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कुमार स्वामी की सरकार पर घिरने लगे संकट के बादल !

कर्नाटकः उठने लगे विरोध के स्वर, आखिर कब तक चलेगी कुमारस्वामी की सरकार
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार को बने अभी कुछ दिन भी नहीं बीते कि मंत्रिमंडल को लेकर फूट पड़नी शुरू हो गई है. करीब एक दर्जन नेता जिनको कैबिनेट में जगह नहीं मिली, उन्होंने विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है.।उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के घर पर हुई देर रात की मीटिंग में भी इसका कोई हल नहीं निकल पाया और असंतुष्ट विधायकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. नामी विधायक एमबी पाटिल, रोशन बेग, शमनूर शिवशंकरप्पा और सतीश झरकिहोली, एम कृष्नप्पा, दिनेश गुंडुराव, ईश्वर खांड्रे उन विधायकों में शामिल हैं जो कि कैबिनेट में मंत्रियों के चुनाव को लेकर खासतौर पर असंतुष्ट हैं.। कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता पाटिल, गुंडूराव, बेग, रेड्डी, झरकिहोली और शिवशंकरप्पा का मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाना चौंकाने वाला था. अपमानित महसूस करते हुए वो लोग इस पर सवालिया निशान लगा रहे हैं.। एमबी पाटिल और ईश्वर खांड्रे ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा दिए जाने के लिए मुहिम में सबसे आगे थे. 89 साल के शिवशंकरप्पा ने वीरशैव लिंगायत को अलग धर्म बनाना चाहते थे. पाटिल सिद्धारमैया सरकार में जल संसाधन मंत्री थे. उन्होंने कहा कि अब अगर उन्हें मंत्री पद दिया भी जाएगा तो भी वे उसे स्वीकार नही करेंगे क्योकि वो दोयम दर्जे के नागरिक नहीं हैं.।
दिनेश गुंडुराव केपीसीसी का अध्यक्ष न बनाए जाने की वजह से गुस्सा हैं. गुंडुराव बेंगलुरू की गांधीनगर सीट से लगातार 5 बार विधायक रहे हैं. पार्टी के दूसरे नेताओं का आरोप है कि जी परमेश्वर पार्टी के दसरे नेताओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि सिद्धारमैया के करीबी रहे नेताओं की ताकत को बढ़ने से रोकने की कोशिश वो कर रहे हैं.