महबूबा का अमित शाह पर पलटवार :- हर फैसले में साथ थी बीजेपी
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार गिरने के बाद दोनों ही पार्टी के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है । जम्मू क्षेत्र के साथ भेदभाव को लेकर अमित शाह के आरोप पर महबूबा मुफ्ती ने करारा जवाब दिया है । उन्होंने ट्वीट किया कि सरकार के हर फैसले में बीजेपी बराबर की हिस्सेदार थी और पिछले तीन सालों में इन मुद्दों पर बीजेपी के नेताओं ने एक बार भी कुछ नहीं कहा ।
गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ाई में पीडीपी नर्म रवैया अपना रही है । बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक दिन पहले आरोप लगाया कि जम्मू क्षेत्र में विकास के लिए जारी किए फंड्स का इस्तेमाल ही नहीं किया गया । इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह दुखद है कि बीजेपी अपने ही फैसले से मुंह मोड़ते हुए इसे सॉफ्ट अप्रोच का नाम दे रही है.।मुफ्ती ने ट्वीट किया, “हमारे पूर्व सहयोगी हम पर लगातार झूठे आरोप लगा रहे हैं. गठबंधन को लेकर हमारी निष्ठा जिसमें राम माधव और सीनियर लीडर राजनाथ सिंह की सहमति थी कभी कम नहीं हुई. यह दुखद है कि वे अब अपनी ही पहल से मुकर रहे हैं और इसे सॉफ्ट अप्रोच (नर्म रवैया) का नाम दे रहे हैं.”।बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को आरोप लगाया था कि महबूबा मुफ्ती सरकार में हिंदू बहुल जम्मू क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे छूट गया. उन्होंने दावा किया कि जम्मू के साथ भेदभाव की वजह से ही उनकी पार्टी ने पीडीपी के साथ चार साल पुराना गठबंधन तोड़ने का फैसला किया.
गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ाई में पीडीपी नर्म रवैया अपना रही है । बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक दिन पहले आरोप लगाया कि जम्मू क्षेत्र में विकास के लिए जारी किए फंड्स का इस्तेमाल ही नहीं किया गया । इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह दुखद है कि बीजेपी अपने ही फैसले से मुंह मोड़ते हुए इसे सॉफ्ट अप्रोच का नाम दे रही है.।मुफ्ती ने ट्वीट किया, “हमारे पूर्व सहयोगी हम पर लगातार झूठे आरोप लगा रहे हैं. गठबंधन को लेकर हमारी निष्ठा जिसमें राम माधव और सीनियर लीडर राजनाथ सिंह की सहमति थी कभी कम नहीं हुई. यह दुखद है कि वे अब अपनी ही पहल से मुकर रहे हैं और इसे सॉफ्ट अप्रोच (नर्म रवैया) का नाम दे रहे हैं.”।बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को आरोप लगाया था कि महबूबा मुफ्ती सरकार में हिंदू बहुल जम्मू क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे छूट गया. उन्होंने दावा किया कि जम्मू के साथ भेदभाव की वजह से ही उनकी पार्टी ने पीडीपी के साथ चार साल पुराना गठबंधन तोड़ने का फैसला किया.
शाह ने कहा, “सरकार कभी भी बैलेंस नहीं रही. ऐसे में हमने तय किया कि ऐसी सरकार में रहने से बेहतर विपक्ष में बैठना होगा. हम एक ऐसी सरकार को कैसे चलने दे सकते हैं जो कि जम्मू और लद्दाख का विकास नहीं होने दे रही?”
मुफ्ती ने शाह के दावों को खारिज करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किये. उन्होंने लिखा, “जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव के दावों में कोई सच्चाई नहीं है. ये सच है कि घाटी में लंबे समय से तनाव है और 2014 में आई बाढ़ एक बड़ा झटका थी, ऐसे में घाटी में अधिक ध्यान देने की जरूरत थी. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कहीं और विकास नहीं हुआ.”
मुफ्ती ने बीजेपी को सुझाव दिया कि उसे अपने मंत्रियों के काम की समीक्षा करनी चाहिए. मुफ्ती ने लिखा, “जमीन पर क्या हुआ, नतीजे सभी के सामने हैं. उन्हें अपने मंत्रियों के काम की समीक्षा करनी चाहिए जिनमें से ज्यादातर जम्मू क्षेत्र से हैं. इनमें से किसी ने भी पिछले तीन सालों में न राज्य के स्तर पर और न ही केंद्र के स्तर पर इस संबंध में बात की.”बीजेपी ने पिछले सप्ताह खुद को गठबंधन से अलग कर सभी को चौंका दिया था. विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी ने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि उनका पारंपरिक वोटबैंक रमजान सीजफायर के फैसले से नाराज हो गया था.
इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का जिक्र करते हुए बीजेपी के जम्मू-कश्मीर प्रभारी राम माधव ने कहा, “नर्म रवैये के कारण ही पुलिस और पत्रकार मारे जा रहे हैं."।