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बलिया में बोले राज्य सूचना आयुक्त -समय से दें सही सूचना, आयोग की कार्रवाई का न करें इंतजार : राज्य सूचना आयुक्त



कलेक्ट्रेट सभागर में जन सूचना अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

सूचना देने में सीएमओ, डीआईओएस व पंचायत सचिवों की बताई लापरवाही

बलिया 17 जुलाई 2018 : जनसूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत विभागों द्वारा दी जाने वाली सूचना के लिए अधिकारी गम्भीर रहें। सूचना देने में देरी पर आयोग की ओर से दण्डित होने का इंतजार न करें। ये बातें राज्य सूचना आयुक्त ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनसूचना अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही। उन्होंने आरटीआई के जरूरी नियम कानूनों की जानकारी देते हुए पूरी गम्भीरता से कार्यवाही करने का निर्देश दिया। वहीं सूचना नहीं देने पर मिलने वाले दण्ड के बारे में भी विधिवत जानकारी दी। इससे पहले प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ राज्य सूचना आयुक्त पारसनाथ गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
उन्होंने अधिनियम के तहत सूचना देने में सीएमओ, डीआईओएस व विकास विभाग की लापरवाही का उदाहरण देते हुए चेताया कि ऐसा न करें कि आयोग को कार्रवाई को विवश होना पड़े। इन विभागों की स्थिति बेहद खराब है। आरटीआई के तहत मांगी गयी सूचना को ससमय दें। अगर मांगी गयी सूचना आपके विभाग से सम्बन्धित नहीं है तो अधिकतम पांच दिन के अंदर उसे अंतरित कर दें। इसके अलावा अगर कोई ऐसा साक्ष्य देना है जिसमें अधिक पेज लगने की सम्भावना है तो दो रूपये प्रति पेज के हिसाब से महीने भर के अंदर मांग कर दें। इससे ज्यादा होने की दशा में वह सूचना स्वयं के खर्च से आवेदक को नि:शुल्क देनी होगी।
उन्होंने दोहराया कि कई सुनवाई में जनसूचना अधिकारियों की लापरवाही साफ देखने को मिलती है। प्रथम अपीलीय अधिकारी भी उसमें खास रूचि नहीं लेते है। प्रथम अपीलीय अधिकारी को चाहिए कि दोनों पक्षों को बुलवाकर संतोषजनक सूचना दिलवाएं। इसके बाद ट्रेनर राहुल सिंह ने करीब दो घण्टे तक अधिनियम की एक-एक धारा की विस्तृत जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली, सीडीओ बद्रीनाथ सिंह, एडीएम मनोज सिंघल, एसडीएम गम्भीर सिंह समेत समस्य जन सूचना अधिकारी मौजूद थे।

दो मौका देने के बाद होती है पेनाल्टी

राज्य सूचना आयुक्त पारसनाथ गुप्ता ने सभी जन सूचना अधिकारियों को बताया कि कोई सूचना नहीं देने या संतोषजनक सूचना नहीं देने पर पहली बार नोटिस भेजी जाती है। नहीं आने पर दूसरी बार कारण बताओ नोटिस होती है। फिर पेनाल्टी की कार्रवाई होती है। पेनाल्टी के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति हो जाती है। पेनाल्टी के बारे में बताया कि ढ़ाई सौ रूपये प्रतिदिन के हिसाब से या अधिकतम 25 हजार तक पेनाल्टी लग सकती हैं।

बना लें आरटीआई रजिस्टर

राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सभी अधिकारी जन सूचना अधिकार के तहत मांगी जाने वाली सूचना से सम्बन्धित एक रजिस्टर बना लें। उसमें सूचना आने से लेकर निस्तारित किये जाने तक कॉलम बनाकर उसमें हर जानकारी अपडेट करते रहें। इससे फायदा होगा कि आयोग से जब किसी आवेदन के बारे में पूछा जाएगा तो आसानी से बता सकेंगे। अंत में उन्होंने सुधार की उम्मीदों के साथ प्रशिक्षण की शुरूआत की।

आरटीआई से भ्र्ष्टाचार पर लगा अंकुश, व्यवस्था हुई पारदर्शी

बलिया : राज्य सूचना आयुक्त पारसनाथ गुप्ता ने कहा कि जन सूचना अधिकार अधिनियम एक क्रांतिकारी अधिनियम रहा है। इसका उद्देश्य सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाना एवं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। दावा किया कि इस अधिनियम से निश्चित रूप से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। यह भी कहा कि इस अधिनियम के अंतर्गत मांगी जाने वाली सूचना नहीं देने वाले अफसर दण्डित किए जाएंगे। मंगलवार को कलेक्ट्रेट में पत्रकारों से बातचीत में राज्य सूचना आयुक्त श्री गुप्ता ने कहा कि आम आदमी तक हर जानकारी पहुंचाने में इस अधिनियम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बताया कि 2015 में  नियमावली प्रख्यात हुई जिसमें सूचना देने वाले और लेने वाले के लिए काफी आसानी हो गया। उन्होंने अधिनियम के अधिकारों की जानकारी देने के साथ 'राइट टू प्राइवेसी' यानी 'निजता के अधिकार' के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। बताया कि अधिकारियों को आरटीआई अधिनियम की विस्तृत जानकारी हो इसके लिए दूसरा चरण में सभी जिलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले चरण में सभी मंडलों पर यह ट्रेनिंग दी गई थी। इस अधिनियम के अंतर्गत कौन सी सूचना देनी है, कितने समय में देनी है और कौन सी सूचना नहीं देनी है, इसके बारे में विस्तार से बताया। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना नहीं देने वाले अधिकारियों पर जो दंड लगाया गया है उसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है जो पेनाल्टी की वसूली कर रही है। पहले की अपेक्षा राज्य सूचना आयोग में शिकायतों की संख्या कम हुई है,जिससे लगता है कि मामले ज्यादा डिस्पोजल हो रहे हैं। प्रेसवार्ता के दौरान सीडीओ बद्रीनाथ सिंह, एडीएम मनोज सिंघल, सूचना अधिकारी एके पांडेय भी मौजूद थे।