बलिया - सिकन्दरपुर में मानसून की तरह ही हैंडपंपो ने भी की दगाबाजी ,अधिकतर ने छोड़े पानी , पानी की हुई किल्लत
मानसून के साथ हैंड पाइप के पानी ने भी छोड़ा साथ।।
नुरुल होदा खान की रिपोर्ट
सिकन्दरपुर(बलिया)07जुलाई 2018 ।। दो तीन दिन पानी बरसा कर जिस प्रकार मानसून ने दगाबाजी की है , अब मानसून की तरह ही क्षेत्र में लगे हैण्डपम्प भी दगाबाजी करने पर उतर आये है । लगातार क्षेत्र के हैण्डपम्प पानी छोड़ते जा रहे है । इसको देखते हुए जानकारों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ने लगी है और सूखे की संभावना से सभी भयभीत दिख रहे है ।अवर्षण की जारी स्थिति आमजन पर भारी पड़ने लगी है। जून से अबतक इलाके में एक भी ऐसी बारिश नही हुई है जिसे अच्छी कहा जाय। इस दौरान दो चार बार बारिश हुई भी है तो उससे मात्र जमीन का ऊपरी भाग भींग कर रह गया है। फलतः उमस भरी भीषण गर्मी और जलन पैदा करने वाले धूप ने लोगों को बेहाल कर के रख दिया है । उधर बारिश के अभाव में भूगर्भ जल हैंडपम्पों का साथ छोड़ता जा रहा है। अब तक केवल नगर में ही पांच दर्जन से ज्यादा हैण्डपम्प पानी देना बंद कर चुके हैं।साथ ही जो पानी दे भी रहे हैं वह इतना कम कि दर्जनों बार हैंडल दबाने पर भी एक बाल्टी नहीं भर पा रहा है। इससे लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। पेयजल की परेशानी तो हो ही रही है। लोगों के नहाने धोने के काम पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। कमोबेश यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में भी है। लोगों का कहना है कि इस प्रकार की स्थिति यहां पहली बार उतपन्न हुई है। जब बड़ी संख्या में हैंडपम्प पानी छोड़ दिये हैं। अवर्षण की यह स्थिति इसी प्रकार रही तो हालत और खराब हो सकती है।
नुरुल होदा खान की रिपोर्ट
सिकन्दरपुर(बलिया)07जुलाई 2018 ।। दो तीन दिन पानी बरसा कर जिस प्रकार मानसून ने दगाबाजी की है , अब मानसून की तरह ही क्षेत्र में लगे हैण्डपम्प भी दगाबाजी करने पर उतर आये है । लगातार क्षेत्र के हैण्डपम्प पानी छोड़ते जा रहे है । इसको देखते हुए जानकारों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ने लगी है और सूखे की संभावना से सभी भयभीत दिख रहे है ।अवर्षण की जारी स्थिति आमजन पर भारी पड़ने लगी है। जून से अबतक इलाके में एक भी ऐसी बारिश नही हुई है जिसे अच्छी कहा जाय। इस दौरान दो चार बार बारिश हुई भी है तो उससे मात्र जमीन का ऊपरी भाग भींग कर रह गया है। फलतः उमस भरी भीषण गर्मी और जलन पैदा करने वाले धूप ने लोगों को बेहाल कर के रख दिया है । उधर बारिश के अभाव में भूगर्भ जल हैंडपम्पों का साथ छोड़ता जा रहा है। अब तक केवल नगर में ही पांच दर्जन से ज्यादा हैण्डपम्प पानी देना बंद कर चुके हैं।साथ ही जो पानी दे भी रहे हैं वह इतना कम कि दर्जनों बार हैंडल दबाने पर भी एक बाल्टी नहीं भर पा रहा है। इससे लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। पेयजल की परेशानी तो हो ही रही है। लोगों के नहाने धोने के काम पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। कमोबेश यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में भी है। लोगों का कहना है कि इस प्रकार की स्थिति यहां पहली बार उतपन्न हुई है। जब बड़ी संख्या में हैंडपम्प पानी छोड़ दिये हैं। अवर्षण की यह स्थिति इसी प्रकार रही तो हालत और खराब हो सकती है।