अजमेर :- सात लाख के मुआवजे की जगह 7 करोड़ की जमीन का आवंटन , कोर्ट ने जारी किया नोटिस
7 लाख रुपए मुआवजे के बजाय 7 करोड़ की जमीन कर दी आवंटित
एडीए अध्यक्ष को कोर्ट का नोटिस
निर्णय सरकार के नियमों के अनुरूप -हेड़ा
एस.पी.मित्तल की रिपोर्ट
अजमेर 20 जून 2018 ।।
अजमेर के चन्दबरदाई नगर के ए-ब्लाॅक में भूमि के बदले भूमि देने के एक प्रकरण में 20 जून को कार्यवाहक सीजेएम राजेश मीणा ने अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस श्याम सुंदर तापड़िया की ओर से प्रस्तुत अवमानना याचिका पर जारी किए गए हैं। मामले की पैरवी एडवोकेट विवेक पाराशर कर रहे हैं। अब इस मामले की सुनवाई आगामी 27 जून को होगी। तापड़िया ने अपनी याचिका में कहा कि सीजीएम कोर्ट ने ही वर्ष 2003 में नौरती बाई एवं अन्य व्यक्तियों को समर्पित भूमि के बदले 7 लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए थे। कोर्ट के इस आदेश के अनुरूप ही प्राधिकरण की ओर से कोर्ट में सात लाख रुपए की राशि जमा करा दी, लेकिन प्राधिकरण के वर्तमान अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने अपने हाथ से नोटशीट लिखकर नौरती बाई और अन्य व्यक्तियों को नकद मुआवजा देने के बजाए विकसित भूमि देने का आदेश दिया। अध्यक्ष हेड़ा के इस आदेश के अनुरूप ही गत वर्ष 31 अक्टूबर को प्राधिकरण की भूमि के बदले भूमि आवंटन समिति की बैठक हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से निणर््य लिया गया कि नौरती बाई के प्रकरण में तीन हजार वर्गगज भूमि आवंटित कर दी जाए। इसके साथ ही समिति के प्रस्तावक को अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को पे्रषित कर दिया गया। इस समिति की बैठक की अध्यक्षता स्वयं हेड़ा ने की जबकि बैठक में तत्कालीन सचिव उज्ज्वल राठौड़, विधि विभाग के निदेशक संतलाल शर्मा, वित्त निदेशक रश्मी बिस्सा, सहायक नगर नियोजक पवन, नियोजन विभाग के सहायक नगर नियोजक नैनसी, एडीए के आयुक्त कृष्ण अवतार त्रिवेदी सुखराम खोकर सदस्य के तौर पर उपस्थित रहे। याचिका में कहा गया कि न्यायालय के आदेश के बाद नकद राशि के मुआवजे के बजाए सात करोड रुपए की कीमत वाली भूमि का आवंटन करना न्यायालय की अवमानना है।
सरकार के नियम के अनुरूप ही हुआ है जमीन के बदले जमीन का निर्णय-हेड़ा
वहीं इस प्रकरण में प्राधिकरण के अध्यक्ष हेड़ा का कहना है कि सरकार के नियमों के तहत ही निर्णय लिया गया है। सकरार के आदेश जारी कर कहा कि जिन खातेदारों ने कोर्ट से भी मुआवजा राशि नहीं ली है उन्हें भूमि के बदले भूमि दी जा सकती है। सरकार के इस आदेश के तहत नौरती बाई और अन्य के प्रकरण में भी आवेदन प्राप्त हुआ था। प्राधिकरण के अधिकारियों ने प्रकरण की विस्तृत जांच कर मामले को मेरे सामने रखा। मैंने नियमों के अनुसार ही निर्णय लिया है। यदि राज्य सरकार माना कर देगी तो पक्षकारों को भूमि का आवंटन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी जब आवंटन ही नहीं हुआ है तो नुकसान का सवाल ही नहीं उठता। हेड़ा ने कहा कि वह सरकार के नियमों के तहत लोगों को अधिक से अधिक राहत देने का प्रयास कर रहे हैं।
