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महाराष्ट्र में बीजेपी की एकला चलने की तैयारी , शिवसेना के रुख से बढ़ रही है दूरी ,



    22 जुलाई 2018 ।।
    बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने महाराष्‍ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को 2019 का लोकसभा चुनाव शिवसेना के बिना लड़ने की तैयारी करने को कहा है । उन्‍होंने महाराष्ट्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं को सभी 48 लोकसभा और 288 विधानसभा सीटों पर अकेले लड़ने के लिए संगठन मजबूत करने के निर्देश दिए । शाह ने कहा कि सभी सीटों पर ऐसी स्थिति होनी चाहिए कि तीनों पार्टियों शिवसेना , कांग्रेस और एनसीपी के एक साथ लड़ने पर भी चुनाव बीजेपी जीते ।
    बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अविश्‍वास प्रस्‍ताव के दौरान शिवसेना के बर्ताव से नाराज हैं । बता दें कि शिवसेना ने पहले तो प्रस्‍ताव के विरोध में वोट करने के लिए व्हिप जारी किया था लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया था । बाद में शिवसेना की तरफ से राहुल गांधी के भाषण की तारीफ भी की गई थी ।इसने भी बीजेपी आलाकमान को नाराज किया है ।
    शिवसेना वर्तमान में महाराष्‍ट्र और केंद्र में बीजेपी के साथ है । इसके अलावा बृहन्‍मुंबई नगरपालिका (बीएमसी) में शिवसेना को बीजेपी ने समर्थन दिया है । इसके बावजूद शिवसेना लगातार केंद्र और राज्‍य की बीजेपी सरकार को निशाने पर लेती रही है. इसके चलते दोनों दलों के बीच दूरियां आ रही हैं ।

    बीजेपी अध्‍यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 23 सूत्री कार्यक्रम के तहत काम करने को कहा है. जिसमें प्रमुख हैं-
    1. ऑनलाइन जुड़ने वाले कार्यकर्ताओ को सक्रिय किया जाए.
    2. एक बूथ 25 यूथ के फॉर्मूले पर काम हो ।
    3. हर बूथ से बाइक रखने वाले पांच लोगों को जोड़ा जाए ।
    4. हर बूथ के मंदिर की लिस्ट, उनके ट्रस्टी और पुजारी का नंबर और डिटेल्स इकट्ठी की जाए ।
    5. हर बूथ में मस्जिदो की लिस्ट बनाई जाए ।
    6. किसी भी तरीके के लाभार्थियों की लिस्ट और डिटेल्‍स लाई जाए ।
    7. तीनों पार्टियो के एक होने पर भी 51 फीसदी मतदान बीजेपी को कराने का लक्ष्‍य दिया ।
    8. अपने-अपने इलाके में सभी से लगातार संपर्क रखा जाए ।
    9. मुद्रा बैंक से ज्यादा से ज्यादा लोन दिलाने की कोशिश हो ।
    10. हर बूथ में 10 एससी, 10 एसटी, 10 ओबीसी कार्यकर्ता जोड़े जाए ।
    11. प्रत्‍येक पांच घरों के लिए एक बीजेपी कार्यकर्ता तय हो ।
    12. अन्य पार्टियों की जानकारी निकाली जाए ।
    13. विपक्षी पार्टियों के नाराज कार्यकर्ताओं की लिस्ट बनाकर उनसे संपर्क साधा जाए ।
    14. विधायक जनता के बीच जाकर काम करें.
    15. विस्तारकों को ऑनलाइन रिपोर्ट देनी होगी, उनके लिए अलग मोबाइल ऐप है ।
    16. विस्तारक सरकार की तरफ से किसी को भी काम कराने का आश्वासन न दें ।