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होनहार गरीब बच्चों के परिजनों के लिये एक सीख है अमीर बहू घर लाना - आईपीएस सुरेंद्र दास की आत्महत्या



अमित कुमार की रिपोर्ट
लखनऊ 10 सितम्बर 2018 ।।
   आईपीएस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार दास ने जहर खाकर आत्महत्या कर लिया यह कानपुर के एसपी सिटी थे ..वह मानसिक तनाव में  थे ....उनकी पत्नी बेहद अमीर और रसूखदार परिवार से थी और जब कि सुरेंद्र कुमार दास एक बेहद निम्न मध्यम वर्गीय परिवार के थे और अपनी मेहनत से आईपीएस बने थे

उत्तर भारत में निम्न मध्यम वर्गीय या मध्यम वर्गीय या निम्न वर्गीय परिवार का कोई होनहार लड़का अपनी मेहनत से आईएएस-आईपीएस बन जाता है तो घरवाले दहेज की लालच में उसकी शादी बेहद अमीर और उच्च वर्ग में कर देते हैं वह भूल जाते हैं कि दोनों की मानसिकता में जमीन आसमान का फर्क होता है और नतीजा बेहद भयावह होता है।

पत्नी ने पति के समक्ष रख दी बड़ी शर्त, 
मां के लिए आईपीएस ने खा लिया जहर-

 एसपी के सुसाइड मामले की जांच के लिए कानपुर पुलिस जुट गई है। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि वह कई दिनों से डिप्रेशन में थे और गूगल में आत्महत्या करने के बारे में सर्च किया करते थे।

 एसपी ने अपनी जान देने के लिए करीब 25 ग्राम सल्फास खाया था। जहर ने सुरेंद्र दास के हार्ट और लीवर को क्षति पहुंचाया है। सुसाइड के मामले पर पुलिस ने यह पाया है कि एसपी का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था।

एसपी अपनी मां को साथ रखना चाहते थे, पर पत्नी इसके लिए तैयार नहीं थी और इसी के कारण दोनों के बीच आएदिन रार होती थी। सूत्रों की मानें तो पत्नी ने एसपी से साफ कह दिया था कि कि यदि तुम मां को कानपुर लेकर आवोगे तो मैं घर छोड़ दूंगी और इसी के बाद बेवश आईपीएस ने खौफनाक कदम उठा लिया।

दोनों के बीच हुई थी टकरार

शहर के सबसे बड़े हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे आईपीएस सुरेंद्र दास के जहर खाने की जांच कानपुर पुलिस ने शुरू कर दी। एसएसपी अनंत देव सिंह ने बताया कि एसपी सुरेंद्र दास ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था जिसपर लिखा था कि वह अपने पारिवारिक झगडे से परेशान होकर यह कदम उठा रहे हैं। एसपी सुरेंद्र दास और उनकी पत्नी रवीना सिंह के बीच कुछ बातों को लेकर अक्सर विवाद होता था।

घटना वाली रात भी दोनों के बीच विवाद हुआ था जिसके बाद एसपी ने इतना बड़ा कदम उठाया । कृष्ण जन्माष्टमी के दिन एसपी की पत्नी रवीना सिंह ने नॉनवेज बर्गर मंगा कर खाया था जिस पर दोनों की बीच जमकर झगड़ा हुआ था। फोरेंसिक जाँच के दौरान एसपी के दोनों मोबाइल फोन टूटे मिले। पुलिस परिवार के लोगो ंके अलावा एसपी के फालोवर और स्टाफ से पूछताछ कर रही है।

