देश मे फिर उजागर हुआ स्वास्थ्य सेवाओ का कड़वा सच -- एम्बुलेंस भेजने से किया इनकार तो चादर में उठाकर गर्भवती को पहुंचाया अस्पताल
मानवता को शर्मसार करने वाली ऐसी घटनाओं पर कब लगेगा अंकुश
विशाखापत्तनम ।
एकबार देश फिर से देश मे गरीबो को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओ की हकीकत सामने आने से शर्मसार हुआ है ।
ताज़ा वाक्या आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले में भारत की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने वाला मामला सामने आया है. विशाखापट्टनम के कोटाउरतला गांव में प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला को बेडशीट से बनाए गए स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाया गया ।
गर्भवती महिला को शुक्रवार को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उसके परिजनों ने एंबुलेंस के लिए 108 नंबर डायल किया. लेकिन अस्पताल ने खराब रास्ते का हवाला देते हुए एंबुलेंस भेजने से इनकार कर दिया. गर्भवती महिला के घर से नजदीकी अस्पताल 10 किलोमीटर दूर है, जिसके बाद गर्भवती महिला के परिजनों चादर को स्ट्रेचर की तरह प्रयोग करके महिला को अस्पताल ले गए. उन्होंने बेडशीट पर महिला को लिटाया और बेडशीट के चारों कोनों को पकड़कर 6 किलोमीटर की दूरी तय की. गनीमत थी कि आखिरी के चार किलोमीटर के लिए उन्हें ऑटो रिक्शा मिल गया.
इलाके की विधायक और तेलगू देशम पार्टी की नेता अनीता ने इस मामले में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है. वहीं गायनेकॉलिजिस्ट डॉ. सुनिथा ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य मंत्री के न होने की वजह से ऐसा होता है. डॉ. सुनिथा ने कहा, “सरकार को चाहिए कि तुरंत स्वास्थ्य मंत्री की नियुक्ति करें.”
बता दें कि विशाखापट्टनम जिले के आधे से ज्यादा अनुसूचित जनजाति के इलाकों में खराब रास्तों की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं.
विशाखापत्तनम ।
एकबार देश फिर से देश मे गरीबो को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओ की हकीकत सामने आने से शर्मसार हुआ है ।
ताज़ा वाक्या आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले में भारत की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने वाला मामला सामने आया है. विशाखापट्टनम के कोटाउरतला गांव में प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला को बेडशीट से बनाए गए स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाया गया ।
गर्भवती महिला को शुक्रवार को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उसके परिजनों ने एंबुलेंस के लिए 108 नंबर डायल किया. लेकिन अस्पताल ने खराब रास्ते का हवाला देते हुए एंबुलेंस भेजने से इनकार कर दिया. गर्भवती महिला के घर से नजदीकी अस्पताल 10 किलोमीटर दूर है, जिसके बाद गर्भवती महिला के परिजनों चादर को स्ट्रेचर की तरह प्रयोग करके महिला को अस्पताल ले गए. उन्होंने बेडशीट पर महिला को लिटाया और बेडशीट के चारों कोनों को पकड़कर 6 किलोमीटर की दूरी तय की. गनीमत थी कि आखिरी के चार किलोमीटर के लिए उन्हें ऑटो रिक्शा मिल गया.
इलाके की विधायक और तेलगू देशम पार्टी की नेता अनीता ने इस मामले में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है. वहीं गायनेकॉलिजिस्ट डॉ. सुनिथा ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य मंत्री के न होने की वजह से ऐसा होता है. डॉ. सुनिथा ने कहा, “सरकार को चाहिए कि तुरंत स्वास्थ्य मंत्री की नियुक्ति करें.”
बता दें कि विशाखापट्टनम जिले के आधे से ज्यादा अनुसूचित जनजाति के इलाकों में खराब रास्तों की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं.