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बोले जयवर्द्धन :- सीएम नही बनेंगे दिग्विजय सिंह

 जयवर्धन बोले- सीएम नहीं बने दिग्विजय सिंह

गौरव पांडेय की रिपोर्ट


1 जुलाई 2018  ।।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह देश और राज्य की राजनीति में हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं. अपने कामों और बयानों की वजह से वह कभी विपक्षी नेताओं तो कभी खुद कांग्रेस के लिए सिरदर्द बने रहे, लेकिन सियासी पंडितों ने कभी भी दिग्विजय सिंह की राजनीतिक समझ पर कोई दो राय नहीं व्यक्त की.

दिग्विजय के विरोधी भले ही उनके बयानों और कार्यशैली को लेकर उन पर निशाना साधते हों, लेकिन दिग्विजय के बेटे और मध्य प्रदेश में कांग्रेस का युवा चेहरा बनकर उभर रहे जयवर्धन सिंह इन बातों पर अपना बहुत ही साफ रुख रखते हैं. उनका मानना है कि दिग्विजय सिंह ने एक राजनेता के तौर पर बहुत ही नायाब पारी खेली है. राघौगढ़ से दिग्विजय सिंह की गैरमौजूदगी में उनकी पारिवारिक ही नहीं राजनीतिक विरासत को भी संभाल रहे जयवर्धन सिंह पिछले चुनावों में राघौगढ़ से पहली बार विधायक बने हैं ।
गौरव पांडेय से बातचीत में जयवर्धन सिंह ने कहा कि 70 साल की उम्र में भी एक नेता के तौर पर कांग्रेस पार्टी के लिए दिग्विजय सिंह का समर्पण देखने लायक है. उनका मानना है कि दिग्विजय सिंह 24x7 राजनेता हैं. जयवर्धन सिंह ने अपने राजनीतिक करियर, दिग्विजय सिंह और उनके बयानों पर खुलकर बातचीत की.

विरासत में मिली सियासत
राघौगढ़ दिग्विजय सिंह की पुरखों की जमीन रही है. दिग्विजय सिंह के पिताजी बलभद्र सिंह मध्य प्रदेश की पहली विधानसभा में विधायक थे. उसके बाद 1977 में दिग्विजय सिंह भी पहली बार वहीं से विधायक बने. उसके बाद 2013 में जयवर्धन सिंह भी वहीं से विधायक बने. वहां की राजनीति और अपने विजन के बारे में जयवर्धन बड़ी ही साफगोई से कहते हैं कि विकास की कोई सीमा नहीं होती. जयवर्धन यूरोपीय देशों का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि समय और पीढ़ी के अनुसार विकास की भी परिभाषा बदलती रहती है.
राजनीति और अपने विजन के बारे में जयवर्धन बड़ी ही साफगोई से कहते हैं कि विकास की कोई सीमा नहीं होती है. वो यूरोपीय देशों का उदाहरण देते हैं और कहते हैं कि समय और पीढ़ी के अनुसार विकास की भी परिभाषा बदलती रहती है. हालांकि उनका यह मानना है कि राघौगढ़ के प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार देना उनका लक्ष्य है.


दिग्विजय के बयानों से कोई दिक्कत नहीं
दिग्विजय सिंह अपने बयानों की वजह से सुर्ख़ियों में बने रहते हैं. उनके बयानों की तीखी आलोचना विपक्ष तो करता ही है, कभी-कभी कांग्रेस पार्टी भी असहज हो जाती है. वहीं इसके उलट जयवर्धन सिंह बेहद शांत और संतुलित नजर आते हैं. उनके बयान को लेकर कभी ज्यादा विवाद होता दिखा भी नहीं. इस बात पर जयवर्धन सिंह का कहना है कि दिग्विजय सिंह के बयानों को हमेशा तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है. उनके बयानों से किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. वे हमेशा देशहित और कांग्रेस पार्टी के हित की ही बात करते हैं.