कुछ इस तरह से पत्र में लिखा 

एसपी सुसाइड करने से पहले अपनी मां के नाम पत्र में खिला था। जिसमें उन्होंने बताया कि घर में हो रही रोज-रोज की कलह के चलते ये कदम उठा रहा हूं.। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, मुझे माफ करना मां। पत्र में इतना लिखने के बाद एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास ने सल्फास खा ली। पत्र में कुछ ऐसी लाइन भी लिखी है जिनको पुलिस अधिकारी विवेचना का विषय मानकर किसी से साझा नहीं कर रहे है, लेकिन इशारे में इतना जरूर कहा कि राइटिंग मिलान के बाद ही यह तय होगा कि पत्र किसने लिखा। इसके लिए पत्र को फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। इसके अलावा एसपी ने अपनी पत्नी के नाम भी कुछ शब्द लिखे हैं। एसपी ने लिखा है कि तुम खुश रहो मैं जा रहा हूं। मेरी मौत के बाद तुम्हें कोई परेशान नहीं करेगा।

कर्मचारियों से मंगवाई थी सल्फास

एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास ने आंबेडकर नगर से तबादले के बाद शहर में सात अगस्त को एसपी पूर्वी का चार्ज संभाला था। यहां कैंट स्थित घर में चूहे और सांप होने की बात कहकर अधीनस्थ से सल्फास मंगवाई थी। उस वक्त किसी ने सपने भी नहीं सोचा होगा कि वह पारिवारिक कलह के चलते सल्फास खा लेंगे अन्यथा कोई उन्हें सल्फास लाकर ही नहीं देता।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक घर में जब भी परिवार एकत्र होता था तो विवाद की स्थिति एक बार जरूर उत्पन्न होती थी। मंगलवार रात भी ऐसी ही स्थिति फिर बन गई थी जिसके चलते श्री दास के सास-ससुर पहुंचे थे और देर रात घर लौट गए थे। सुबह करीब चार बजे पत्नी रवीना ने उनकी तबियत बिगड़ने की सूचना टेलीफोन ड्यूटी को दी। जिसके बाद थाना पुलिस और आलाधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई।

पिछले साल रवीना के साथ हुई थी शादी

एसपी के भाई नरेंद्र ने बताया कि सुरेंद्र दास की शादी 9 अप्रैल 2017 को रवीना के साथ हुई थी। डॉ. रवीना गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज कानपुर से एनाटमी विभाग से 2018 में एमएस पूरा करने के बाद आंबेडकर नगर मेडिकल कालेज में डिमांस्टेटर बनी। एक महीने पहले उन्होंने संविदा की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उस वक्त भाई सुरेंद्र दास वहां सीओ थे।

नरेंद्र कहते हैं कि सुरेंद्र अक्सर पत्नी रवीना से कहते थे कि जिस मां ने भूखें पेट रहकर मुझे पढ़ाया। भाई ने मजदूरी कर किताबों की व्यवस्था की। तुम उन्हें छोड़ने के लिए कह रही हो। मां और भाई का अगर आज मैं साथ नहीं दूंगा तो भगवान भी मुझे माफ नहीं करेगा। पर पत्नी रवीना सुरेंद्र दस की बात मानने को तैयार नहीं थीं। भाई के मुताबिक शादी के बाद सुरेंद्र के साथ मस्ती करना तो दूर सुख-दुख की दो बातें करने को सब तरस गए थे।
अब आप आईपीएस हैं

नरेंद्र ने बताया कि एक दिन भी वह लखनऊ आकर रुकता तो घर में कलह शुरू हो जाती, क्या बताऊं भाई परिवार जोड़ने में खुद टूटता गया और हम लोग जान न पाए। नरेंद्र बताते हैं कि रवीना अक्सर सुरेंद्र से कहती थीं कि आप अब आईपीएस अधिकारी हैं और गरीब के बजाए अमीर हो गए हैं। अपने मां और भाई को गांव तक सीमित रखें। वो हमारी सुसाइटी में शामिल होने लायक नहीं है।

जिस पर भाई सुरेंद्र पत्नी रवीना को डांटते तो दोनों के बीच जमकर टकरार होती। नरेंद्र बताते हैं कि सुरेंद्र आप इंसानों की तरफ जिंदगी जीना चाहते थे। मां और मुझे भी कुछ सुख देना चाहते थे, पर पत्नी रवीना को यह मंजूर नहीं था। वो सुरेंद्र से हमें छोड़ने का दबाव बनाती और इसी से आहत होकर मेरे होनहार भाई ने जहर खा लिया।