Breaking News

बलिया : अमर नाथ मिश्र पी0 जी0 कालेज में "वर्तमान संदर्भ में पं० दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की प्रासंगिकता" पर आयोजित हुई संगोष्ठी

अमर नाथ मिश्र पी0 जी0 कालेज में  "वर्तमान संदर्भ में पं० दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की प्रासंगिकता" पर आयोजित संगोष्ठी सम्पन्न






डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट
दुबे छपरा बलिया 25 सितम्बर 2018 ।।
आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 102 वीं जयंती के शुभ अवसर पर अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया में नेहरू युवा केंद्र बलिया द्वारा प्रायोजित एवं  नेहरू युवा मंडल सेवा संस्थान गोपालपुर, बैरिया, बलिया तथा अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया  द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित " विकासखण्ड स्तरीय पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम के तहत विविध विकास योजनाओं पर परिचर्चा तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की  102 वीं जयंती के शुभ अवसर पर " वर्तमान संदर्भ में पं० दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की प्रासंगिकता" नामक विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि बैरिया क्षेत्र के विधायक माननीय श्री सुरेन्द्र सिंह जी,विशिष्ठ अतिथि जिलापंचायत सदस्य प्रतिनिधि अयोध्या प्रसाद जी एवं कार्यक्रम के संयोजक महाविद्यालय के प्राचार्य डा० गणेश कुमार पाठक रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नेहरू युवा केन्द्र बलिया के समन्वयक श्री कपिलदेव राम ने किया। सभी अतिथियों एवं मुख्य अतिथि द्वारा महाविद्यालय के संस्थापक स्व0अमरनाथ मिश्र जी के मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया , इसके पश्चात कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया ।
संगोष्ठी की विधिवत शुरुआत दीनदयाल जी ,एवम माता सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर और साथ मे दीप प्रज्वलित कर किया गया।
  कार्यक्रम के संयोजक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डा० गणेश कुमार पाठक ने कार्यक्रम की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए अपने उद्बोधन में बताया कि नेहरू युवा संगठन के तहत कार्य करने वाले स्वयं सेवक एवं स्वयं सेविकाएं समाज में अपने कार्यों से एवं जन जागरूकता से एक सशक्त भारत का निर्माण करते हैं एवं समग्र विकास की दिशा को सुनिश्चित करते हैं। डा० पाठक ने बताया कि स्वयं सेवक एवं सेविकाएं सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान, स्वच्छता ही सेवा अभियान, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान, प्रधानमंत्री जन धन योजना कार्यक्रम,राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम, नेतृत्व कौशल, नारी सशक्तीकरण, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य एवं साक्षरता तथा पोषण आदि सहित समाजिक मुद्दों एवं समस्याओं के निराकरण हेतु  स्वयं सेवक एवं सेविकाएं अपना अहम योगदान प्रदान कर समग्र विकास की दिशा को सुनिश्चित करते हैं।
     डा० पाठक ने दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश  डालते हुए कहा कि पंडित जी के विचार समाज के समग्र विकास के पोषक हैं।
 उनकी अवधारणा है कि हिन्दुस्तान के समग्र विकास का आधार अपनी भारतीय संस्कृति होनी चाहिए। अपने मानव एकात्मवाद के दर्शन में उन्होंने एक मानव में सम्पूर्ण दृष्टि से संबंध पर व्यापक दृष्टि कोण रखने का कार्य किया। मानव मात्र के लिए यदि किसी एक विचार दर्शन ने समग्रता ने चिंतन प्रस्तुत किया तो वह पं० दीनदयाल उपाध्याय जी का " एकात्म मानववाद" का दर्शन है। उनका विचार था कि भारत को चलाने के लिए भारतीय दर्शन ही कारगर वैचारिक उपाय हो सकता है। उनका मत था कि एकात्म मानववाद प्रत्येक मानव के शरीर , मन, बुद्धि एवं आत्मा का एकीकृत कार्यक्रम है। एकात्म मानववाद के रूप पं० दीनदयाल उपाध्याय ने अपने देश की तत्कालीन राजनीति एवं समाज को ऐसी दिशा में बदलने हेतु विचार दिया जो शत प्रतिशत भारतीय है। एकात्म मानववाद के दर्शन में उन्होंने एक मानव के समग्र सृष्टि से संबंध पर व्यापक विचार प्रस्तुत किया। वे मानव को विभाजित कर देखना नहीं चाहते थे।