नर्मदा यात्रा: राजनीतिक या व्यक्तिगत?
दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा उनके राजनीतिक जीवन की बहुत बड़ी टर्निंग पॉइंट रही है. नर्मदा यात्रा का प्रबंधन जयवर्धन सिंह के हाथों में था. यह पूछने पर कि क्या नर्मदा यात्रा दिग्विजय सिंह की राजनीतिक यात्रा थी, तो जयवर्धन ने कहा कि नर्मदा यात्रा पूर्ण रूप से व्यक्तिगत और आध्यात्मिक थी. यहां जयवर्धन यह बताने से भी नहीं चूके कि दिग्विजय की नर्मदा यात्रा को न सिर्फ कांग्रेस नेताओं ने सराहा, बल्कि विपक्ष के भी कई नेताओं ने इस यात्रा की सराहना की.

जयवर्धन कहते हैं कि नर्मदा यात्रा से दिग्विजय सिंह ने उन लोगों को भी जवाब दिया है जो उन्हें हमेशा एंटी-हिंदू कहा करते थे.


एंटी-हिंदू कहने वालों को दिया जवाब
जयवर्धन कहते हैं कि नर्मदा यात्रा से दिग्विजय सिंह ने उन लोगों को भी जवाब दिया है जो उन्हें हमेशा हिंदू विरोधी कहा करते थे. नर्मदा यात्रा को दिग्विजय सिंह द्वारा फिटनेस चैलेंज से जोड़ने पर जयवर्धन कहते हैं कि इस उम्र में भी इतनी लंबी यात्रा करना अपने आप में बड़ी बात है और वो मानते हैं कि दिग्विजय ने यात्रा पहले की और फिटनेस चैलेंज तो बाद में आया. उन्होंने कहा कि यात्रा को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई लेकिन यह पूर्ण रूप से धार्मिक यात्रा थी.

एमपी में कांग्रेस नेताओं के बीच समन्वय
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और बार-बार कांग्रेस में गुटबाजी नजर आती है. वहीं जयवर्धन का मानना है कि कमलनाथ के नेतृत्व में पार्टी एकजुट हुई है. हालांकि वो ये मानते हैं कि गुटबाजी दूर करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है, लेकिन फिर भी कहते हैं कि बीते कुछ महीनों से पार्टी को एकजुट करने का काम हुआ है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, चुनाव प्रचार समिति के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने काफी मेहनत की है और आगे भी कर रहे हैं.

जयवर्धन कहते हैं कि चुनावों में अगर एक साथ मिलकर काम किया गया तो अच्छा परिणाम दिया जा सकता है. वो इस बात पर भरपूर जोर देते हैं कि मध्य प्रदेश की जनता इस बार कांग्रेस को ही चुनेगी.

शिवराज के राज में बेरोजगारी बढ़ी
जयवर्धन सिंह कहते हैं कि बीते 15 सालों में प्रदेश में बेरोजगारी खूब बढ़ी है. शिवराज सिंह चौहान जबसे मुख्यमंत्री बने हैं वो सिर्फ घोषणाएं कर रहे हैं. पढ़ें-लिखे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं. दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल में जितनी योजनाएं लागू की गईं उनका श्रेय लिया जा रहा है, जितने प्रोडक्शन शुरू हुए उनको अब दिखाया जा रहा है.

जयवर्धन कहते है कि कांग्रेस सरकार के समय का बजट आज के बजट की तुलना में पांच गुना कम था, इसके बावजूद भी उस समय ऐसी नीतियां बनाईं थीं जिसका लाभ आज भी मिल रहा है, बिजली के बड़े प्लांट्स भी उसी समय लगाए गए थे. जयवर्धन का कहना है कि किसान जितने मध्य प्रदेश में परेशान हैं उतना कहीं नहीं परेशान हैं. वो ये भी कहते हैं कि यह एक तथ्य है कि भाजपा के शासनकाल में पूरे प्रदेश में एक भी बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हुआ है.

'दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल में जितनी योजनाएं लागू की गईं उनका श्रेय लिया जा रहा है, जितने प्रोडक्शन शुरू हुए उनको अब दिखाया जा रहा है'


प्रचार पर ज्यादा खर्च करती है BJP
जयवर्धन सिंह इस बात पर तर्क भी देते हैं कि जितना प्रचार BJP करती है और जितना उस पर खर्च करती है उतना कांग्रेस नहीं कर पाती है. उनका मानना है कि BJP करती कम है और बात ज्यादा करती है. लेकिन कांग्रेस करने में यकीन रखती है. कांग्रेस जनता की सेवा में यकीन करती है.

चुनाव से पहले मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी?
इस सवाल पर जयवर्धन का वही जवाब है जो अमूमन किसी भी पार्टी के नेता का होता है. उनका कहना है कि मुझे अभी विधायक की जिम्मेदारी मिली हुई है और मैं उसे निभा रहा हूं. और अगर पार्टी कोई और जिम्मेदारी देती है तो उसे भी निभाने के लिए तैयार हूं. और एक नेता के तौर पर हमें कोई पद नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए काम करना चाहिए.

यूथ कांग्रेस की बात पर जयवर्धन का कहना है कि अभी चुनाव तक कोई बड़ा फेरबदल संभव नहीं है, सबका ध्यान चुनाव पर है, अगर कोई फेरबदल होगा भी तो चुनाव के बाद ही संभव है.

राहुल गांधी हैं सर्वमान्य नेता
जयवर्धन सिंह कहते हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस के सर्वमान्य नेता हैं ये भी कहते हैं कि जिस तरह देश में राहुल गांधी कांग्रेस के लीडर हैं उसी तरह कमलनाथ जी मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लीडर हैं. जयवर्धन सिंह कहते हैं कि कमलनाथ जी के आने से बहुत फर्क पड़ा है. चुनावों को ध्यान में रखते हुए जितने भी काम उन्होंने किए हैं वो अच्छा परिणाम देंगे, क्योंकि प्रदेश के कई संभागों और जिलों में दिग्गज नेताओं की मांग थी और कमेटियां गठित करने से, कार्यकारी अध्यक्ष बनाने से ये चीजें आसान हो गईं कि हम जनता तक अब पहुंच पा रहे हैं.

लोकप्रिय नेता हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया 
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में जयवर्धन की राय बहुत ही स्पष्ट है. वो मानते हैं कि जितनी लोकप्रिय युवाओं के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया की है उतनी शायद किसी अन्य नेता की नहीं है. उनका ट्रैक रिकॉर्ड साफ-सुथरा है और अब अनुभव भी काफी हो गया है. जयवर्धन कहते हैं कि जब भी समय मिलता है मैं सिंधिया से मिलता हूं, उनसे सीखता हूं.

सीएम की रेस से बाहर हैं दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह के राजनीतिक मुकाम के बारे में जयवर्धन सिंह फिर वही बात दोहराते हैं कि दिग्विजय सिंह ने जीवन भर कांग्रेस की सेवा की है और कांग्रेस में उन्होंने बड़े से बड़ा पद हासिल किया है. अब कुछ और ज्यादा हासिल करना उनके लिए बचा नहीं है. वो खुद भी अपने आप को सीएम की दौड़ से बाहर कर चुके हैं. अब उनका फोकस आगमी विधानसभा चुनाव है, जिसमें वे कांग्रेस को एकजुट करेंगे.

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में युवाओं की भूमिका
जयवर्धन सिंह का कहना है कि इस बार मध्य प्रदेश में चुनाव में किसानों का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा होगा. इसके अलावा शिवराज सरकार युवाओं और महिलाओं के मामले में भी फेल रही है. कांग्रेस चुनाव में भी युवाओं पर फोकस करेगी ।
(साभार न्यूज 18)