Breaking News

नई टेक्नोलॉजी से सात समंदर पार से भी कर सकते है अपने घर की निगरानी :- डीजीपी ओपी सिंह




नई टेक्नोलॉजी के जरिए सात समंदर पार से करिए अपने घर की निगरानी
   लखनऊ 29 जून 2018 ।।
तकनीकी के अधिकतम इस्तेमाल से अपराध को न्यूनतम किया जा सकता है। समय के साथ अपग्रेड होती तकनीकी का सहारा लेकर न सिर्फ सुरक्षित वातावरण पैदा किया जा सकता है बल्कि आम जीवन को और सरल बनाया जा सकता है।
बेहतर तकनीकी के माध्यम से सात समंदर पार से अपने घर पर नजर रख सकते हैं। यह जानकारी यूपी-100 भवन में ‘सीसीटीवी सर्विलांस कैमरा टेक्नोलॉजी एंड सस्टेनेबल कम्यूनिटी इम्प्लीमेन्टेशन दृष्टिकोण’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस के दौरान विशेषज्ञों ने दी। उद्घाटन डीजी बीपीआर एंड डी एपी महेश्वरी और डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने किया।
इस दौरान नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आधुनिक तकनीक के प्रयोग के साथ उसका प्रशिक्षण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। यह किसी एक क्षेत्र या शहर नहीं बल्कि प्रदेश की 653 नगर निकायों के लिए किया जाएगा। स्मार्ट सिटी के लिए प्रदेश सरकार हर स्तर का सहयोग प्रदान करेगी।
प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार ने कहा कि सजा का डर अपराधों को रोकने का काम करता है। इस क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क अपराधों को रोकने में अहम भूमिका अदा करेगा। प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी योजना नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि स्मार्ट सिटी के विकास में सीसीटीवी के निगरानी अहम होगी।
कॉन्फ्रेंस के पहले सत्र में ‘एडवांस्ड वीडियो एनालिटिक्स स्टैंडर्ड डाइजेशन ऑफ  सर्विलॉस कैमरा प्रोटोकाल्स’ विषय पर हनीबेल के हेड युद्धवीर सिंह, वीडियो नेटिक्स के संस्थापक टिन्कू आचार्या, विजिनेस डेवलपमेंट एक्सेस कम्युनिकेशन के हेड आनंद चन्द्रशेखर ने संबोधित किया ।

लखनऊ में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट -डीजीपी ओपी सिंह
तीसरे सत्र में एडीजी यूपी-100 आदित्य मिश्र ने कहा कि सीसीटीवी सर्विलांस के लिए लखनऊ में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इसके लिए क्लाउड सर्वर उपयोग कर रहे यूजर इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ सकते हैं। इसके लिए तीन मॉडल बताए गए।

पहला लखनऊ में दृष्टि प्रोजेक्ट जिसमें राजधानी के 70 चौराहों पर 280 कैमरे लगे हैं। यह पूरी तरह से सरकार का प्रोजेक्ट है। दूसरा रायपुर में जन सहयोग, सीएसआर, एमपी, एमएलए फंड और अन्य संसाधनों से इसकी व्यवस्था की गई है। रायपुर के सीईओ ने वहां लागू की गई त्रिस्तरीय व्यवस्था का जिक्र किया।

सत्र का संचालन करते हुए आईजी एटीएस असीम अरुण ने कहा कि इसके लिए अलग अलग चुनौतियां भी सामने आएंगी, जिसके लिए तैयार रहना होगा। अंत में एडीजी पीएसी आरके विश्वकर्मा ने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के साथ प्रजेंटेशन के जरिए पूरे कार्यक्रम में हुई कार्रवाई के साथ-साथ एक स्मार्ट सिटी के लिए सुरक्षा के क्या क्या मानक हों, इसके बारे में जानकारी दी।