बलिया :- हैनिमैन के 175 वे परिनिर्वाण दिवस पर बोले डॉ एम इलियास -- सस्ती ,कारगर और भरोसेमंद पद्धति है होमियोपैथ
सस्ती ,कारगर और भरोसेमंद पद्धति है होमियो पैथ :- डॉ एम इलियास
बलिया 2 जुलाई 2018 ।।
अखिल भारतीय होमियो पैथिक मेडिकल एसोसिएशन शाखा बलिया के संरक्षक डॉ एम इलियास ने होमियो पैथिक के जनक हैनिमैन के 175 वी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया । डॉ इलियास ने कहा कि आज की तारीख में जितनी भी इलाज की पद्धतियां है उसमें होमियो पैथ सबसे भरोसेमंद ,कारगर
और किफायती है । साथ ही इस पद्धति में साइड इफेक्ट होता ही नही है । कहा कि लोगो मे एलोपैथ के लोगो द्वारा यह गलत अफवाह फैलायी गयी कि होमियो पैथ की दवाएं धीरे धीरे काम करती है जबकि ऐसा नही है । उदाहरण के रूप में अगर किसी के पेट मे दर्द है तो एलोपैथ में सुई लगाने से लेकर कई दवाइयां खिलायी जाती है जिसमे काफी समय लग जाता है जबकि होमियो पैथ की एक बूंद मिनट भर में ठीक कर देती है । ऐसे ही बिच्छू के काटने पर , पाईल्स के दर्द को , तेज बुखार , घबराहट हो , साइटिका का दर्द आदि को मिनटों में दूर किया जा सकता है । डॉ इलियास ने जनपद के सभी होमियो पैथ के चिकित्सकों से अनुरोध किया कि आप अपनी पद्धति से ही इलाज करे और अति आवश्यक न हो तो जांच न कराये । इससे मरीज के पैसे का अपव्यय होता है ।डॉ इलियास ने कहा कि होमियो पैथ ही एक ऐसी पद्धति है जिसमे रोग के लक्षण के आधार पर तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाता है । डॉ इलियास ने जांच के नाम पर एक्सरे , अल्ट्रा साउंड , सीटी स्कैन में डॉक्टरों के कमीशन को आवारा मनी की संज्ञा देते हुए इसको तत्काल रोकने की मांग की । बता दे कि इन जांचों में जांच के लिये लिखने वाले डॉक्टर्स को उनका कमीशन जांच करने वाला लैब या सेंटर संचालक ईमानदारी के साथ पहुंचा देते है ।
इस अवसर पर डॉ तारकेश्वर राय अध्यक्ष , डॉ सुधांशु शेखर सचिव , डॉ फिरोज फारूकी,डॉ विनोद कुमार सिंह,डॉ शैलेश पराशर,डॉ शादाब फारूकी ,डॉ अजमत अमीन,और डॉ एम ए खान मौजूद रहे ।
बलिया 2 जुलाई 2018 ।।
अखिल भारतीय होमियो पैथिक मेडिकल एसोसिएशन शाखा बलिया के संरक्षक डॉ एम इलियास ने होमियो पैथिक के जनक हैनिमैन के 175 वी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया । डॉ इलियास ने कहा कि आज की तारीख में जितनी भी इलाज की पद्धतियां है उसमें होमियो पैथ सबसे भरोसेमंद ,कारगर
और किफायती है । साथ ही इस पद्धति में साइड इफेक्ट होता ही नही है । कहा कि लोगो मे एलोपैथ के लोगो द्वारा यह गलत अफवाह फैलायी गयी कि होमियो पैथ की दवाएं धीरे धीरे काम करती है जबकि ऐसा नही है । उदाहरण के रूप में अगर किसी के पेट मे दर्द है तो एलोपैथ में सुई लगाने से लेकर कई दवाइयां खिलायी जाती है जिसमे काफी समय लग जाता है जबकि होमियो पैथ की एक बूंद मिनट भर में ठीक कर देती है । ऐसे ही बिच्छू के काटने पर , पाईल्स के दर्द को , तेज बुखार , घबराहट हो , साइटिका का दर्द आदि को मिनटों में दूर किया जा सकता है । डॉ इलियास ने जनपद के सभी होमियो पैथ के चिकित्सकों से अनुरोध किया कि आप अपनी पद्धति से ही इलाज करे और अति आवश्यक न हो तो जांच न कराये । इससे मरीज के पैसे का अपव्यय होता है ।डॉ इलियास ने कहा कि होमियो पैथ ही एक ऐसी पद्धति है जिसमे रोग के लक्षण के आधार पर तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाता है । डॉ इलियास ने जांच के नाम पर एक्सरे , अल्ट्रा साउंड , सीटी स्कैन में डॉक्टरों के कमीशन को आवारा मनी की संज्ञा देते हुए इसको तत्काल रोकने की मांग की । बता दे कि इन जांचों में जांच के लिये लिखने वाले डॉक्टर्स को उनका कमीशन जांच करने वाला लैब या सेंटर संचालक ईमानदारी के साथ पहुंचा देते है ।
इस अवसर पर डॉ तारकेश्वर राय अध्यक्ष , डॉ सुधांशु शेखर सचिव , डॉ फिरोज फारूकी,डॉ विनोद कुमार सिंह,डॉ शैलेश पराशर,डॉ शादाब फारूकी ,डॉ अजमत अमीन,और डॉ एम ए खान मौजूद रहे ।