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जम्मू काश्मीर :- विधान सभा भंग करने की मांग तेज , राज्यपाल ने शाम को बुलाई सर्वदलीय बैठक
जम्मू काश्मीर :- विधान सभा भंग करने की मांग तेज , राज्यपाल ने शाम को बुलाई सर्वदलीय बैठक
श्रीनगर 22 जून 2018 ।।
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के बाद गवर्नर एन.एन वोहरा ने आज सभी पार्टी प्रमुखों की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में गवर्नर शासन के बाद राज्य की मौजूदा हालात के बारे में चर्चा की जाएगी. इसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सभी पार्टियों को बुलाया गया है. ये बैठक आज शाम को होगी.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल विधानसभा को भंग नहीं किया गया है. यानी किसी भी विधायक की सदस्यता अभी खत्म नहीं हुई है. लेकिन विपक्षी दल विधानसभा भंग करने की मांग कर रहे हैं. उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि बीजेपी यहां हॉर्स ट्रेडिंग यानी खरीद फरोख्त कर सकती है.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल विधानसभा को भंग नहीं किया गया है. यानी किसी भी विधायक की सदस्यता अभी खत्म नहीं हुई है. लेकिन विपक्षी दल विधानसभा भंग करने की मांग कर रहे हैं. उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि बीजेपी यहां हॉर्स ट्रेडिंग यानी खरीद फरोख्त कर सकती है.
पिछले 4 दशक में यहां 8वीं बार राज्यपाल शासन लगा है. जबकि राज्यपाल एनएन वोहरा के कार्यकाल के दौरान यानी 2008 से लेकर अब तक यहां चौथी बार राज्यपाल शासन को मंजूरी मिली है. मौजूदा विधानसभा का छह साल का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म हो रहा है। बता दें, राज्यपाल एनएन वोहरा का भी कार्यकाल 25 जून को खत्म हो रहा है.
आपको बता दें कि बीजेपी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार के साथ तीन साल पुरानी दोस्ती तोड़ते हुए समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था. बीजेपी चीफ अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सभी बीजेपी नेताओं की राय जानी और फिर पार्टी ने सरकार से अलग होने का फैसला किया. जम्मू कश्मीर के बीजेपी इंचार्ज राम माधव ने कहा था कि अब आगे पीडीपी के साथ गठबंधन को जारी रखना संभव नहीं है.
दरअसल महबूबा मुफ्ती चाहती थीं कि घाटी में जारी सीज़फायर को रमज़ान के बाद भी बढ़ाया जाए. लेकिन दिल्ली में बीजेपी सरकार आतंकियों के बढ़ते हमलों की वजह से इसके लिए तैयार नहीं थी. इसलिए ईद खत्म होते ही केंद्र सरकार ने सीज़फायर को वापस लेने की घोषणा की ।
आपको बता दें कि बीजेपी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार के साथ तीन साल पुरानी दोस्ती तोड़ते हुए समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था. बीजेपी चीफ अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सभी बीजेपी नेताओं की राय जानी और फिर पार्टी ने सरकार से अलग होने का फैसला किया. जम्मू कश्मीर के बीजेपी इंचार्ज राम माधव ने कहा था कि अब आगे पीडीपी के साथ गठबंधन को जारी रखना संभव नहीं है.
दरअसल महबूबा मुफ्ती चाहती थीं कि घाटी में जारी सीज़फायर को रमज़ान के बाद भी बढ़ाया जाए. लेकिन दिल्ली में बीजेपी सरकार आतंकियों के बढ़ते हमलों की वजह से इसके लिए तैयार नहीं थी. इसलिए ईद खत्म होते ही केंद्र सरकार ने सीज़फायर को वापस लेने की घोषणा की ।
जम्मू काश्मीर :- विधान सभा भंग करने की मांग तेज , राज्यपाल ने शाम को बुलाई सर्वदलीय बैठक
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
June 22, 2018
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