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बलिया - चरित्र और चित्र पर होगा आगामी लोक सभा चुनाव -सुरेंद्र सिंह


बलिया 2 जुलाई 2018 ।।
       आमतौर पर अपनी बेलगाम बयानों से चर्चा में रहने वाले बैरिया विधायक ने एक खास मुलाकात में देश और प्रदेश के चर्चित मुद्दों पर बलिया एक्सप्रेस के संपादक मधुसूदन सिंह से खुलकर बाते की । प्रस्तुत है यह साक्षात्कार - बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने बलिया एक्सप्रेस से एक खास मुलाकात में बताया कि आगामी चुनाव चरित्र और चित्र के बीच होगा । अपनी बात को स्पष्ट करते हुए श्री सिंह
ने कहा कि मोदी जी जैसा राष्ट्रहित में सोचने वाले चरित्र का दूसरा कोई नेता नही है ,मोदी जी के चाल और चरित्र पर कोई नेता विपक्ष में नही है । विपक्ष में आज जो भी है वो चित्र है क्योकि ये सभी दुसरो के नाम पर राजनीति करते है , अखिलेश यादव मुलायम सिंह , तो मायावती अम्बेडकर के नाम पर राजनीति करते है । इनका अपना चारित्रिक बल नही है , इस लिये इनको मैं चित्र कहता हूं । 2019 के चुनाव में ये सभी चित्र गायब हो जाएंगे ।
सेना के शौर्य को भाजपा द्वारा राजनैतिक लाभ नही लिया जा रहा है ? के जबाब में श्री सिंह ने कहा कि सेना के शौर्य और पराक्रम के बल पर ही हम आप रातो को चैन से सोते है । जब से केंद्र में मोदी जी की सरकार आयी है सेना को आतंकियों और आक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की छूट दे दी गयी है । जिसका नतीजा पिछले साल सेना द्वारा किये गये सर्जिकल स्ट्राइक को पूरी दुनिया ने देखा । शौर्य की प्रतीक इस कार्यवाई का सबूत मांगने वालो का पहले नार्को टेस्ट कराना चाहिये क्योकि इनकी राष्ट्रभक्ति संदिग्ध दिख रही है । मोदी जी ने सबूत भी पेश कर दिया तो अब चिल्ला रहे है सेना के शौर्य का राजनैतिक लाभ उठाना चाह रही है भाजपा । क्या सन्यास ग्रहण कर चुके विरक्त सन्यासी को राजनीति का पद लेना चाहिये ? के जबाब में श्री सिंह ने कहा कि सन्यास ग्रहण कर चुके किसी सन्यासी को पद को ग्रहण नही करना चाहिये यह मैं मानता हूं लेकिन जब समाज मे अत्याचार बढ़ जाता है , शासक भेदभाव पूर्ण नीतियों के आधार पर शासन करने लगे तब सन्यासियों को भी जनमानस की भलाई के लिये शासन सत्ता हाथ मे लेने का पूर्ण अधिकार है । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक राजर्षि है । राजर्षि द्वारा शासन करने का उदाहरण भगवान परशुराम है । एक अन्य सवाल कि एक करोड़ो लोगो के आस्था के केंद्र मठ के महंत जिनके आगे करोड़ो सिर झुकते हो , उसके महंत का सिर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री राज्यपाल के सामने सिर झुकाने से क्या अनुवाईयो की धार्मिक भावनायें आहत नही होती ? का जबाब देते हुए श्री सिंह ने कहा कि जब योगी जी राष्ट्रपति महोदय, पीएम एवं राज्यपाल को अभिवादन करते है तो वह राष्ट्रधर्म के पालन में होता है । मेरा मानना है कि जो सच्चा धार्मिक है  वही राष्ट्रवादी भी हो सकता है । पिछले दिनों मगहर दौरे पर संत कबीर की मजार पर माथा टेकने जाने पर सीएम द्वारा टोपी पहने से इनकार करने को क्या आप जायज मानते है ? के उत्तर में श्री सिंह ने कहा कि मैं सीएम के इस निर्णय से सहमत हूँ । सीएम ने किसी अन्य धर्म की तौहीन नही की बल्कि अपने धर्म का मान बढ़ाया है । सीएम को तौहीन करनी होती तो मजार पर जाते ही नही , जिंदगी में पहली बार किसी मजार पर चादर चढ़ाते नही । टोपी न पहनने से किसी धर्म का अपमान नही हुआ है । हम लोग हिंदुस्तान के सभी धर्मों का सम्मान करते है परंतु अपने धर्म के मान को दूसरों के लिये कम नही करते है । मुझे भी कोई मुसलमानी टोपी पहनने को देगा तो विनम्रता के साथ अस्वीकार कर दूंगा क्योकि कोई मुसलमान भाई हमारे रामनामी गमछे को लगाकर नही चलता है तो हमसे अपेक्षा क्यो ? योगी जी के इस कदम से साफ हो गया है कि हम तुष्टिकरण की नीति पर नही चलते है ।