बलिया में परिषदीय स्कूल में मासूम से लगवाया जा रहा है झाड़ू , जिम्मेदार कौन ?
बृजेश सिंह की स्पेशल रिपोर्ट
भीमपुरा(बलिया) 25 अगस्त 2018 ।। एक तरफ जहां सरकारी स्कूलों में जिले के ही कुछ अध्यापक परिषदीय शिक्षा पर लग रहे आरोपों को धोने के साथ नायाब तस्वीर पेश कर दूसरे अध्यापकों के लिये नजीर पेश कर रहे है वही उन सब से बेपरवाह कुछ अध्यापक ऐसे है जो परिषदीय शिक्षा व्यवस्था पर धब्बा लगाने से बाज नही आ रहे है। ऐसा ही एक कारनामा शिक्षा क्षेत्र नगरा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रुपवार भावनपुर के शिक्षकों द्वारा शनिवार को नजर आया ,स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आ रहे बच्चो से झाड़ू लगवाने का काम कराया जा रहा है। आखिर इन
मासूमो से पढ़ाई करने से दीगर कार्य कराने के लिए दोषी कौन है ? वे शिक्षक या महकमे के अफसर ? यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
सरकारी सुविधाओं से इतर प्रदेश में परिषदीय शिक्षा व्यवस्था को बेहतर दिशा देने के लिए कुछ अध्यापक अपने संसाधन से भी बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इस क्रम में वे भिन्न भिन्न मॉडलों को अपनाकर बच्चो को शिक्षा ग्रहण करा रहे है। महकमा उन्हें प्रोजेक्ट की तरह पेश कर रहा है लेकिन शिक्षा क्षेत्र नगरा में बच्चो की शिक्षा पर नहीं बल्कि विद्यालय पर बच्चो से झाड़ू लगाने पर जोर दिया जा रहा है। जो शासन की मंशा के विपरीत है। शासन ने इसके लिये सफाईकर्मियों की तैनाती की है बावजूद इसके शिक्षक बच्चो से ही झाड़ू लगवाने का काम कर रहे है।शिक्षा क्षेत्र नगरा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रुपवार भगवानपुर पर शनिवार को स्कूल खुलते ही बच्चे के हाथ में झाड़ू देख अभिभावक दंग रह गये। जबकि शासन बच्चो से सफाई आदि का काम लेने पर रोक लगा दी है किंतु शिक्षक शासन के आदेशों का उलंघन कर बच्चों से सफाई आदि का कार्य लेने से बाज नहीं आ रहे है ।
भीमपुरा(बलिया) 25 अगस्त 2018 ।। एक तरफ जहां सरकारी स्कूलों में जिले के ही कुछ अध्यापक परिषदीय शिक्षा पर लग रहे आरोपों को धोने के साथ नायाब तस्वीर पेश कर दूसरे अध्यापकों के लिये नजीर पेश कर रहे है वही उन सब से बेपरवाह कुछ अध्यापक ऐसे है जो परिषदीय शिक्षा व्यवस्था पर धब्बा लगाने से बाज नही आ रहे है। ऐसा ही एक कारनामा शिक्षा क्षेत्र नगरा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रुपवार भावनपुर के शिक्षकों द्वारा शनिवार को नजर आया ,स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आ रहे बच्चो से झाड़ू लगवाने का काम कराया जा रहा है। आखिर इन
मासूमो से पढ़ाई करने से दीगर कार्य कराने के लिए दोषी कौन है ? वे शिक्षक या महकमे के अफसर ? यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
सरकारी सुविधाओं से इतर प्रदेश में परिषदीय शिक्षा व्यवस्था को बेहतर दिशा देने के लिए कुछ अध्यापक अपने संसाधन से भी बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इस क्रम में वे भिन्न भिन्न मॉडलों को अपनाकर बच्चो को शिक्षा ग्रहण करा रहे है। महकमा उन्हें प्रोजेक्ट की तरह पेश कर रहा है लेकिन शिक्षा क्षेत्र नगरा में बच्चो की शिक्षा पर नहीं बल्कि विद्यालय पर बच्चो से झाड़ू लगाने पर जोर दिया जा रहा है। जो शासन की मंशा के विपरीत है। शासन ने इसके लिये सफाईकर्मियों की तैनाती की है बावजूद इसके शिक्षक बच्चो से ही झाड़ू लगवाने का काम कर रहे है।शिक्षा क्षेत्र नगरा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रुपवार भगवानपुर पर शनिवार को स्कूल खुलते ही बच्चे के हाथ में झाड़ू देख अभिभावक दंग रह गये। जबकि शासन बच्चो से सफाई आदि का काम लेने पर रोक लगा दी है किंतु शिक्षक शासन के आदेशों का उलंघन कर बच्चों से सफाई आदि का कार्य लेने से बाज नहीं आ रहे है ।