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संघियो, बीजेपी कार्यकर्ताओं को प्रशासनिक पद देने की साजिश कर रही है मोदी सरकार :- सीताराम येचुरी

अधिकारियों की लेटरल एंट्री से सिस्टम में आएगा बड़ा बदलावः नीति आयोग के CEO
नई दिल्ली । 
कामरेड सीताराम येचुरी इस योजना को सरकार द्वारा अपने समर्थकों को प्रशासनिक अधिकार देने के प्रयास के रूप में देख रहे । वही पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और कांग्रेस प्रवक्ता ने भी इस योजना को भाजपा कार्यकर्ताओं , आरएसएस के लोगो और समर्थक प्राइवेट कंपनियों के लोगो को प्रशासनिक अधिकार देने के मोदी सरकार के साजिश के रूप में देख रहे है ।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि सरकार में वरिष्ठ पदों पर अधिकारियों की लेटरल एंट्री से सिस्टम में बड़ा बदलाव आएगा. । श्री कांत ने कहा कि इस आइडिए पर लंबे समय से विचार चल रहा था.।कांत ने कहा, 'इससे सिस्टम में काफी नयापन आएगा. सरकार को इसका फायदा उठाना चाहिए. सरकार ने इस दिशा में पारदर्शी तरीके से कदम उठाए हैं. कुछ क्षेत्रों में विशेषज्ञता की जरूरत होती है. मेरिट के आधार पर ज्वॉइंट सेक्रेटरी की नियुक्ति के लिए सिलेक्शन कमिटी का गठन भी किया गया है.'।एक न्यूजपेपर में छपे विज्ञापन के अनुसार, मोदी सरकार को लैटरल एंट्री के तहत 10 ज्वाइंट सेक्रेटरी के पोस्ट के लिए 'टैलेंटेड और मोटिवेटेड' भारतीयों की तलाश है. DOPT की अधिसूचना के तहत राजस्व, वित्तीय सेवा, आर्थिक मामले, कृषि, किसान कल्याण, सड़क परिवहन और हाइवे, शिपिंग, पर्यावरण विभाग में ज्वॉइंट सेक्रेटरी के लिए आवेदन मांगे गए हैं.।अपने इस कदम को लेकर केंद्र सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है. नौकरशाह रह चुके कांग्रेस प्रवक्ता पीएल पुनिया ने कहा कि सरकार ने सत्ताधारी पार्टी के लोगों को भर्ती करने के लिए यह कदम उठाया है. यह पूरी तरह गलत है. सरकार प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले अपने करीबियों के अतिरिक्त आरएसएस, बीजेपी और उससे संबंधित संगठनों के लोगों को भर्ती करेगी.।सरकार के कदम पर सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यह 'संघियों' को प्रशासनिक रैंक देने के लिए की गई कोशिश है. ट्विटर पर सीताराम येचुरी ने कहा, "समयबद्ध यूपीएससी और एसएससी को कमतर करने की कोशिश क्यों की जा रही है? बीजेपी के पिछले कुछ महीनों के कार्यकाल में संघियों को आईएएस रैंक देने और रिजर्वेशन को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं."