बलिया का नूरपुर तपनी मार्ग :- पांच दशक से बाट जोह रहा है निर्माण होने का
रतसर बलिया 23 जून 2018 ।।
किसी भी क्षेत्र के विकास का मानक वहाँ की सड़कों पर निर्भर होता है। लेकिन क्षेत्र में कुछ सड़के ऐसी भी है जो बनने के बाद आज तक किसी की भी नजर नही पड़ी परिणामस्वरूप आज पूर्णतया जर्जरअवस्था में पहुँच गई है। यहाँ तक उन पर वाहन चलना तो दूर पैदल भी लोग बच-बचा के चलते है क्योंकि सड़कों का पिच पूरी तरह से उखड़ गया है और बीच-बीच में गड्ढों के साथ गिट्टीयाँ चारो तरफ फैला गया है अपनी इस दूर्दशा को बयाँ करती नूरपुर-तपनी सम्पर्क मार्ग। पाँच दशक पहले कभी इस रास्ते से बलिया से रतसर तक बस चला करती थी उस समय ये मार्ग कच्चा था। समय ने करवट ली और विकास की दौड़ में इस सड़क का कायाकल्प बदल गया। विगत तीन दशक पहले इस सड़क का निर्माण हुआ उसके बाद से आज तक किसी की भी नजर नही पड़ी। सुबे के कितने निजाम बदले कई सरकारे आयी लेकिन किसी भी जन-प्रतिनिधि की नजर नही पड़ी। रतसर से बलिया जाने का सबसे नजदीक मार्ग है लेकिन बदहाल हुई इस सड़क के कारण लोग लम्बी दूरी तय करना पसन्द करते है। 30 जून तक गड्ढा मुक्त सड़कों की घोषणा के बाद लोगों में आस तो जगी लेकिन विश्वास बहुत कम था नतीजा वही हुआ। आज क्षेत्र के जनऊपुर-नूरपुर सम्पर्क मार्ग, रतसर काली स्थान से धनेश्वरनाथ धनौती सम्पर्क मार्ग, रतसर से नूरपुर सम्पर्क मार्ग, रतसर दक्षिण चट्टी से बाजार जाने वाला मार्ग, सोर्बई मुहल्ला से नहर तक सम्पर्क मार्ग एवं रतसर से अमडरियाँ सम्पर्क मार्ग ऐसे क्षेत्र की दर्जनों सड़कों की हालत जर्जर है ।
किसी भी क्षेत्र के विकास का मानक वहाँ की सड़कों पर निर्भर होता है। लेकिन क्षेत्र में कुछ सड़के ऐसी भी है जो बनने के बाद आज तक किसी की भी नजर नही पड़ी परिणामस्वरूप आज पूर्णतया जर्जरअवस्था में पहुँच गई है। यहाँ तक उन पर वाहन चलना तो दूर पैदल भी लोग बच-बचा के चलते है क्योंकि सड़कों का पिच पूरी तरह से उखड़ गया है और बीच-बीच में गड्ढों के साथ गिट्टीयाँ चारो तरफ फैला गया है अपनी इस दूर्दशा को बयाँ करती नूरपुर-तपनी सम्पर्क मार्ग। पाँच दशक पहले कभी इस रास्ते से बलिया से रतसर तक बस चला करती थी उस समय ये मार्ग कच्चा था। समय ने करवट ली और विकास की दौड़ में इस सड़क का कायाकल्प बदल गया। विगत तीन दशक पहले इस सड़क का निर्माण हुआ उसके बाद से आज तक किसी की भी नजर नही पड़ी। सुबे के कितने निजाम बदले कई सरकारे आयी लेकिन किसी भी जन-प्रतिनिधि की नजर नही पड़ी। रतसर से बलिया जाने का सबसे नजदीक मार्ग है लेकिन बदहाल हुई इस सड़क के कारण लोग लम्बी दूरी तय करना पसन्द करते है। 30 जून तक गड्ढा मुक्त सड़कों की घोषणा के बाद लोगों में आस तो जगी लेकिन विश्वास बहुत कम था नतीजा वही हुआ। आज क्षेत्र के जनऊपुर-नूरपुर सम्पर्क मार्ग, रतसर काली स्थान से धनेश्वरनाथ धनौती सम्पर्क मार्ग, रतसर से नूरपुर सम्पर्क मार्ग, रतसर दक्षिण चट्टी से बाजार जाने वाला मार्ग, सोर्बई मुहल्ला से नहर तक सम्पर्क मार्ग एवं रतसर से अमडरियाँ सम्पर्क मार्ग ऐसे क्षेत्र की दर्जनों सड़कों की हालत जर्जर है ।