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देवरिया जनपद जहां अधिकारियों की लापरवाही से सरकारी स्कूलों में लागू है मदरसे का कानून

अमित कुमार की देवरिया से रिपोर्ट
देवरिया 22 जुलाई 2018 ।।

       उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में सरकारी नियमो की धज्जियाँ उड़ाते हुए स्कूलों के हेडमास्टरो ने सरकारी प्राथमिक स्कूलों का नामकरण इस्लामिया प्राथमिक स्कूल कर दिया है बल्कि मदरसों की तर्ज पर संचालित भी हो रहे है । इसके वावजूद जिले का बेसिक शिक्षा विभाग से लेकर अन्य प्रशासनिक आला अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधे हुए है । जी हां यह हैरान करने वाली तस्वीर है देवरिया जनपद के  सरकारी पैसे से चलने वाले प्राथमिक 4 विद्यालयों की , जहां सरकारी नियमो को ताक पर रखकर नाम ही नही बदला गया ,इनको पूरी तरह मदरसों की शक्ल में चलाया भी जा रहा । सभी विद्यालय रविवार को बंद रहते है पर ये मदरसों की तर्ज पर चलने वाले विद्यालय शुक्रवार को बंद और रविवार को खुले रहते है । आज इस  मामले के उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है । वर्षो से चलने वाले इन विद्यालयों के नाम के आगे इस्लामिया लिखे होने होने पर न तो खंड शिक्षा अधिकारियों और न ही अब तक के बेसिक शिक्षा अधिकारियों की निगाह गयी यह सोचनीय प्रश्न है । सबसे बड़ी साजिश इन स्कूलों मदरसों को शक्ल में संचालित करने में बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का हाथ है जिसने इन स्कूलों पर मात्र मुस्लिम अध्यापक , अध्यापिकाओं की ही पोस्टिंग की है । अगर इन स्कूलों पर हिन्दू या अन्य धर्म के अध्यापकों की पोस्टिंग होती तो ये स्कूल मदरसों की तरह नही चल रहे होते । एक और हैरान करने वाली बात सामने आयी है कि इन स्कूलों का बैंक में खाता तो प्राथमिक विद्यालय के नाम पर है पर स्कूल की दीवारों पर इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय लिखा है । इन विद्यालयों के हेडमास्टरों ने ही यह बताया की शुक्रवार को बंदी रहती है और रविवार को पढ़ाई होती है । स्कूलों के नाम में इस्लमिया लिखने की परम्परा को हेडमास्टरों द्वारा सन 1904 से यह विद्यालय है तब से चली आ रही बतायी गयी है |


वी ओ -1 -- देवरिया जनपद में चार इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय चलते है - इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय नवलपुर ,इस्लामिया आदर्श प्राथमिक विद्यालय करमहा,इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय सामीपट्टी ,इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय पोखरभिंडा |


-हम दो सरकारी प्राथमिक स्कूल की तस्वीर दिखाने जा रहे है । पहला प्राथमिक स्कूल नवलपुर और दूसरा प्राथमिक स्कूल करमहा है । यह दोनों स्कूल बेसिक शिक्षा विभाग के अंदर आते है, यहां सभी टीचर मुस्लिम वर्ग से आते है ।इन स्कूलों का नाम बदल कर इस्लामिया प्राथमिक स्कूल कर दिया गया है । यहाँ टीचर की उपस्थिति भी उर्दू में दर्ज होती है ।यहाँ शुक्रवार के दिन स्कूल बंद होता है और रविवार के दिन खुला होता है जब हमने यहाँ के टीचरो से बात की तो उनका कहना था कि यह कई वर्षो से हो रहा है । जब पूंछा गया कि इसके लिये कोई सरकारी आदेश है तो बताया गया कोई सरकारी आदेश  नहीं है ।यहाँ मुस्लिम वर्ग से 60 से अस्सी प्रतिशत बच्चे  पढ़ते है इस कारण यह व्यवस्था दी गई है । इन दोनों स्कूलों की तस्वीर देख कर यही लगता है कि यह दोनों सरकारी स्कूल हिदुस्तान में नहीं किसी मुस्लिम देश  में है ।सरकरी नियमो की यहाँ धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही है ,वह भी अधिकारियो के नाक के नीचे, यह सोचनीय है ।


वी ओ -2 --इस पूरे मुद्दे पर जब हमने नवागत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की तो उनका कहना था कि शाम को यह मामला संज्ञान में आया है । मैने खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है ,रिपोर्ट देखने के बाद जरूर कार्यवाई की जाएगी ।

बाईट-- प्रधानाध्यापक