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शिवसेना ने वाजपेयी के निधन पर उठाए सवाल, PM मोदी के 15 अगस्त के भाषण से जोड़ा कनेक्शन



    28 अगस्त 2018 ।।
    केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 
     पर सवाल उठाए हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने वाजपेयी के निधन का कनेक्शन 15 अगस्त पर पर लाल किले की प्राचीर से दिए गए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से जोड़ा है. संजय राउत ने कहा, 'क्या वाकई पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त को ही हुआ था या उस दिन उनके निधन की घोषणा की गई, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण बाधित न हो.'।

    राज्यसभा सांसद और शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादक राउत ने वाजपेयी के निधन के दिन को लेकर उठाए गए सवाल का कोई स्पष्टीकरण या कारण नहीं बताया है. बता दें कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) ने 16 अगस्त को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की घोषणा गई थी. एम्स ने उनके निधन का वक्त भी बताया था ।

    राउत ने शिवसेना के मुख्यपत्र 'सामना' के एडिटोरियल में लिखा, 'हमारे लोगों के बजाए हमारे शासकों को पहले यह समझना चाहिए कि ‘स्वराज्य’ क्या है. वाजपेयी का निधन 16 अगस्त को हुआ, लेकिन 12-13 अगस्त से ही उनकी हालत बिगड़ रही थी.'।

    ‘स्वराज्य क्या है?' शीर्षक से मराठी में लिखे गए इस आर्टिकल में पीएम मोदी के भाषण का भी जिक्र है. इसमें लिखा है, 'स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय शोक और ध्वज को आधा झुकाने से बचने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विस्तृत संबोधन को बिना किसी बाधा के पूरा होने देना लक्ष्य था. वाजपेयी ने इस दुनिया को 16 अगस्त को छोड़ा या जब उनके निधन की घोषणा की गई).’।

    हालांकि, शिवसेना महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी की गठबंधन सहयोगी है. फिर भी वह बीजेपी और मोदी पर निशाना साधती रहती है. लेख में राउत ने लिखा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला ने वाजपेयी के निधन पर आयोजित शोक सभा में ‘भारत माता की जय’ और ‘जय हिंद’ के नारे लगाए और इस वजह से श्रीनगर में उनसे बदसलूकी की गई ।

    राउत ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों के लिये कई घोषणाएं कीं (अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में). उनके भाषणा की शैली ऐसी थी कि पूर्ववर्ती सरकारों ने कुछ नहीं किया, इसलिये स्वतंत्रता (अब तक) बेकार थी.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यद्यपि कह रहे हैं कि रिश्वत लेने वालों पर कार्रवाई की जा रही है, घुसखोरी कम नहीं हुई है ।

    शिवसेना नेता ने कहा, ‘यह सच है कि कल्याण योजनाएं टैक्स के पैसे से चलती हैं जो ईमानदार लोग चुकाते हैं. यह भी सच है कि प्रधानमंत्री का विदेश दौरा भी उसी रकम से संपन्न होता है और विज्ञापनों पर खर्च होने वाले हजारों करोड़ रुपए भी इसी के जरिये हासिल होते हैं. यह नया तरीका है जिसके तहत ‘स्वराज्य’ काम कर रहा है ।