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अगले साल पता चल पायेगा कि स्विस बैंक में किसका किसका धन -पीयूष गोयल

स्विस बैंक में किसका-कितना पैसा, अगले साल तक चलेगा मालूम - पीयूष गोयल

    नई दिल्ली 29 जून 2018 ।।
    केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि अगले साल तक कालाधन का सारा डेटा भारत में वापस आ जाएगा. गोयल का यह बयान SNB के उस डेटा के तुरंत बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि साल 2017 तक भारत के हिस्से का काला धन 50 फीसदी और बढ़कर 7,000 करोड़ हो गया.
    वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने कहा कि भारत सभी द्विपक्षीय संधि के तहत सभी बैंक खातों की जानकारी लेना शुरू करेगा. उन्होंने इस पर भी आश्चर्य जताया कि कैसे स्विस बैंक में सभी जमा कालाधन मान लिया जाए. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर कोई भी कुछ गलत करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।तुलनात्मक रूप से, स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) द्वारा जारी आधिकारिक वार्षिक आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों के सभी विदेशी ग्राहकों द्वारा आयोजित कुल फंड लगभग 3 प्रतिशत बढ़कर 1.46 ट्रिलियन या 2017 में 100 लाख करोड़ रुपये हो गए ।
    स्विस बैंकों के साथ भारतीय धन में बढ़ोत्तरी आश्चर्यजनक है क्योंकि विदेशों में रखे काले धन पर भारत लगातार कठोर नीति अपना रहा है. 2016 में स्विस बैंकों में भारतीय धन में 45 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जो अपने सबसे बड़े सालाना गिरावट के साथ 676 मिलियन (लगभग 4,500 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई थी. स्विस बैंक ने डेटा साल 1987 से सार्वजनिक शुरू करना किया, उसके बाद यह सबसे बड़ी गिरावट थी.
    एसएनबी आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंकों के साथ सीधे भारतीयों द्वारा आयोजित कुल फंड 2017 में 99 9 मिलियन स्विस फ्रैंक (6,8 9 1 करोड़ रुपये) तक पहुंच गए, जबकि फिडूशीएरी या संपत्ति प्रबंधकों के माध्यम से 16.2 मिलियन (112 करोड़ रुपये) हो गए. साल 2016 के अंत में ये आंकड़े क्रमश: 664.8 मिलियन और 11 मिलियन थे. नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 के अंत में स्विस बैंकों में भारतीय धन में ग्राहक जमा के रूप में 464 मिलियन (3,200 करोड़ रुपये), अन्य बैंकों के माध्यम से 152 मिलियन (1,050 करोड़ रुपये) और 383 मिलियन (2,640 करोड़ रुपये) अन्य देनदारियों के रूप में शामिल थे ।
    एसएनबी के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले तीन वर्षों में सभी श्रेणियों में भारी गिरावट के चलते सभी तीनों सिरों के तहत धन तेजी से बढ़ गया है. अकेले फिडूशीएरी के माध्यम से साल 2007 तक अरबों में इस्तेमाल होता था लेकिन इसके बाद  कड़ी कर्रवाई डर के बीच गिरना शुरू हो गया.

    साल 2006 के अंत तक स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा कुल फंड 6.5 बिलियन (23,000 करोड़ रुपये) के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहे, लेकिन लगभग एक दशक में उस स्तर का लगभग दसवां हिस्सा नीचे आ गया.