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नया फरमान : अब वाहन मालिकों के लिए ₹15 लाख का एक्सीडेंट कवर जरूरी

अब वाहन मालिकों के लिए ₹15 लाख का एक्सीडेंट कवर जरूरी
डॉ सुनील कुमार ओझा
         
अपनी कार या बाइक है तो अब आपको 15 लाख रुपये का पर्सनल एक्सीडेंट कवर (पीएसी) लेना जरूरी होगा. सभी मोटर बीमा पॉलिसियों में इसे शामिल किया जाएगा. अभी तक कार के लिए 2 लाख रुपये का पर्सनल एक्सीडेंट कवर लेना पड़ता था. इससे कार मालिकों के प्रीमियम का बोझ काफी ज्यादा बढ़ जाएगा.
मद्रास हार्इकोर्ट के निर्देश का संज्ञान लेते हुए बीमा नियामक इरडा ने 20 सितंबर को सर्कुलर जारी किया है. इसमें बीमा कंपनियों को सर्कुलर प्राप्त करने की तारीख से इस तरह का कवर जारी करने के लिए कहा गया है. हालांकि, बीमा कंपनियों के पास 25 अक्टूबर, 2018 तक उत्पादों को फाइल करने का समय है. इन्हें फाइल एंड यूज गाइडलाइंस के तहत दर्ज किया जाता है.

अभी कितना है कवर?
अभी तक दोपहिया वाहनों के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर की सीमा 1 लाख रुपये थी. निजी और कॉमर्शियल कारों के लिए यह 2 लाख रुपये थी. टैक्स को हटाकर दोपहिया वाहनों के लिए 50 रुपये के प्रीमियम और कारों के लिए 100 रुपये के प्रीमियम के साथ इन्हें खरीदा जा सकता था.
कार चलाते हुए किसी हादसे में ड्राइवर की मौत या उसके विकलांग होने पर बीमा की यह रकम दी जाती है. कार में साथ बैठै यात्रियों के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर वैकल्पिक है. कुछ बीमा कंपनियां अतिरिक्त प्रीमियम पर ज्यादा कवर मुहैया करा रही हैं.

क्या हैं नए नियम? 
अब बीमा नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों को नए निर्देश दिए हैं. उनसे कार मालिकों के लिए पीएसी के तहत कम से कम 15 लाख रुपये का कवर मुहैया कराने के लिए कहा गया है. इन्हें 750 रुपये के सालाना प्रीमियम पर खरीदा जा सकेगा. बीमा कंपनियां एक लाख या 5 लाख रुपये के मल्टिपल में अधिक कवर भी उपलब्ध करा सकती हैं. लेकिन, 15 लाख रुपये का कवर अनिवार्य है.

क्या होता है कवर? 
मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी में पीएसी अनिवार्य हिस्सा होता है. यह थर्ड पार्टी कवर और कॉम्प्रीहेंसिव कवर दोनों के लिए उपलब्ध है. ‘प्रभावी’ ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले बीमित वाहन के मालिक को पीएसी के लिए ओनर-ड्राइवर के रूप में जाना जाता है. उसे कार में चढ़ते, उतरते या चलाते समय यह कवर मिलता है.
पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी सिर्फ मौत से ही नहीं बल्कि दुर्घटना में किसी अंग के खराब होने से भी कवर प्रदान करती है. क्षतिपूर्ति का पैमाना नुकसान की स्थिति पर निर्भर करता है:
(i) मृत्यु पर 100%
(ii) दो अंगों या दो आंखों की दृष्टि या एक अंग और एक आंख की दृष्टि को नुकसान पर 100%
(iii) एक अंग या एक आंख की दृष्टि को नुकसान पर 50%
(iv) इनके अलावा अन्य चोटों से पूरी तरह से विकलांगता की स्थिति में 100%

