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महबूबा मुफ्ती की चेतावनी, PDP को तोड़ने की कोशिश केंद्र के लिए खतरनाक



    13 जुलाई 2018 ।।
    जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने केद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि कश्मीर में वोटिंग के अधिकार को 1987 की तरह खारिज करने का परिणाम खराब होंगे. मुफ्ती ने कहा कि अगर केंद्र पीडीपी को बांटने का काम करेगी तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

    गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार खबरें आ रही हैं कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के बागी विधायकों की मदद से सरकार बनाकर राज्य में हिन्दू मुख्यमंत्री की नियुक्ति करना चाहती है. हालांकि आधिकारिक रूप से कोई भी इस बात को नहीं मान रहा है, लेकिन बीजेपी और पीडीपी दोनों के सूत्रों कह रहे हैं कि अगस्त में अमरनाथ यात्रा की समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है ।
    इस साल जून में बीजेपी ने खुद को महबूबा मुफ्ती की गठबंधन वाली सरकार से अलग कर लिया था. इसके बाद अन्य पार्टियों ने राज्यपाल शासन का समर्थन किया था. लेकिन शुरू से ही कयास लग रहे हैं कि बीजेपी अन्य पार्टियों के विधायकों को तोड़कर सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है.

    बीजेपी को चाहिए 19 विधायक
    जम्मू कश्मीर विधानसभा में 87 सीटें हैं, जिसका मतलब यह होता है कि यहां सरकार के गठन के लिए किसी भी दल को 44 सीटों की आवश्यकता होगी. राज्य में बीजेपी के पास इस वक्त 25 विधायक हैं, इसलिए उसे सरकार बनाने के लिए 19 और विधायकों की जरूरत है. सज्जाद लोन की पार्टी पीपल्स कॉन्फ्रेंस बीजेपी को सपोर्ट कर रही है इसलिए पार्टी को दो विधायकों को समर्थन यहां से मिल जाएगा, लेकिन इसके बावजूद उसे 17 विधायक जुटाने होंगे ।

    पीडीपी विधायकों के अलावा कोई भी दल बीजेपी के समर्थन के लिए तैयार नहीं है, ऐसे में अगर बीजेपी जम्मू कश्मीर में सरकार बनाना चाहती है तो उसे पीडीपी के कम से कम 17 विधायकों के बागी होने की जरूरत होगी, हालांकि जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं लग रहा है कि ऐसा संभव हो जाएगा ।