एडीए अध्यक्ष को कोर्ट का नोटिस
निर्णय सरकार के नियमों के अनुरूप -हेड़ा
एस.पी.मित्तल की रिपोर्ट
अजमेर 20 जून 2018 ।।
अजमेर के चन्दबरदाई नगर के ए-ब्लाॅक में भूमि के बदले भूमि देने के एक प्रकरण में 20 जून को कार्यवाहक सीजेएम राजेश मीणा ने अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस श्याम सुंदर तापड़िया की ओर से प्रस्तुत अवमानना याचिका पर जारी किए गए हैं। मामले की पैरवी एडवोकेट विवेक पाराशर कर रहे हैं। अब इस मामले की सुनवाई आगामी 27 जून को होगी। तापड़िया ने अपनी याचिका में कहा कि सीजीएम कोर्ट ने ही वर्ष 2003 में नौरती बाई एवं अन्य व्यक्तियों को समर्पित भूमि के बदले 7 लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए थे। कोर्ट के इस आदेश के अनुरूप ही प्राधिकरण की ओर से कोर्ट में सात लाख रुपए की राशि जमा करा दी, लेकिन प्राधिकरण के वर्तमान अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने अपने हाथ से नोटशीट लिखकर नौरती बाई और अन्य व्यक्तियों को नकद मुआवजा देने के बजाए विकसित भूमि देने का आदेश दिया। अध्यक्ष हेड़ा के इस आदेश के अनुरूप ही गत वर्ष 31 अक्टूबर को प्राधिकरण की भूमि के बदले भूमि आवंटन समिति की बैठक हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से निणर््य लिया गया कि नौरती बाई के प्रकरण में तीन हजार वर्गगज भूमि आवंटित कर दी जाए। इसके साथ ही समिति के प्रस्तावक को अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को पे्रषित कर दिया गया। इस समिति की बैठक की अध्यक्षता स्वयं हेड़ा ने की जबकि बैठक में तत्कालीन सचिव उज्ज्वल राठौड़, विधि विभाग के निदेशक संतलाल शर्मा, वित्त निदेशक रश्मी बिस्सा, सहायक नगर नियोजक पवन, नियोजन विभाग के सहायक नगर नियोजक नैनसी, एडीए के आयुक्त कृष्ण अवतार त्रिवेदी सुखराम खोकर सदस्य के तौर पर उपस्थित रहे। याचिका में कहा गया कि न्यायालय के आदेश के बाद नकद राशि के मुआवजे के बजाए सात करोड रुपए की कीमत वाली भूमि का आवंटन करना न्यायालय की अवमानना है।
सरकार के नियम के अनुरूप ही हुआ है जमीन के बदले जमीन का निर्णय-हेड़ा
वहीं इस प्रकरण में प्राधिकरण के अध्यक्ष हेड़ा का कहना है कि सरकार के नियमों के तहत ही निर्णय लिया गया है। सकरार के आदेश जारी कर कहा कि जिन खातेदारों ने कोर्ट से भी मुआवजा राशि नहीं ली है उन्हें भूमि के बदले भूमि दी जा सकती है। सरकार के इस आदेश के तहत नौरती बाई और अन्य के प्रकरण में भी आवेदन प्राप्त हुआ था। प्राधिकरण के अधिकारियों ने प्रकरण की विस्तृत जांच कर मामले को मेरे सामने रखा। मैंने नियमों के अनुसार ही निर्णय लिया है। यदि राज्य सरकार माना कर देगी तो पक्षकारों को भूमि का आवंटन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी जब आवंटन ही नहीं हुआ है तो नुकसान का सवाल ही नहीं उठता। हेड़ा ने कहा कि वह सरकार के नियमों के तहत लोगों को अधिक से अधिक राहत देने का प्रयास कर रहे हैं।