बल्कि प्रत्येक दृष्टि से मानव का मूल्यांकन संबंधी विचार प्रस्तुत किए जो मानव के पूरे जीवन काल में छोटी बड़ी आवश्यकताओं के रूप में संबंधित है। इस प्रकार पं० दीनदयाल उपाध्याय जी मानव के आत्मिक, शारीरिक, समाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं राजनैतिक अर्थात् समग्र विकास के पोषक थे।
     मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बैरिया विधान सभा क्षेत्र के विधायक माननीय श्री सुरेन्द्र सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि जितनी भी विकास योजनाएं वर्तमान समय में संचालित हो रही हैं उनमें किसी न किसी रूप में स्वयं सेवी संगठनों एवं जनता की सहभागिता सुनिश्चित है ताकि उनका क्रियान्वयन सुचारू रूप से हो सके एवं एक सशक्त भारत का निर्माण किया जा सके।
     पं० दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को स्पष्ट करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि पंडित जी एकात्म मानववाद दर्शन शुद्ध रूप से भारतीय दर्शन है, जिसमें मानव के समग्र उत्थान के साथ ही साथ देश के समग्र उत्थान की भावना निहित है। उनका दर्शन भारतीयता एवं भारतीय संस्कृति से ओत फप्रोत है । उनका मत है कि सर्व प्रथम हमें भारत माता के सम्मान की बात सोचनी चाहिए । क्योंकि यदि भारत माता शब्द हट गया या इसका अनादर हो गया तो भारत तो बस एक स्थल के रूप मूं रह जायेगा। आज हमें सामाजिक पंगुता के खतरे से बचने हेतु हमें पं० दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन पय लोटना होगा।उनका मानना था कि लोकतंत्र भारत का जन्मसिध्द अधिकार  है। उनके अनुसार कर्मचारी, मजदूर,  सरकार एवं प्रशासन में समन्वय होना चाहिए। उनका विचार था कि प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान करना प्रशासन का कर्तव्य होना चाहिए।  लोकतंत्र को अपनी सीमाओं से परे न जाकर जनता की राय उनके विश्वास तथा धर्म के परिप्रेक्ष्य में सुनिश्चित करना चाहिए।
   अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में नेहरू युवा केन्द्र के समन्वयक श्री कपिलदेव राम ने स्वयं सेवक एवं स्वयं सेविकाओं के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हमारे ये स्वयं सेवक देश मे संचालित विकास योजनाओं को क्रियान्वित कराने में अपना विशेष योगदान प्रदान कर देश सेवा में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि पं० दीनदयाल उपाध्याय जी भी सदैव देश सेवा के लिए तत्पर रहे और उनके विचार आज भी समग्र विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं।
    कार्यक्रम के अंत में निबन्ध प्रतियोगिता में नोबल मिशन प्रसाद छपरा के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले क्रमशः पलक सिंह, खुशबू तिवारी एवंउस्मान गनी अंसारी को मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा पुरस्कृत किया गया।इसके साथ ही साथ कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त छात्राओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। उक्त अवसर पर नेहरू युवा मानव सेवा संस्थान गोपालपुर, बैरिया के संरक्षक राजू सिंह द्वारा मुख्य अतिथि एवं कार्यक्रम के संयोजक डा० गणेश कुमार पाठक को अंगवस्त्रम द्वारा सम्मानित किया गया।
  कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से डा० शिवेश प्रसाद राय एवं रवि कुमार सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन नेहरू युवा मानव सेवा संस्थान के संरक्षक राजू सिं द्वारा किया गया।कार्यक्रम में उपाचार्य डॉ गौरी शंकर द्विवेदी,प्राध्यापक संजय मिश्र, डॉ सुनील कुमार ओझा,एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियो के साथ ही साथ विद्यालय के विद्यार्थी भी सम्मलित रहे।।