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भाजपा सांसद डॉ उदित राज ने की ,भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर को रिहा करने की मांग


    24 जुलाई 2018 ।।
    भाजपा सांसद उदित राज ने दो अप्रैल को बंद किए गए दलितों को रिहा करने और उनके मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की है ।उनका कहना है कि पूर्व मुख्य न्यायधीश ए के गोयल को NGT का चेयरमेन बनाये जाने पर दलितों में रोष और निराशा का भाव है । मंगलवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सांसद डॉ. उदित राज ने एक साथ कई दलित मुद्दों को उठाकर सदन एवं सरकार को दलित चिंताओं से अवगत करवाया ।

    लोक सभा में बोलते हुए डॉ. उदित राज ने कहा कि समाज के तथाकथित सामन्ती सोच वाले लोग ये बात हजम नहीं कर सके कि दलित संगठन भी भारत बंद कर सकते हैं । उदित राज ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि 2 अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा आयोजित भारत बंद के दौरान जिन दलित सत्याग्रहियों को अभी तक जेल में बंद कर रखा है उन्हें सरकार अबिलम्ब रिहा करवाए  ताकि इनको न्याय मिल सके ।
      डॉ उदित राज ने कहा कि भारत बंद के दौरान देश के कई राज्यों में 10 दलित सत्याग्रहियों की मौत हुई । दरअसल ये हत्याएं कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा किये गए जो अधिकतर सवर्ण समाज के लोग थे । इस घटना के बाद अभी भी हरियाणा के कैथल में 8 लोग, उत्तर-प्रदेश के मेरठ में 15 नाबालिग सहित  लगभग 150 और मध्यप्रदेश के जिला मुरैना में 3 लोग अभी भी जेल में बंद हैं ।
    इसके अतिरिक्त राजस्थान में दलितों को जमानत पर रिहा तो किया गया लेकिन उनके ऊपर अभी तक दर्ज फर्जी मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं ।  2 अप्रैल की घटना के बाद दलितों के साथ अत्याचार और भी बढ़ गया है जिसके लिए कहीं न कहीं न्यायपालिका एवं प्रशासन दोनों जिम्मेदार हैं । आगे उन्होंने कहा कि इससे पहले भी देश में कई आन्‍दोलन हुए हैं लेकिन इतने बड़े स्तर पर गिरफ़्तारी पहले कभी नहीं हुई न ही जान माल की इतनी हानि हुई ।

    उदित राज ने कहा, 'मेरा राज्य सरकारों से आग्रह है कि वे अपने अपने राज्य की विभिन्न जेलों में बंद सभी दलित सत्याग्रहियों को अबिलम्ब रिहा करें । डॉ. उदित राज ने उपसभापति को सम्बोधित करते हुए कहा कि भीम आर्मी के चीफ चन्द्रशेखर को कई महीनों से जेल में बंद कर रखा है और उसका स्वास्थ्य भी दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है अतः अनुरोध है कि चंद्रशेखर को जल्द से जल्द रिहा किया जाये ।

    डॉ उदितराज ने अपने संबोधन में न्यायपालिका के रवैये एवं उनके हालिया दलित विरोधी फैसले पर भी कुठाराघात किया ।राज ने कहा कि मुख्य न्यायधीश ए.के गोयल जिन्होंने अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को कमजोर करने वाले फैसले दिए ।

    उन्होने अपने पद पर रहते  हुए कई दलित विरोधी फैसले सुनाये ये सर्वविदित है । अब सरकार ने चीफ जस्टिस ए.के गोयल को एनजीटी जैसे महत्वपूर्ण प्राधिकरण का चेयरमेन नियुक्त किया है जो एकतरह से उनको पदोन्नति देने  देने जैसा है.  सरकार के द्वारा इस नियुक्ति के खिलाफ दलित समुदाय में रोष एवं निराशा का भाव है ।