दुबेछपरा बलिया : अमर नाथ मिश्र पी0 जी0 कालेज के बच्चों ने भी मनाया शिक्षक दिवस
अमर नाथ मिश्र पी0 जी0 कालेज के बच्चों ने भी मनाया शिक्षक दिवस
दुबेछपरा बलिया 5 सितंबर 2018 ।।
अमर नाथ मिश्र पी0 जी0 कालेज दुबेछपरा, बलिया
एम0 ए0 स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के तृतीय सेमेस्टर के बच्चों ने अपने गुरुजन ब्रिंदो से केक कटवा कर और डॉ सर्वपली राधा कृष्णन के चित्र को समर्पित कर शिक्षक दिवस मनाया इस कार्यक्रम एम0 ए0 प्रथम वर्ष के छात्र भी उपस्थित रहे।डॉ भूपेंद्र सिंह ने अपने उदबोधन में यह बताया कि डॉ राधा कृष्णन जी के नक्से कदम पे चलना सब के बस का नही है।।।।हम सिर्फ उनकी जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में ही मनाने के काम कर रहे है कम से कम उनकी थोड़ी सी सोच को भी अपने अंदर उतार ले तो उनका सपना साकार होगा।डॉ सुनील कुमार ओझा ने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर शिक्षक किताबी ज्ञान देना ही अपना परम कर्तब्य समझता है तो ओ शिक्षक दिवस मनाने का अधिकारी नही।वह कभी भी सर्वपली राधा कृष्णन के सपनो को पूरा नही कर सकता।।।।हमारे शिक्षक की सोच कितनी अच्छी थी।।।जो अपने जन्म दिन को ही शिक्षक दिवश के रूप में समर्पित कर दिया।और आज हम क्या है ये भी देखने लायक है।हमको अपने बच्चों को संस्कार रहित शिक्षा देने की जरूरत है।।।।।क्योंकि आज के शिक्षक और विद्यार्थी दोनों की क्या स्थिति है।यह किसी से छुपा नही है।इसलिए जिसका जन्म दिन हम शिक्षक दिवश के रूप में मना रहे है।।उनकी बातों को ,सपनो को आत्मसात करने की जरूरत है।कार्यक्रम में नगेन्द्र तिवारी जी भी उपस्थित रहे।
दुबेछपरा बलिया 5 सितंबर 2018 ।।
अमर नाथ मिश्र पी0 जी0 कालेज दुबेछपरा, बलिया
एम0 ए0 स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के तृतीय सेमेस्टर के बच्चों ने अपने गुरुजन ब्रिंदो से केक कटवा कर और डॉ सर्वपली राधा कृष्णन के चित्र को समर्पित कर शिक्षक दिवस मनाया इस कार्यक्रम एम0 ए0 प्रथम वर्ष के छात्र भी उपस्थित रहे।डॉ भूपेंद्र सिंह ने अपने उदबोधन में यह बताया कि डॉ राधा कृष्णन जी के नक्से कदम पे चलना सब के बस का नही है।।।।हम सिर्फ उनकी जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में ही मनाने के काम कर रहे है कम से कम उनकी थोड़ी सी सोच को भी अपने अंदर उतार ले तो उनका सपना साकार होगा।डॉ सुनील कुमार ओझा ने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर शिक्षक किताबी ज्ञान देना ही अपना परम कर्तब्य समझता है तो ओ शिक्षक दिवस मनाने का अधिकारी नही।वह कभी भी सर्वपली राधा कृष्णन के सपनो को पूरा नही कर सकता।।।।हमारे शिक्षक की सोच कितनी अच्छी थी।।।जो अपने जन्म दिन को ही शिक्षक दिवश के रूप में समर्पित कर दिया।और आज हम क्या है ये भी देखने लायक है।हमको अपने बच्चों को संस्कार रहित शिक्षा देने की जरूरत है।।।।।क्योंकि आज के शिक्षक और विद्यार्थी दोनों की क्या स्थिति है।यह किसी से छुपा नही है।इसलिए जिसका जन्म दिन हम शिक्षक दिवश के रूप में मना रहे है।।उनकी बातों को ,सपनो को आत्मसात करने की जरूरत है।कार्यक्रम में नगेन्द्र तिवारी जी भी उपस्थित रहे।