बीजेपी की धर्म की चाल को धर्म से ही काटने की सीपीएम ने की तैयारी , जन्माष्टमी के बाद केरल सरकार मनायेगी रामायण माह
केरल में हिन्दु समुदाय के बीच बीजेपी की बढ़ती पैठ को रोकने के लिए सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) भी अब धर्म की राह पकड़ती दिख रही है ।पार्टी इसी योजना के तहत यहां रामायण माह मनाने की तैयारी में है. इस दौरान पार्टी रामायण की महत्व और सामाजिक पृष्ठभूमि को रेखांकित करते हुए राज्य भर में सेमिनार, सम्मेलन और लेक्चर्स आयोजित कराएगी ।
सीपीएम कमेटी ने पार्टी से जुड़े मंदिर प्रबंधन समिति के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने का फैसला किया, जिससे कि राज्य की मंदिर समितियों पर बीजेपी नेताओं की पकड़ रोकी जा सके ।
हालांकि यहां गौर करने वाली बात है कि सीपीएम इस कार्यक्रम में सीधे तौर पर शामिल नहीं होगी, बल्कि पार्टी से ही जुड़ा एक संगठन 'संस्कृत संघ' इसका आयोजन कर रहा है. इसके तहत अलापुझा में 25 जुलाई को एक राज्य स्तरीय सेमिनार आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध लेखक व आलोचक सुनील पी इलाईदाम करेंगे. यह संगठन इसके अलावा जिला स्तर पर रामायण पर लेक्चर भी आयोजित करेगा.
बता दें कि सीपीएम हमेशा ही खुद को धार्मिक मामलों से दूर रखती रही है. ऐसे में रामायण माह मनाने का यह फैसला उनकी नीतियों में बड़ा बदलाव दिखाता है. इससे पहले जन्माष्टमी के मौके पर भी सीपीएम ने कई कार्यक्रम आयोजित किए थे, जिसने उसके सियासी रुझान में बदलाव के संकेत दिए थे ।
बता दें कि सीपीएम हमेशा ही खुद को धार्मिक मामलों से दूर रखती रही है. ऐसे में रामायण माह मनाने का यह फैसला उनकी नीतियों में बड़ा बदलाव दिखाता है. इससे पहले जन्माष्टमी के मौके पर भी सीपीएम ने कई कार्यक्रम आयोजित किए थे, जिसने उसके सियासी रुझान में बदलाव के संकेत दिए थे ।