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बलिया :- कवियित्री राधिका तिवारी के जन्मदिन पर कवियों से कविताओं से मचाया धमाल

पुरोविद साहित्यकार शिवकुमार कौशिकेय का भी साथ साथ मना जन्मदिन

बलिया 1 जुलाई 2018 ।। कवियत्री, अभिनेत्री, गायिका राधिका तिवारी के 74 वें और पुरोविद् साहित्यकार शिवकुमार सिंह कौशिकेय के जन्मदिन पर कवि साहित्यकारों ने मचाया धमाल। 
पूर्वांचल सांस्कृतिक प्रतिभा मंच उ0प्र0 द्वारा आयोजित कला साहित्य जगत की हस्तियों के जन्मोत्सव पर टाऊन डिग्री कालेज के संगीत प्रवक्ता डॉ0 अरविंद उपाध्याय ने सोहर 
" गह - गह करता अंगनवा कि साहू भवनवा ने हो । ए ललना पूरा भइल बाटे अरमनवां कि जनमे करनवा नू हो। " प्रस्तुत किया। कवि विजय बहादुर तिवारी ने कहा " हे परमेश्वर मेरे, इन्हें पार लगा देना। आँचल में खुशियों का अम्बार लगा देना। शिवजी पाण्डेय रसराज ने गीत प्रस्तुत किया। " खटलो के जोग नाहिं , मिलेला मजुरी सुनु रे ननदी। आगि लागो अइसन सुराज, सुनु रे ननदी। 
फतेहचन्द बेचैन ने कहा " नीयत का ठिकाना नहीं कब बदल जाएगी।  नजर तो नजर है जाने कब फिसल जाएगी ।" यमुना प्रसाद वर्मा ने व्यवस्था पर बेबाक प्रहार किया। 
" पूरब में सुरुज अब उगिहें की ना हो । मिलल आजादी नाहिं गइल अंधियारी हो। 
डाॅ0 जितेन्द्र स्वाध्यायी की प्रस्तुति " चमड़ा के जूता बा, कुकुर रखवार बा। का ओकर दोष देई, दोष तऽ हमार बा। 
रमाशंकर वर्मा मनहर ने गाया।  चाटि- चाटि अँसुवन के जीये द भलहीं बाकी, ठठरी निचोरी जान मारऽ जनि मितऊ। हास्य कवि भोजपुरी भूषण  नन्दजी नंदा ने नाहर जननी के चढली जवानी देके, अरि के छक्का छुड़ा राजधानी लेके, केतने बहिनी के सेनुर धुलवा माथ के, नेता हनीमून मनाई तऽ का करबऽ तू, का हो ना मनबऽ तू। 
डाॅ0 जनार्दन चतुर्वेदी कश्यप ने समाज में फैली नफ़रत पर प्रहार किया। देखि अदिमी के अदिमी डेराइल करे, प्रीति नफ़रत के झोंझे हेराइल करे, भाईचारा आपुस के गइल भाँड़ में, लोभे- छोभे के कोल्हू पेराइल करे । डाॅ0 राजेन्द्र भारती ने कामना किया।  वो मेरा हो जाये तो, एक दिन ऐसा आए तो। अधिवक्ता कवि ओमेश कुमार वर्मा ने परिवार की परिभाषा पढ़ा। हालत क्या बताऊँ, आज के समाज की। पति पत्नी ही है, परिभाषा परिवार की। ।इस मंगल कामना संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डाॅ0 शत्रुघ्न पाण्डेय  , विशिष्ट अतिथि डाॅ0 चन्द्रशेखर उपाध्याय , सांस्कृतिक प्रतिभा मंच के अध्यक्ष सुदेश्वर अनाम, मंत्री डाॅ0 संतोष गुप्ता, बीएन शर्मा मृदुल, आचार्य ध्रुवपति पाण्डेय ध्रुव, अशोक पत्रकार, डॉ दिनेश ठाकुर, सूरज समदर्शी, अमावस यादव बेताब आदि वक्ताओं ने साहित्यकार द्वय को बधाईयाँ दी। 
अध्यक्षता प्रो0 केपी श्रीवास्तव ने और संचालन शिवकुमार सिंह  कौशिकेय ने किया।