एससी, एसटी एक्ट के खिलाफ भारत बंद आज
एससी, एसटी एक्ट के खिलाफ आज बंद
मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट
नई दिल्ली 6 सितंबर 2018 : एससी, एसटी एक्ट में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने वाले सरकार के कदम के विरोध में सवर्ण लामबंद हो रहे हैं। एक्ट के विरोध में गुरुवार को भारत बंद का आह्वान किया गया है। विरोध छत्तीसगढ़, मप्र और राजस्थान जैसे राज्यों में ज्यादा प्रखर है जहां इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। सबसे प्रखर विरोध मध्य प्रदेश में हो रहा है। यहां बंद को सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था समेत करीब 35 संगठनों ने समर्थन दिया है। अधिकतर जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। उप्र में आगरा-मथुरा व आसपास के जिलों में बंद को लेकर विशेष सरगर्मी है। यहां से हजारों लोग मध्य प्रदेश के लिए कूच कर सकते हैं।
भाजपा में भी विरोध के स्वर
केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने कानून पर निजी राय रखते हुए कहा कि इस एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है। फर्जी मुकदमों में लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
बलिया जिले के बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि यह एक्ट दलितों का बिजनेस बन गया है। हालांकि, इन बयानों पर केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने कहा कि बयान उनकी निजी राय हो सकती है।
यह था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि एससी, एसटी एक्ट से जुड़े मामले में किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज होने से पहले उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए। एससी, एसटी संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए बीते दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया था, जिसमें काफी हिंसा भी हुई। विपक्ष और भाजपा के सहयोगी दलों ने इस पर सरकार से दखल देने की मांग की। केंद्र सरकार ने कानून पास कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। मतलब, बिना जांच के भी मुकदमा दायर करने और गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
नई दिल्ली 6 सितंबर 2018 : एससी, एसटी एक्ट में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने वाले सरकार के कदम के विरोध में सवर्ण लामबंद हो रहे हैं। एक्ट के विरोध में गुरुवार को भारत बंद का आह्वान किया गया है। विरोध छत्तीसगढ़, मप्र और राजस्थान जैसे राज्यों में ज्यादा प्रखर है जहां इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। सबसे प्रखर विरोध मध्य प्रदेश में हो रहा है। यहां बंद को सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था समेत करीब 35 संगठनों ने समर्थन दिया है। अधिकतर जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। उप्र में आगरा-मथुरा व आसपास के जिलों में बंद को लेकर विशेष सरगर्मी है। यहां से हजारों लोग मध्य प्रदेश के लिए कूच कर सकते हैं।
भाजपा में भी विरोध के स्वर
केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने कानून पर निजी राय रखते हुए कहा कि इस एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है। फर्जी मुकदमों में लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
बलिया जिले के बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि यह एक्ट दलितों का बिजनेस बन गया है। हालांकि, इन बयानों पर केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने कहा कि बयान उनकी निजी राय हो सकती है।
यह था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि एससी, एसटी एक्ट से जुड़े मामले में किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज होने से पहले उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए। एससी, एसटी संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए बीते दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया था, जिसमें काफी हिंसा भी हुई। विपक्ष और भाजपा के सहयोगी दलों ने इस पर सरकार से दखल देने की मांग की। केंद्र सरकार ने कानून पास कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। मतलब, बिना जांच के भी मुकदमा दायर करने और गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।