हाफिज सईद को झटका, PAK चुनाव आयोग ने MML को रजिस्टर करने से किया इनकार
चुनाव आयोग ने यह फैसला आंतरिक (गृह) मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर लिया है. मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल), प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा की विचारधारा से इत्तेफाक रखता है. गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट का आधार इंटेलीजेंस एजेंसियों से मिली जानकारियों को बनाया है.दरअसल, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान चुनाव आयोग से कहा था कि वह एमएमएल को राजनीतिक पार्टी के तौर पर रजिस्टर न करने के फैसले की समीक्षा करे. बुधवार को चुनाव आयोग ने अपने फैसले की समीक्षा की, फिर अब्दुल गफ्फार सूमरो की अध्यक्षता वाली आयोग की चार सदस्यीय बेंच ने हाफिज सईद की अर्जी को खारिज कर दिया.
अपने आदेश में बेंच ने कहा कि आंतरिक मामलों के मंत्रालय की टिप्पणियों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. मंत्रालय ने एमएमएल के संबंध प्रतिबंधित जमात- उद-दावा (जेयूडी) के नेता सईद से होने के कारण उसे राजनीतिक पार्टी के तौर पर रजिस्टर किए जाने को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर की थी. मंत्रालय ने कहा था कि एमएमएल प्रतिबंधित जेयूडी की ही एक शाखा है.
वहीं, एमएमएल के वकील ने कहा कि संघीय सरकार किसी भी राजनीतिक दल को मान्यता देने से इनकार नहीं कर सकती. उन्होंने कहा, 'ये कोई नहीं बता सकता कि भविष्य में कोई राजनीतिक दल किसी प्रतिबंधित संगठन से संबंधित होगा या नहीं.' उन्होंने कहा कि एमएमएल के नेता सैफुल्लाह खालिद का हाफिज सईद या जमात-उद-दावा से कोई लिंक नहीं है.
बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को संसद और प्रांतों को चुनाव होने हैं. हाफिज सईद खुद तो चुनाव लड़ेगा नहीं, लेकिन उसने 200 उम्मीदवार उतारने की बात कही है. (साभार एजेंसी )
वहीं, एमएमएल के वकील ने कहा कि संघीय सरकार किसी भी राजनीतिक दल को मान्यता देने से इनकार नहीं कर सकती. उन्होंने कहा, 'ये कोई नहीं बता सकता कि भविष्य में कोई राजनीतिक दल किसी प्रतिबंधित संगठन से संबंधित होगा या नहीं.' उन्होंने कहा कि एमएमएल के नेता सैफुल्लाह खालिद का हाफिज सईद या जमात-उद-दावा से कोई लिंक नहीं है.
बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को संसद और प्रांतों को चुनाव होने हैं. हाफिज सईद खुद तो चुनाव लड़ेगा नहीं, लेकिन उसने 200 उम्मीदवार उतारने की बात कही है. (साभार एजेंसी )