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सर्जिकल स्ट्राइक योजना बनाने वाले अधिकारी का दावा - जरूरत पड़ने पर और जवान भेजते

सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने वाले ऑफिसर का दावा, जरूरत पड़ती तो और जवान भेजते

    नई दिल्ली 2 जुलाई 2018 ।।
    कुछ ही दिन पहले सरकार ने 2016 में पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी किया है, जिसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक एक बार फिर सुर्खियों में है. सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी करने के बाद इसकी योजना बनाने वाले सेना के अधिकारी ने भी इस पर नया खुलासा किया है. सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि अगर जरूरत पड़ती तो भारत और अधिक जवान भेजने के लिए तैयार था.

    सर्जिकल स्ट्राइक की योजना तैयार करने वाले उत्तरी कमांड के जनरल कमांडिंग ऑफिसर (जीओसी), लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) देवेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “हमने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सभी संभावित परिणामों के बारे में सोचा था. इनमें एक यह भी था कि अगर पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करता है तो हम क्या करेंगे?”। उन्होंने आगे कहा, “हमने अलग-अलग स्थितियों में क्या किया जाना चाहिए, इसपर योजनाएं बनाईं थी. मैं विस्तार में नहीं जाऊंगा पर निश्चित रूप से हमारा ध्यान इस पर था.”।
    बता दें कि 2016 में उरी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 28-29 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. अपनी इस कार्रवाई में भारत ने आतंकवादियों के कई लॉन्चपैड नष्ट कर दिए, जिसमें 30-70 के बीच आतंकी मारे गए ।
    रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि अगर पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई भी करेगा तो वह बहुत सीमित एक्शन होगा. उन्होंने कहा कि वह जानते थे कि भारत की तुलना में सीमित सैन्य क्षमता के कारण पाकिस्तान इतना बड़ा कदम नहीं उठाएगा कि दोनों देशों के बीच युद्ध हो जाए ।
    इसके साथ ही जनरल हूड्डा ने इस बात को स्वीकार किया कि सेना इससे पहले भी कई बार सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे चुकी थी, हालांकि उन्होंने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक को दो मामलों में अलग बताया ।
    उन्होंने कहा कि यह सर्जिकल स्ट्राइक बहुत बड़े स्तर पर किया गया था और दूसरी बात पहली बार सरकार ने खुलकर स्वीकार किया था कि हमने बॉर्डर पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया है. उनका कहना है कि इससे पहले जो भी सर्जिकल स्ट्राइक हुईं उन्हें आधिकारिक रूप से कभी स्वीकार नहीं किया गया ।
    सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बोलते हुए सेना के पूर्व अधिकारी ने कहा कि यह जोखिम से भरा काम था. हम इस बात को लेकर चिंता में थे कि अगर कुछ गलत हुआ तो फिर क्या होगा? यदि कोई जवान पकड़ लिया जाता है, अथवा शहीद हो जाता है या घायल हो जाता है तब क्या करेंग? उन्होंने कहा कि एक बार सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बन गई तो हमने भी तय कर लिया कि अगर जरूरत पड़ी तो और ज्यादा जवान भेजे जाएंगे.

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भले ही सर्जिकल स्ट्राइक न होने की बात कहता रहा लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी तरफ दशहत का माहौल था. उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से भारतीय सेना के मनोबल में वृद्धि हुई.

    सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए जाने को लेकर देवेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह उनके लिए थोड़ा निराशाजनक था. उन्होंने कहा अगर सेना में डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलेटरी) रैंक का एक अधिकारी कैमरे पर आकर घोषणा कर रहा है, तो लोगों को उस पर संदेह नहीं करना चाहिए।