं. क्या सभी उससे सहमत हैं? और किसी ने भी हां नहीं कहा. मैंने कहा कि दोस्तों एक मिनट इंतजार कीजिए, आप शिकायती हो रहे हैं. ना टैरिफ, ना कोई बैरियर, आपका फैसला आप पर है, इसे करते हैं.'
कनाडा में हुए हालिया G7 बैठक में नेताओं से बातचीत को याद करते हुए ट्रंप ने कहा, 'वह इससे तेजी से कमरा छोड़ नहीं सकते थे.' ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, 'अन्य देश अमेरिका से बातचीत कर रहे हैं. बिना टैरिफ के आप कभी वह नहीं कर सकते. अगर वह बातचीत नहीं करना चाहते फिर हम टैरिफ लगाएंगे.'।
ट्रंप ने कहा, 'याद रखें, हम बैंक हैं. हम ऐसे बैंक बन गए हैं, जिसे हर कोई लूटना चाहता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. चीन के साथ व्यापार में बीते साल हमने 500 बिलियन डॉलर गंवा दिए. यूरोपियन यूनियन के साथ हमने 151 अमेरिकी डॉलर गंवा दिए, जिसके चलते हमें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और हमारे किसान व्यापार नहीं कर सकते ।
ट्रंप ने कहा, 'याद रखें, हम बैंक हैं. हम ऐसे बैंक बन गए हैं, जिसे हर कोई लूटना चाहता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. चीन के साथ व्यापार में बीते साल हमने 500 बिलियन डॉलर गंवा दिए. यूरोपियन यूनियन के साथ हमने 151 अमेरिकी डॉलर गंवा दिए, जिसके चलते हमें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और हमारे किसान व्यापार नहीं कर सकते ।