आखिर कब होगी ईओ बलिया पर कार्यवाई, आजतक न हुआ ईपेमेंट का आदेश
न बदले बाबुओ के पटल
न रोक पाये गंगा जी मे
गन्दे पानी को जाने से
न करा पाये प्रापर्टी का ऑनलाइन फीडिंग
स्पेशल रिपोर्ट
बलिया एक्सप्रेस
बलिया में ईओ का पद संभाल रहे डीके विश्वकर्मा पर न तो शासन का खौफ है , न जिला प्रशासन का । ये अपने कार्यकाल में हिटलर की तरह कार्य कर रहे है । इनके लिये शासनादेश या उच्चाधिकारियों के आदेश की कोई अहमियत नही है । चूंकि ये कानून के बहुत बड़े जानकर है इस लिये किसी भी समस्या को धरातल की बजाय कागजो पर समाधान करने में महारत हासिल है । यही नही जहां पूरे प्रदेश में यह चर्चा है कि जिसका भी स्थानांतरण योगी सरकार में हो गया है उसका रुकना नामुमकिन है लेकिन इस जुमले को भी बलिया के ईओ डीके विश्वकर्मा ने नगर निकाय उत्तरप्रदेश के उच्चाधिकारियों से मिलकर फेल करने का काम किया है । श्री विश्वकर्मा का लगभग 15 दिन पूर्व ग्रेड प्रमोशन हुआ जिसके बाद ऐसे सभी लोगो का स्थानांतरण हो गया , इनका भी हुआ लेकिन इन्होंने अपना स्थानांतरण अपने चहेते उच्चाधिकारियों की कृपा से रुकवा लिया है , सूत्रो के हवाले से यह खबर है ।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जी बलिया के प्रभारी मंत्री है , ने मार्च माह के अपने दौरे में जिलाधिकारी और ईओ को सख्त निर्देश दिये थे कि गंगा नदी में गिरने वाले गन्दे पानी को तत्काल रोका जाय। बलिया एक्सप्रेस के संपादक मधुसूदन सिंह ने तत्काल गन्दगी को गंगा जी मे जाने से रोकने का सुझाव भी दिया था , पर न तो इस मनबढ़ ईओ ने, न ही जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया । सदर विधायक आनन्द स्वरूप शुक्ल ने भी इस क्षेत्र का दौरा कर गन्दगी को रोकने का निर्देश दिया , पर आदेशो को ईओ माने तब न । ईओ बलिया ने इस निमित्त एसटीपी बनाने के लिये जल निगम को चिट्ठी लिख कर मंत्री , विधायक और शासन के निर्देशों का पालन कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गये । धन्य है प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा जी जिन्होंने आजतक यह जानने की कोशिश ही नही की कि पीएम मोदी के गंगा जी को प्रदूषणमुक्त करने को बलिया में ईओ समेत अन्य अधिकारी सलीके से पलीता लगा रहे है ।
प्रधान मंत्री मोदी जी एवम सीएम योगी जी भ्रष्टाचार पर पूर्ण नकेल कसने के लिये किसी भी प्रकार के सरकारी भुगतान को ईपेमेंट करने का वर्षो पहले से आदेश किये हुए है लेकिन नगर पालिका बलिया में आज भी चेक के माध्यम से भुगतान हो रहा है , ऊपरी आदेश आने के बाद भी आजतक ईपेमेंट शुरू नही हुआ है । बलिया नगर पालिका की कितनी संपत्ति है इसका अगर हिसाब मांग दिया जाय तो कोई नही बता पायेगा क्योकि इसमे पटल बाबू द्वारा जमकर घोटाला किया गया है । इसको बचाने के लिये मार्च माह में तत्कालीन निदेशक नगर निकाय डॉ अनिल कुमार ने तत्काल प्रापर्टी की ऑनलाइन फीडिंग का निर्देश देकर गये थे लेकिन ईओ बलिया ने इस आदेश को भी अबतक कूड़े के ढेर में डाल रखा है । प्रत्येक तीन वर्ष पर पटल बदलने का शासनादेश है । इसके लिये आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत की गयी तो ईओ बलिया ने शासन को गुमराह करते हुए इस आशय का पत्र भेज दिया कि 17 जनवरी 2018 को ही पटल परिवर्तन कर दिया गया है जबकि इस झूठ की पोल 19 जनवरी 2018 को प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय बलिया को ईओ द्वारा भेजे गये शासकीय पत्र से स्वतः ही खुल गयी है । इसकी शिकायत शासन से होने के बाद 31 मई को जांच जिलाधिकारी बलिया के पास आ चुकी है , अब देखना है कि इतनी करिस्तानिया करने वाले ईओ बलिया डीके विश्वकर्मा पर कार्यवाई होती है या अपने आकाओं की मेहरबानी से अभयदान ।