संपादक शुजात बुखारी की मौत के बाद भी छपा अखबार, ऐसे दी श्रद्धांजलि
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि बुखारी की हत्या के बावजूद अखबार का छपना ही उनके लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है. क्योंकि बुखारी भी यही चाहते थे. उमर अब्दुल्लाह ने अपने ट्विटर पर अखबार की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा " इस असहनीय दुख की घड़ी में भी बुखारी के सहकर्मियों ने ये हिम्मत जुटाई और अखबार का शुक्रवार एडिशन छापा. काम के प्रति अपनी लगन और क्षमता को दिखाते हुए अपने मालिक को ये सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है. ।
बुखारी की हत्या पर जम्मू-कश्मीर समेत पूरे देश में कड़ा विरोध जताया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर के गवर्नर एनएन वोहरा ने बुखारी की मौत को पत्रकारिता जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया. वोहरा ने परिवार को इस दुखद घड़ी में हिम्मत से काम लेने का संदेश भी दिया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की.
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी वरीष्ठ पत्रकार बुखारी की मौत का विरोध किया. मुफ्ती ने बुखारी की हत्या को बेहद दर्दनाक बताया. अपने बयान में मुफ्ती ने कहा " पत्रकारिता को समर्पित बुखारी का पूरा जीवन राज्य के लिए मिसाल है. लोगों ने उन्हें हमेशा आम जनता के मुद्दे उठाते हुए देखा है. बुखारी हमेशा अपने संपादकीय के ज़रिए लोगों के मुद्दे उठाते रहे हैं, लेकिन अफसोस आज लोगों की इस आवाज को बेहद दर्दनाक तरीके से शांत कर दिया गया.
मुफ्ती उस अस्पताल में भी पहुंची जहां गोली लगने के बाद बुखारी को ले जाया गया. इस मौके पर परिवार के असहनीय दुख के लिए भी मुफ्ती ने गहरा शोक जताया.
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी वरीष्ठ पत्रकार बुखारी की मौत का विरोध किया. मुफ्ती ने बुखारी की हत्या को बेहद दर्दनाक बताया. अपने बयान में मुफ्ती ने कहा " पत्रकारिता को समर्पित बुखारी का पूरा जीवन राज्य के लिए मिसाल है. लोगों ने उन्हें हमेशा आम जनता के मुद्दे उठाते हुए देखा है. बुखारी हमेशा अपने संपादकीय के ज़रिए लोगों के मुद्दे उठाते रहे हैं, लेकिन अफसोस आज लोगों की इस आवाज को बेहद दर्दनाक तरीके से शांत कर दिया गया.
मुफ्ती उस अस्पताल में भी पहुंची जहां गोली लगने के बाद बुखारी को ले जाया गया. इस मौके पर परिवार के असहनीय दुख के लिए भी मुफ्ती ने गहरा शोक जताया.