बलिया का घोटाले की भेंट चढ़ा रिंग बंधा कटने की कगार पर , 29 करोड़ के खर्च को गंगा डुबोने को आतुर
बलिया एक्सप्रेस की भविष्यवाणी हो सकती है सच
2016 में डूबा 10 करोड़ , 2018 में 29 करोड़ को डुबोने के प्रयास में गंगा
क्षेत्रीय लोगो मे दहशत , बिना पानी बढ़े ही टूट रहा है रिंग बंधा
दुबेछपरा से डॉ सुनील ओझा और बलिया से मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट
बलिया 24 सितम्बर 2018 ।। जब 12 सितम्बर को बलिया एक्सप्रेस में बलिया का एक ऐसा रिंग बंधा जो सुरक्षा देने के लिये नही लूट खसोट के लिये चर्चा में है के शीर्षक से खबर छपी तो लोगो को लगा कि अतिउत्साह मेंं लिखी खबर है । लेकिन जब कटान शुरू हुई तो शासन सत्ता के सभी जिम्मेदारान लोग पहुंचे ही नही कोई हनुमान बना, तो कोई जामवन्त , लोग बोरियो में भरभर कर ईट को डालकर ऐसे प्रफुल्लित हुए मानो अश्वमेध यज्ञ कर लिया हो । पर कहावत है न कि रेत के महल ज्यादे देर तक नही टिकते है , वही हाल आज की तारीख में इस रिंग बंधे की हो गयी है । 29 करोड़ की भारी भरकम धनराशि बालू से जब बंधा बनाने में खर्च कर दी जाएगी और पत्थरों को जैसे तैसे रखकर कोरम पूरा किया जाएगा तो कटान तो होनी ही थी जो आज सोमवार को शुरू हो गयी है । गंगा का पानी जितना नीचे जा रहा है बंधा भी बैठता जा रहा है । 12 और 13 सितम्बर को जब हनुमान और जामवन्त बने लोगो ने मीडिया में खूब वाहवाही बटोरी तो एक सज्जन ने कहा देखिये बांध को कटने से बचा लिया गया है ,अब कोई खतरा नही है, तो मैने जबाब दिया था - वर जितलसी रे कानी , वर उठस त जानी । आज
जब गंगा नदी ने एकबार फिर अपना रौद्र रूप धर कर इस बंधे को अपनी आगोश में लेकर 80 हजार से ज्यादे की आबादी को बेघर करने पर उतारू है , माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि इस बंधे के 29 करोड़ को मंदिर के प्रसाद की तरह आपस मे बांटने वालो को उच्च स्तरीय जांच कराकर जेल भेजवाने की कृपा करें । सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जिले के नोडल अधिकारी भी कई बार इसको देखने के बाद आल इज वेल का सर्टिफिकेट दे चुके है । अगर इसके कार्य की उच्च स्तरीय जांच हो जाये तो राजनेता अधिकारी ठेकेदार की तिकड़ी के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे । आइये आपको आज की ताजा हालात के फोटोग्राफ और वीडियोज दिखलाते है -----
बलिया एक्सप्रेस के द्वारा साक्ष्यो के आधार पर की गई भविष्यवाणी वाली पिछली खबर ---
बलिया में एक ऐसा रिंग बांध -- जो सुरक्षा देने के लिये नही लूटखसोट के लिये है चर्चा में
सन 2016 से अबतक 39 करोड़ खर्च पर जनता कटान को लेकर भयाक्रांत
मधुसूदन सिंह की स्पेशल रिपोर्ट
बलिया 12 सितम्बर 2018 ।।
वर्षो पहले जब बलिया में प्रतिवर्ष बाढ़ अपना कहर बरपाती रहती थी तो लोगो के द्वारा यह चर्चा होती थी कि इस साल बाढ़ पीड़ितों के सहायता के नाम पर सरकार द्वारा जो धनराशि आयी है उससे अधिकारी मालामाल हो जाएंगे । परंतु उस समय उम्र कम होने के कारण यह बातें ज्यादे समझ मे नही आती थी । ज्यो ज्यो उम्र बढ़ी , इन बातों की हकीकत पता चलती गयी। आज जब टेंगरही दुबेछपरा रिंग बांध की स्थिति देखी तो समझ मे आ गया कि सरकार चाहे किसी की भी हो लुटेरो को लूटने से कोई भी नही रोक सकता है । बता दे कि यह गंगा नदी की कटान से गांवों और एनएच 31 को बचाने के लिये रिंग बांध है जिसपर वर्ष 2016 से अब तक 39 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय हो गयी है । इसके निर्माण के बाद आलम यह है कि इसके आसपास के ग्रामीण रात को सो भी नही पा रहे है और पहरा दे रहे है । पिछली सरकार ने इस बंधे पर आठ करोड़ और दो करोड़ खर्च 2016 में किया था और यह बंधा पानी के वेग को सहन न करके टूट गया था । वर्तमान योगी जी की सरकार ने गांव वालों और एनएच 31 को सुरक्षित रखने के लिये 29 