सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने
राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग (एनएचआरसी) के विशेष पर्यवेक्षक के पद से
इस्तीफा दे दिया और कहा कि 'उनके पास निभाने के लिए कोई भी रचनात्मक भूमिका' नहीं है ।
मंदर ने अपने त्यागपत्र में शिकायत की है कि उन्हें यह बताया गया था कि एनएचआरसी अल्पसंख्यकों के अधिकार और सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित मामलों को देखने के लिए समय-समय पर उनकी सेवाएं लेगा, लेकिन आयोग ने इन मुद्दों पर एक बार भी उनसे संपर्क नहीं किया ।
हर्ष मंदर ने अपने इस्तीफे में लिखा, "अल्पसंख्यकों और सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े किसी भी मानवाधिकार अभियान या जांच के लिए मुझसे संपर्क करने के मुद्दे पर एनएचआरसी की लगातार चुप्पी के कारण, यह प्रतीत होता है कि एनएचआरसी के विशेष पर्यवेक्षक के तौर पर मेरी कोई सकारात्मक भूमिका नहीं है." उन्होंने कहा, "इसलिए मैंने इस दायित्व से इस्तीफा देने के लिए अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी."।