सरकार ने शिकायतों के आधार पर दूसरी बार कोलेजियम द्वारा भेजी गई फ़ाइल को लौटाया
केंद्र ने कोलेजियम की ओर से सुझाए दो नामों को दोबारा लौटाया
नई दिल्ली 24 जून 2018 ।।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम द्वारा की गई सिफारिश को दूसरी बार लौटा दिया है. सरकार ने के एक पूर्व जज के पुत्र सहित दो वकीलों की इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज पद पर नियुक्ति के लिए कोर्ट नाम लौटाए हैं. सरकार ने दोनों वकीलों के खिलाफ शिकायत का हवाला देते हुए नाम लौटाएं हैं. उनके इन दोनों वकीलों के नाम मोहम्मद मंसूर और बशारत अली खान हैं. मंसूर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज दिवंगत सगीर अहमद के बेटे हैं.
जस्टिस अहमद ने जम्मू - कश्मीर के विशेष संदर्भ में केंद्र - राज्य संबंधों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से गठित कार्य समूह की अध्यक्षता की थी. मोदी सरकार इससे पहले भी एक बार शिकायतों का हवाला देते हुए मंसूर और खान के नाम की सिफारिश करने वाली फाइल लौटा चुकी है. लेकिन कोलेजियम ने उनके खिलाफ शिकायतों को ‘‘ अगंभीर ’’ बताते हुए अपनी सिफारिश दोहराई पिछले महीने सरकार ने मंसूर और खान के नाम की सिफारिश वाली फाइल लौटाते हुए उनके नाम पर फिर से विचार करने को कहा था. करीब ढाई साल तक फाइल को लंबित रखने के बाद सरकार ने पिछले महीने फाइल लौटाई थी. शुक्रवार को जस्टिस जे चेलमेश्वर के सेवानिवृत होने के बाद पांच सदस्यीय कोलेजियम का पुनर्गठन करना होगा. उच्चतम न्यायालय के शीर्ष पांच जज कोलेजियम का हिस्सा होते हैं ।नए सदस्य से युक्त कोलेजियम को इन दो नामों पर फैसला करना होगा. दोनों वकील इलाहाबाद हाईकोर्ट में वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर नियमित तौर पर पेश हो रहे हैं।इस बीच , सरकार ने जम्मू - कश्मीर हाईकोर्ट के जज पद पर नियुक्ति के लिए वकील नजीर अहमद बेग के नाम की सिफारिश लौटाने का भी फैसला किया है. तीन अन्य नामों - वसीम सादिक नरगल , सिंधु शर्मा और जिला जज राशिद अली डार - पर कानून मंत्रालय अभी विचार कर रहा है. सरकार ने इस बाबत अभी कुछ नहीं कहा है कि बेग का नाम कोलेजियम को क्यों लौटाया गया ।
जस्टिस अहमद ने जम्मू - कश्मीर के विशेष संदर्भ में केंद्र - राज्य संबंधों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से गठित कार्य समूह की अध्यक्षता की थी. मोदी सरकार इससे पहले भी एक बार शिकायतों का हवाला देते हुए मंसूर और खान के नाम की सिफारिश करने वाली फाइल लौटा चुकी है. लेकिन कोलेजियम ने उनके खिलाफ शिकायतों को ‘‘ अगंभीर ’’ बताते हुए अपनी सिफारिश दोहराई पिछले महीने सरकार ने मंसूर और खान के नाम की सिफारिश वाली फाइल लौटाते हुए उनके नाम पर फिर से विचार करने को कहा था. करीब ढाई साल तक फाइल को लंबित रखने के बाद सरकार ने पिछले महीने फाइल लौटाई थी. शुक्रवार को जस्टिस जे चेलमेश्वर के सेवानिवृत होने के बाद पांच सदस्यीय कोलेजियम का पुनर्गठन करना होगा. उच्चतम न्यायालय के शीर्ष पांच जज कोलेजियम का हिस्सा होते हैं ।नए सदस्य से युक्त कोलेजियम को इन दो नामों पर फैसला करना होगा. दोनों वकील इलाहाबाद हाईकोर्ट में वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर नियमित तौर पर पेश हो रहे हैं।इस बीच , सरकार ने जम्मू - कश्मीर हाईकोर्ट के जज पद पर नियुक्ति के लिए वकील नजीर अहमद बेग के नाम की सिफारिश लौटाने का भी फैसला किया है. तीन अन्य नामों - वसीम सादिक नरगल , सिंधु शर्मा और जिला जज राशिद अली डार - पर कानून मंत्रालय अभी विचार कर रहा है. सरकार ने इस बाबत अभी कुछ नहीं कहा है कि बेग का नाम कोलेजियम को क्यों लौटाया गया ।
सरकार ने शिकायतों के आधार पर दूसरी बार कोलेजियम द्वारा भेजी गई फ़ाइल को लौटाया
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
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June 24, 2018
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