क्या होगा असर? 
इरडा ने हाल ही में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के नियमों में भी बदलाव किया है. इसके तहत कारों के लिए 3 साल और दोपहिया के लिए 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना जरूर हो गया है. अब ताजा निर्देश के बाद वाहन मालिकों पर बीमा का बोझ बढ़ जाएगा.
पॉलिसी बाजार डॉट कॉम में चीफ बिजनेस आफिसर तरुण माथुर कहते हैं कि अगली बार बीमा पॉलिसी रिन्यू कराने पर कारों के लिए प्रीमियम 650 रुपये + जीएसटी तक बढ़ जाएगा. दोपहिया के लिए इसमें 700 रुपये + जीएसटी की बढ़ोतरी होगी. होगा. सभी मोटर बीमा पॉलिसियों में इसे शामिल किया जाएगा. अभी तक कार के लिए 2 लाख रुपये का पर्सनल एक्सीडेंट कवर लेना पड़ता था. इससे कार मालिकों के प्रीमियम का बोझ काफी ज्यादा बढ़ जाएगा.

मद्रास हार्इकोर्ट के निर्देश का संज्ञान लेते हुए बीमा नियामक इरडा ने 20 सितंबर को सर्कुलर जारी किया है. इसमें बीमा कंपनियों को सर्कुलर प्राप्त करने की तारीख से इस तरह का कवर जारी करने के लिए कहा गया है. हालांकि, बीमा कंपनियों के पास 25 अक्टूबर, 2018 तक उत्पादों को फाइल करने का समय है. इन्हें फाइल एंड यूज गाइडलाइंस के तहत दर्ज किया जाता है.

अभी कितना है कवर? 
अभी तक दोपहिया वाहनों के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर की सीमा 1 लाख रुपये थी. निजी और कॉमर्शियल कारों के लिए यह 2 लाख रुपये थी. टैक्स को हटाकर दोपहिया वाहनों के लिए 50 रुपये के प्रीमियम और कारों के लिए 100 रुपये के प्रीमियम के साथ इन्हें खरीदा जा सकता था.

कार चलाते हुए किसी हादसे में ड्राइवर की मौत या उसके विकलांग होने पर बीमा की यह रकम दी जाती है. कार में साथ बैठै यात्रियों के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर वैकल्पिक है. कुछ बीमा कंपनियां अतिरिक्त प्रीमियम पर ज्यादा कवर मुहैया करा रही हैं.

क्या हैं नए नियम? 
अब बीमा नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों को नए निर्देश दिए हैं. उनसे कार मालिकों के लिए पीएसी के तहत कम से कम 15 लाख रुपये का कवर मुहैया कराने के लिए कहा गया है. इन्हें 750 रुपये के सालाना प्रीमियम पर खरीदा जा सकेगा. बीमा कंपनियां एक लाख या 5 लाख रुपये के मल्टिपल में अधिक कवर भी उपलब्ध करा सकती हैं. लेकिन, 15 लाख रुपये का कवर अनिवार्य है.

क्या होता है कवर? 
मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी में पीएसी अनिवार्य हिस्सा होता है. यह थर्ड पार्टी कवर और कॉम्प्रीहेंसिव कवर दोनों के लिए उपलब्ध है. ‘प्रभावी’ ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले बीमित वाहन के मालिक को पीएसी के लिए ओनर-ड्राइवर के रूप में जाना जाता है. उसे कार में चढ़ते, उतरते या चलाते समय यह कवर मिलता है.

पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी सिर्फ मौत से ही नहीं बल्कि दुर्घटना में किसी अंग के खराब होने से भी कवर प्रदान करती है. क्षतिपूर्ति का पैमाना नुकसान की स्थिति पर निर्भर करता है:
(i) मृत्यु पर 100%
(ii) दो अंगों या दो आंखों की दृष्टि या एक अंग और एक आंख की दृष्टि को नुकसान पर 100%
(iii) एक अंग या एक आंख की दृष्टि को नुकसान पर 50%
(iv) इनके अलावा अन्य चोटों से पूरी तरह से विकलांगता की स्थिति में 100%

क्या होगा असर? 
इरडा ने हाल ही में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के नियमों में भी बदलाव किया है. इसके तहत कारों के लिए 3 साल और दोपहिया के लिए 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना जरूर हो गया है. अब ताजा निर्देश के बाद वाहन मालिकों पर बीमा का बोझ बढ़ जाएगा.

कितना होगा नया प्रीमियम ?

नए प्रीमियम को जानने के लिए हम आपको एक चार्ट दे रहे हैं, इससे आप बेहतर समझ पाएंगे ।