पेश की अनूठी मिसाल, धूप में तड़प रही गाय की बचाई जान
• समाज सेवा की दिशा में अपने विलक्षण कार्यों से ही बनाई अलग पहचान।
धम्मौर (सुल्तानपुर)। वर्तमान में देश में गौ माता की सुरक्षा को लेकर हाय तौबा मची हुई है ऐसे में गौ माता के महत्व और उसकी रक्षा को लेकर इधर कुछ समय से कुछ खास कदम उठाए जा रहे हैं। फिर भी तमाम गायें सड़कों पर तड़पती नज़र आ रही हैं। ऐसे समय में भी कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो गौ माता की सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। आज मंगलवार दोपहर के समय चिलचिलाती धूप में बांदा से टांडा राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे परतोष गांव में एक गाय जिसका चारों पैरों में कीड़े लगने से गाय का पूरा पैर निष्क्रिय हो गया था और वह चलने में असमर्थ थी, चिलचिलाती धूप और गर्मी से बचने के लिए तड़प रही थी।उस रास्ते से आने जाने वाले लोगों ने गाय को देखते हुए भी उसे बचाने का कोई प्रयास किसी ने भी नहीं किया। किन्तु जब उस गाय पर मनियारपुर निवासी विश्वनाथ कश्यप की नजर पड़ी तो उन्होंने फौरन अपनी जेब से पैसा दे कर दवा मंगाकर उसका इलाज किया । कुछ ही देर में दवा का असर होते ही गौ माता अपने पैरों से चल कर जंगल की ओर चली गई। विश्वनाथ का यह पुनीत कार्य क्षेत्र के लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं। बताते चलें कि विश्वनाथ कश्यप देश के सबसे बड़े सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हैं जिनकी कर्त्तव्यनिष्ठा को देखते हुए ही संघ ने इन्हें अभी हाल ही में इन्हें काशी प्रांत के ग्रामविकास के टोली सदस्य का दायित्व सौंपा है। अपने सामाजिक कार्य करने के कारण ही क्षेत्र में इनकी एक अलग पहचान बनीं हुई है।