करोड़ की धनराशि प्रदान की । बाढ़ खंड ने इस धनराशि से इस बांध को इतना सुरक्षित बनवाया है कि ग्रामीणों की रातों की नींद और दिन का चैन गायब हो गया है । ग्रामीणों ने बलिया एक्सप्रेस के संपादक मधुसूदन सिंह से बात करते हुए कहा कि काश योगी जी एकबार इस बंधे को अपनी नजर से देख लेते तो दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाता । इस बंधे की सेहत का अगर विश्लेषण किया जाय तो यह जीर्णशीर्ण अवस्था मे है , कही से भी देखकर कोई यह नही कह सकता है कि यह नया बना है । बरसात से बंधा दर्जनों जगह टूट गया है । नदी की तरफ बंधे को बचाने के लिये आधी दूर ही सही जो बोल्डर लगाये गये है वह केवल रख दिये गये है जो स्वयं ही गिर रहे है और बंधे को और खरनाक बना रहे है ।बता दे कि यह बंधा उस जगह बनाया गया है जहाँ गंगा नदी द्वारा सर्वाधिक कटान की जाती है और लगभग एक दर्जन से अधिक जैसे तेलिया टोक, पचरुखिया ,नारायणपुर , हुकुम छपरा,भीखपुर, दुर्जनपुर,गंगापुर,रिकनी छपरा,चौबे छपरा,श्रीनगर,शाहपुर, गंगौली,कहरपुर (आधा भाग) समृद्धि से भरपूर गांव कटान में अपना अस्तित्व खो चुके है और गंगा की लहरे गोपालपुर को निगल कर एनएच 31 तक पहुंचने को तैयार है । गोपाल पुर के निवासी जितेंद्र तिवारी ने आरोप लगाते हुए बताया कि मैंने इस बंधे के निर्माण में हुई लूटखसोट की लिखित सूचना तहसीलदार बैरिया , एसडीएम बैरिया, एडीएम , डीएम बलिया को दिया हूं लेकिन आजतक किसी अधिकारी ने मेरी शिकायत का संज्ञान नही लिया है । मै फरवरी से ही इसकी शिकायत कर रहा हूँ लेकिन जांच आजतक नही हुई । आज आलम यह हो गया है कि गंगा की लहरें सरकार के 39 करोड़ रुपये के साथ हमारे गांव को भी अपने पेटे में सम्माहित करने के लिये बेचैन दिख रही है । श्री तिवारी ने कहा कि काश सीएम योगी जी एक बार बलिया आकर इस बंधे को देख लेते तो खुद ही समझ जाते कि उनके पार्टी के जनप्रतिनिधि जनता की सुरक्षा के प्रति कितने संवेदनशील है । श्री तिवारी ने कहा कि सुनने में आया है कि बाढ़ विभाग की मंत्री और द्वाबा की बेटी स्वाति सिंह बलिया आ रही है , अगर हमारे क्षेत्र की बेटी अपनी आंखों से इस लूटखसोट को देखकर सीएम तक हमारी बात पहुंचा देती तो लगभग एक लाख आबादी के लोगो का घरबार बर्बाद होने से बच जाता । कहा कि जिस बंधे के निर्माण के लिये दूर से मिट्टी लाकर निर्माण करना था , ठेकेदार ने पोकलैंड मशीन से नदी को ही 17 से 20 फीट गहरी करके बांध बनाकर हम सबको और असुरक्षित कर दिया है । श्री तिवारी ने क्षेत्रीय विधायक और सांसद पर भी इस क्षेत्र के लोगो के प्रति उपेक्षित व्यवहार करने का आरोप लगाया है जबकि क्षेत्रीय सांसद भरत सिंह की मेहनत से ही इसके लिये 29 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे ।लेकिन जनप्रतिनिधियो ने निर्माण की गुणवत्ता को देखने का भी कष्ट नही किया ।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनन्त मिश्रा , प्रदेश प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि सुनील सिंह और युवा महिला मोर्चे की जिला अध्यक्ष और सुभासपा बलिया की मीडिया प्रभारी इंजी पूजा वर्मा अपनी टीम के साथ इस बंधे का निरीक्षण कर स्थानीय लोगो से उनकी समस्याओं से रूबरू हुए ।
प्रदेश अध्यक्ष श्री मिश्र ने कहा कि इस बंधे की स्थिति अत्यंत भयावह है , गंगा का पानी अगर आधा फीट भी बढ़ा तो इसके टूटने का पूरा खतरा है । लोग भयभीत है , इसके निर्माण में तय मानकों के विपरीत निर्माण करके जमकर लूट हुई है । इसकी शिकायत मैं अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री मा ओमप्रकाश राजभर से करके माननीय सीएम योगी जी तक पहुंचाकर लुटेरो को सजा दिलवाने का काम करूंगा ।
इस लूट की पूरी दास्तान फोटो ग्राफ , वीडियो के माध्यम से स्वयं देखिये और अंदाजा लगाइये 39 करोड़ में कितना खर्च हुआ कितना घोटाला हुआ ?