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अद्भुत आविष्कार चावल के दाने के बराबर कम्प्यूटर :- अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के संयुक्त प्रयास से बना सबसे छोटा कम्प्यूटर

अमेरिका में बना दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर, साइज़ चावल के दाने से भी कम


मिशिगन यूनिवर्सिटी 23 जून 2018 ।।
अमेरिका की मिशिगन यूनिर्वसिटी ने दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर बनाया है. 0.3 मिलीमीटर x 0.3 मिलीमीटर आकार वाला ये कंप्यूटर साइज़ में चावल के दाने से भी छोटा है. इस कंप्यूटर का आकार आईबीएम के सबसे छोटे कंप्यूटर से 10 गुना कम है. इस कंप्यूटर की खासियत ये है कि ये स्विच्ड ऑफ होते ही पुराना डेटा डिलीट कर देता है. मिशिगन यूनिवर्सिटी के मुताबिक, ये कंप्यूटर कैंसर के इलाज के नए तरीके खोजने में मददगार साबित हो सकता है.

मिशिगन यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग  प्रोफेसर ने बताया, "इस कंप्यूटर में RAM और फोटोवॉलटाइक्स के अलावा, माइक्रो-कंप्यूटिंग डिवाइस 'मिशिगन माइक्रो मोटे' लगी है. इसमें प्रोसेसर्स, वायरलेस ट्रांसमिटर्स और रिसीवर्स भी लगे हैं. जैसा कि इस कंप्यूटर में लगे रिसीवर्स 'मोटे' पारंपरिक रेडियो एंटीना से भी छोटे होते हैं. इसलिए ये विजिबल लाइट में ही डेटा को रिसीव और ट्रांसमिट करते हैं. बेस स्टेशन लाइट प्रोवाइड कराता है, जिससे प्रोग्रामिंग चलती है और डेटा रिसीव होती है."।
के प्रोफेसर डेविड ब्लाउ की अगुवाई में इस कंप्यूटर को तैयार किया गया है. प्रोफेसर ब्लाउ ने बताया, "हम यकीन से नहीं कह सकते कि इसे कंप्यूटर कहा जाना चाहिए या नहीं. क्योंकि, ये बहुत ही छोटा है. यह एक राय वाली बात है कि इनमें कंप्यूटर की तरह न्यूनतम फंक्शन वाली चीजें हैं या नहीं.”
प्रोफेसर डेविड ब्लाउ के मुताबिक, इस कंप्यूटर से कई तरह के काम लिए जा सकते हैं. इसका इस्तेमाल कई उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस कंप्यूटर को खास तौर पर टेंपरेचर सेंसर के लिए तैयार किया गया है. यह कंप्यूटर टेंपरेचर को टाइम इंटरवल में बदल सकता है. जिसे इलेक्ट्रॉनिक पल्स कहते हैं. प्रोफेसर ब्लाउ का कहना है कि इस कंप्यूटर का इस्तेमाल ऑन्कोलॉजी यानी कैंसर के इलाज के लिए किया जा सकता है.।
बता दें कि इससे पहले साल 2015 में अब तक का सबसे छोटा कंप्‍यूटर बना था, जिसे मिशिगन माइक्रो मोटे ने 2 x 2 मिलीमीटर आकार में बनाया था. अब ये नया कंप्‍यूटर आकार में उस का भी आधा है. कंपनी का दावा है यह नन्‍हा कंप्‍यूटर आने वाले 5 सालों में तकनीकी दुनिया को पूरी तरह से बदलकर रख देगा ।