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शिव सेना ने सरकार से किया सवाल - बुलेट ट्रेन पर करोड़ो खर्च तो किसानों पर खर्च क्यो नही ?,





17 जुलाई 2018 ।।
 महाराष्ट्र में डेयरी किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आगे आते हुए शिवसेना ने मंगलवार को जानना चाहा कि जब सरकार बुलेट ट्रेन जैसी बड़ी परियोजनाओं पर करोड़ों रूपये खर्च कर सकती है तो वह किसानों से दूध की खरीद कीमतों में वृद्धि क्यों नहीं कर सकती है ।राज्य में किसानों के संगठनों ने दूध खरीद कीमतों में पांच रुपये प्रति लीटर वृद्धि की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है ।सोमवार को शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन के दौरान महाराष्ट्र के कई जिलों में दूध टैंकरों को प्रदर्शनकारियों द्वारा रोका गया ।
शिव सेना ने कहा, "इस आंदोलन की केवल इस बात से अनदेखी नहीं की जा सकती क्योंकि यह (किसान नेता) राजू शेट्टी द्वारा शुरू किया गया है । किसान न तो किसी विशेष धर्म या जाति के होते हैं, न ही किसी राजनीतिक दल से होते हैं ।करीब 3,000 से अधिक किसानों ने पिछले चार सालों में अपनी जान गंवाई है और उनमें से अधिकांश ने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के लिए मतदान किया था ।
 पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना ’ में कहा कि किसानों द्वारा अपनी मांगों के लिए पिछले साल की हड़ताल सरकार के लिए शर्मनाक थी ।अब, डेयरी किसानों के चल रहे आंदोलन को दबाने के बजाय, राज्य को यह सोचना चाहिए कि इससे उन्हें राहत कैसे मिल सकती है ।
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार आंदोलन तोड़ने की कोशिश करेगी, जबकि दूसरी तरफ 'जय किसान' के नारे का जाप होगा । पार्टी ने कहा कि सरकार ने दूध की खरीद कीमत 27 रुपये प्रति लीटर तय की है जो मौजूदा समय में इसे केवल 16-18 रुपये पर खरीदा जा रहा है ।
मुखपत्र में कहा गया है, "गोवा और कर्नाटक सरकारें दूध किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी देती हैं, तो इसमें क्या गलत है अगर महाराष्ट्र के किसान भी इसी तरह की राहत चाहते हैं? सरकार बुलेट ट्रेन, समृद्धि कॉरिडोर और मेट्रो रेल परियोजनाओं पर हजारों करोड़ खर्च कर रही है.’’।
इसमें कहा गया है, "सरकार बुलेट ट्रेन के लिए भी ऋण ले रही है, लेकिन दूध के खरीद मूल्य में पांच रुपये की वृद्धि करने की इच्छुक नहीं है । मोदी ने कृषि वस्तुओं के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी की घोषणा की है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि महाराष्ट्र के किसानों को भी यह लाभ मिलेगा?’’
मुखपत्र में आगे कहा गया है कि जिन किसानों ने एक बार मोदी को सत्ता में लाने के लिए वोट दिया, अब वे भ्रमित और परेशान हो गए हैं, उन्होंने कहा, "हाल ही में भंडारा - गोंडिया के लोकसभा उपचुनाव में, भाजपा को किसानों ने हराया और पालघर के उपचुनाव में पार्टी की जीत व्यर्थ है । "शिव सेना ने कहा कि लोगों ने हाल ही में ईंधन की अब तक के सबसे ऊंचे दाम का बोझ उठाया है लेकिन अब इन किसानों के लिए, दूध खरीद मूल्य में वृद्धि उनके जीवन - मरण का सवाल है ।