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मध्यप्रदेश -- आशा निरोध नामक कंडोम को बांटने से आशाओं ने किया इंकार , छींटाकशी को बताया कारण
मध्यप्रदेश -- आशा निरोध नामक कंडोम को बांटने से आशाओं ने किया इंकार , छींटाकशी को बताया कारण
- भोपाल 9 जुलाई 2018 ।।
ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन योजनाओं की जानकारी देने वाली आशा कार्यकर्ताओं को मध्य प्रदेश में अलग तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत उन्हें 'आशा निरोध' नाम के कंडोम को बांटने की जिम्मेदारी दी हुई है. लेकिन ग्रामीणों ने इसका नाम छोटा करके 'आशा' कर दिया है और इसके चलते समस्या खड़ी हो गई है, क्योंकि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी इसी नाम से पुकारा जाता है.
आशा कार्यकर्ताओं का संगठन अब कंडोम के नाम के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. एक आशा कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'ग्रामीण इलाकों में हमें प्यार से आशा कहा जाता है, लेकिन आशा नाम के गर्भनिरोधक की वजह से कई बार असहज होना पड़ता है. कुछ लोग इसको लेकर मजाक उड़ाते हैं.' कुछ आशा कार्यकर्ताओं ने इन कंडोम को बांटने से इनकार भी कर दिया है ।
आशा कार्यकर्ताओं का संगठन अब कंडोम के नाम के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. एक आशा कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'ग्रामीण इलाकों में हमें प्यार से आशा कहा जाता है, लेकिन आशा नाम के गर्भनिरोधक की वजह से कई बार असहज होना पड़ता है. कुछ लोग इसको लेकर मजाक उड़ाते हैं.' कुछ आशा कार्यकर्ताओं ने इन कंडोम को बांटने से इनकार भी कर दिया है ।
कंडोम को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य(एनआरएचएम) मिशन के आरोग्य केंद्रों में भेज दिया गया है. लगभग 59 हजार आशा कार्यकर्ताओं को इन कंडोम को सुरक्षित सेक्स और परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए बांटना है. आशा-ऊषा सहयोगिनी एकता यूनियन के प्रेसीडेंट एटी पद्मनाभन ने बताया कि उनकी ओर से राज्य एनआरएचएम के निदेशक को इन कंडोम का नाम बदलने को कहा गया है, क्योंकि इससे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिक्कतें हो रही हैं.
उन्होंने कहा, 'अगर राज्य सरकार इसका नाम बदलने में नाकाम रहती है, तो हमारे पास कोर्ट जाने के अलावा और कोई चारा नहीं होगा.' इंदौर की रहने वाली अमूल्य निधि नाम की एक सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता का दावा है कि कुछ असामाजिक तत्व आशा निरोध के जरिए महिला कार्यकर्ताओं पर अश्लील टिप्पणियां करते हैं. इनका नाम तुरंत बदला जाना चाहिए.
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने कई बार केंद्र सरकार को भी इसका नाम बदलने को कहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. बता दें कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2016 में 'डीलक्स निरोध' का नाम बदलकर 'आशा निरोध' कर दिया था. 10वीं पास 25 से 45 साल की महिलाओं को आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के लिए भर्ती किया जाता है ।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने कई बार केंद्र सरकार को भी इसका नाम बदलने को कहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. बता दें कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2016 में 'डीलक्स निरोध' का नाम बदलकर 'आशा निरोध' कर दिया था. 10वीं पास 25 से 45 साल की महिलाओं को आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के लिए भर्ती किया जाता है ।
मध्यप्रदेश -- आशा निरोध नामक कंडोम को बांटने से आशाओं ने किया इंकार , छींटाकशी को बताया कारण
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
July 09, 2018
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