बलिया :- आईजीआरएस की पेंडेंसी ज्यादे देख डीएम हुए लाल , ज्यादे पेंडिंग रखने वालों को दी सख्त चेतावनी, जल्दी करे निपटान नही तो होगी कार्यवाई
बलिया 29 जून 2018 ।। जिला अधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने (आईजीआरएस) समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली के तहत विभिन्न विभागों में लंबित प्रकरणों को बहुत गंभीरता से लिया है ।उन्होंने कहा है जिन विभागों में बहुत ज्यादा लंबित व डिफाल्टर मामले है ,उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी ।उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए सभी अधिकारी आईजीआरएस के मामलों को बहुत गंभीरता से लें और उनका निस्तारण निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरी संवेदनशीलता के साथ करें ।उन्होंने कहा निस्तारण गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। उन्होंने कहा अधिकारी शासन की मंशा और प्रतिबद्धताओं को समझें तथा उनके अनुरूप कार्यों को मुकम्मल अंजाम दें उन्होंने कहा कि आईजीआरएस के मामलों की समीक्षा शासन में उच्च स्तर पर होती है और इन प्रकरणों के निस्तारण में लापरवाही या हीला-हवाली बरतने वाले अधिकारियों को विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन विभागों में ज्यादा मामले लंबित हैं उनके विरुद्ध जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाया है प्रकाश में आया है कि तहसीलदार सदर के यहां 182 मामले लंबित हैं, जिसमे 102 डिफाल्टर की श्रेणी में हैं। उप जिलाधिकारी सदर के यहां 288मामले पेन्डिग है ,जिसमें यहां 90 डिफाल्टर की श्रेणी में है। उप जिलाधिकारी बांसडीह के यहां 178 मामले हैं लंबित हैं ,जिसमें 68 मामले डिफाल्टर की श्रेणी में हैं। तहसीलदार बासडीह के यहां 190 मामले पेंडिंग हैं ,जिसमें 67 डिफाल्टर की श्रेणी में है। उप जिलाधिकारी रसड़ा के यहां 193 मामले लंबित हैं, जिसमें 67 डिफाल्टर की श्रेणी मे है। तहसीलदार बैरिया के यहां81 मामले लंबित हैं ।तहसीलदार बेल्थरा रोड के यहां 93 मामले पेंडिंग है। तहसीलदार रसड़ा के यहां117 मामले पेंडिंग है। अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम के यहां 63 मामले पेंडिंग है कृषि अधिकारी के यहां 50 मामले लंबित हैं, जिसमें 30 डिफाल्टर की श्रेणी में है। जिला पूर्ति अधिकारी के 102 मामले लंबित हैं, जिसमें 27 मामले डिफाल्टर की श्रेणी में हैंजिला विद्यालय निरीक्षक के यहां 27 मामले पेंडिंग हैं जिसमें 12 डिफाल्टर की श्रेणी में है। उपायुक्त मनरेगा के यहां 13 मामले लंबित है, जिसमें 9 डिफाल्टर की श्रेणी में है। बेसिक शिक्षा अधिकारी के यहां 39 मामले लंबित हैं, जिसमें 7 डिफाल्टर की श्रेणी में है ।जिलाधिकारी ने कहा है कि यह स्थिति ठीक नहीं है ।अधिकारी स्वयं व्यक्तिगत रूचि लेकर मामलों का निस्तारण सुनिश्चित करें और निर्धारित समय सीमा के अंदर प्रत्येक प्रकरण का निस्तारण अनिवार्य रूप से किया जाए।