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मानसरोवर यात्राः बचाव अभियान तेज़, 100 भारतीय श्रद्धालुओं को बचाया



    4 जुलाई 2018 ।।
    तिब्बत में कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा से लौटते समय भारी बारिश के कारण नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में फंसे तीर्थयात्रियों को बचाने की कोशिशें तेज़ कर दी गई हैं और बुधवार को करीब 100 भारतीय श्रद्धालुओं को बचाया गया ।

    भारतीय दूतावास ने बताया कि पांच कॉमर्शियल विमान और नेपाल सेना का एक हेलीकॉप्टर बुधवार को बचाव अभियान में शामिल हुए जिनकी मदद से नेपालगंज में खराब मौसम के कारण 96 भारतीय श्रद्धालुओं को सिमीकोट से सुरखेत लाया गया. हिल्सा - सिमीकोट मार्ग पर नेपाल सेना के तीन हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी ।
    दूतावास ने  बताया था कि 1500 तीर्थयात्रियों में से करीब 250 को मंगलवार को हिल्सा से सुरक्षित निकाला गया. साथ ही यह भी कहा कि हिल्सा में ढांचागत सुविधाएं नहीं है जबकि सिमीकोट में यात्रियों को उतारने, संचार और चिकित्सा सुविधाएं मौजूद हैं ।

    दूतावास ने बताया कि मंगलवार को कुल 158 लोगों को सिमीकोट से निकालकर नेपालगंज लाया गया. नेपालगंज आधुनिक सुविधाओं से लैस बड़ा शहर है और सड़क मार्ग से वहां से लखनऊ तीन घंटे में पहुंचा जा सकता है.

    दूतावास ने तीर्थयात्रियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए पहले ही हॉटलाइन बना दी है जिसमें तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषी कर्मचारी भी हैं ।

    भारतीय दूतावास ने बताया कि सोमवार को सिमीकोट में अधिक ऊंचाई में ऑक्सीजन की कमी से केरल की 56 साल की लीला नारायणन मंद्रीदथ और तिब्बत में दिल के दौरे से आंध्र प्रदेश की सत्या लक्ष्मी की मौत हो गई ।

    कैलाश मानसरोवर यात्रा के प्रमुख टूर ऑपरेटरों में से एक सन्नी ट्रैवल्स एंड ट्रेक्स के प्रबंध निदेशक तेनजिन नोरबू लामा ने बताया कि खराब मौसम के कारण वायु परिवहन संपर्क टूट गया जिसकी वजह से भारतीय तीर्थयात्री फंस गए लेकिन उनके खाने-पीने और ठहरने में कोई दिक्कत नहीं है.

    स्थानीय मीडिया ने लामा के हवाले से कहा, ‘‘पहाड़ी क्षेत्र में लंबे समय तक रहने के कारण ऑक्सीजन के कम दबाव से पीड़ित श्रद्धालुओं के लिए ऐसे इलाकों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं होती हैं.’’।