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इंफोसिस के खिलाफ चल रही है कोई जांच? गुमनाम व्हिसलब्लोअर का US अधिकारियों से सवाल



    न्यूयार्क 26 जून 2018 ।।

एक अज्ञात व्हिसलब्लोअर ने इंफोसिस से यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (US SEC) में Form 20F दाखिल करने में बेजा देरी पर सवाल उठाया है. व्हिसलब्लोअर ने यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या कंपनी के खिलाफ कोई जांच चल रही है.

व्हिसलब्लोअर ने पत्र में लिखा है, 'कंपनी की ओर से Form 20F फाइल करने में हो रही देरी से कई सवाल उठ रहे हैं और शेयर होल्डर्स के लिए भी रिस्क पैदा हो रहा है.' व्हिसलब्लोअर ने लिखा है, 'मैं आपसे आग्रह करता हूं कि कंपनी की ओर से शेयरहोल्डर्स को इसकी वाजिब वजह बताई जाए, इसके साथ ही यह भी पुष्टि करें कि क्या SEC के साथ कोई जांच लंबित है.'।
SEC को को पत्र रविवार को लिखा गया. नियमों के अनुसार एक कंपनी को Form 20F को US SEC में वित्तीय वर्ष खत्म होने के 4 महीने के भीतर जमा कर देना चाहिए. Infosys, अप्रैल से मार्च के वित्तीय वर्ष पर काम करती है, उसे जुलाई के आखिरी तक SEC के साथ जरूरी जानकारी साझा करना है.

पत्र में कहा गया है कि कंपनी आम तौर पर जो Form 20F फाइल करती है, उसमें मई और जून में जनरल मीटिंग के पहले शेयरहोल्डर के लिए उपयुक्त जानकारी होती है. पत्र में कहा गया है कि आश्चर्यजनक रूप से, इस साल, फॉर्म 20 एफ दायर नहीं किया गया है और एजीएम पहले ही हो चुका है. एजीएम 23 जून को बेंगलुरू में हुआ था.
पत्र में कहा गया है कि, अमेरिकी डिपोजिटरी रिसिप्ट्स (एडीआर) शेयरधारकों से वित्तीय विवरणों की पूरी जानकारी के बिना वोटिंग कराई गई. Form 20F में आंतरिक नियंत्रण, रिस्क इत्यादि की जानकारी होती है जो ADR शेयरहोल्डर्स के लिए फाइनैन्शल अप्रूव करने के लिए उपयुक्त होता है.


व्हिसलब्लोअर ने यह भी जानना चाहा कि क्या SEC की तरफ कोई जांच चल रही है, क्योंकि एक कंपनी तभी आमतौर पर ऐसी स्थितियों में अपनी वार्षिक फाइलिंग में देरी करती है. पत्र में यह भी पूछा गया है कि क्या बोर्ड से चेयरमैन रवि वेंकटेशन के इस्तीफे और Form 20F के फाइलिंग में को संबंध है?।

पत्र में व्हिसलब्लोअर ने लिखा है, 'आम तौर पर एक कंपनी SEC में अपनी सालाना फाइलिंग में देरी तब करती है, जब उसके खिलाफ जांच चल रही होती है. इसके अलावा, हाल ही में पूर्व सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन ने बिना किसी कारण बताए बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था. शेयरधारकों को यह पता होना है कि इन दो घटनाओं के बीच कोई संबंध है या नहीं.'।

पत्र में कहा गया है कि, कंपनी को इस मोर्चे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि वेंकटेशन पनाया के अधिग्रहण को मंजूरी देने में शामिल थे, जो बोर्ड प्रबंधन और संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के बीच विवाद की जड़ थी ।

इस बीच, इंफोसिस के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहेगी ।