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योगी सरकार में भी नही सुधरी बलिया की स्वास्थ्य सेवाएं , ऊपरी पहुंच और जोड़तोड़ से टिकना सबसे बड़ी बीमारी , नशेड़ी चिकित्सक ने ली महिला मरीज की जान


स्थानांतरण के बाद भी नही जाते है डॉक्टर्स और बाबू
राजनैतिक जोड़तोड़ और भाई भतीजावाद और ऊपरी पहुंच बलिया की स्वास्थ्य सेवाओ के लिये कैंसर
बार बार नशे की हालत में रहने वाले डॉक्टर की ड्यूटी लगाने वाले अधीक्षक पर भी हो कार्यवाई
सिकंदरपुर में मृत महिला के परिजनों ने दी थाने में तहरीर
अरविंद पांडेय , गोपाल जी की रिपोर्ट
बलिया 21 सितंबर 2018 ।। निजाम बदल गया लेकिन बलिया की स्वास्थ्य सेवाये आज भी बदहाल है ।बदहाली के कारण में शासनादेशों के विपरीत जमे डॉक्टर्स और कर्मचारी है
। पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी राजनैतिक जोड़तोड़ भाई भतीजा वाद और ऊपरी पहुंच से शासनादेशों , आदेशो को ठेंगा दिखाने का खेल जारी है । पिछले साल से स्थानांतरित सीएचसी सिकंदरपुर के अधीक्षक डॉ एके तिवारी सीएमओ के मौखिक आदेश पर स्थानांतरण आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए जमे हुए है । वही अधीक्षक डॉ तिवारी ने बिना किसी आदेश के गैर जनपद स्थानांतरित डॉ अंशुल निशांत दुबे से काम ले रहे है जबकि पता है कि डॉ दुबे चौबीसो घंटे नशे में रहते है । ऐसे में अधीक्षक डॉ तिवारी पर भी कार्यवाई होनी चाहिए । बता दे कि आज डॉ दुबे ने सीएचसी सिकंदरपुर पर  नशे की हालत में मरीज को दवा लिखी। दवा देने के तत्काल बाद मरीज की मौत हो गयी। इसकी शिकायत पर डॉक्टर दुबे मारपीट पर उतारू हो गये। घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि उभांव थाना क्षेत्र के चंदाडीह (बुढावर) निवासी दीपक मिश्रा पुत्र स्वर्गीय नर्मदेश्वर मिश्रा ने बताया कि उनकी माता प्रेमा मिश्रा(55) की तबीयत सुबह लगभग 6:00 बजे खराब हो गई। बताया कि तबीयत खराब होने पर वह अपनी मां को इलाज हेतु 6:30 बजे सिकंदर पुर सीएचसी लेकर आए। जहां पर इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डॉ अंशुल निशांत दुबे नशे की हालत में थे। जब वह अपनी मां के इलाज के लिए उनसे कहा तो वह गाली-गलौज करने लगे और कहे कि सुबह-सुबह ही तुम लोग आ जाते हो। इस पर वहां मौजूद अन्य कर्मचारी के कहने पर डॉ अंशुल निशांत दुबे ने दवा पर्ची पर लिख दिया। जब वह दवा और इंजेक्शन लाकर डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने कर्मचारियों से इंजेक्शन लगाने को कहा। इंजेक्शन लगाते ही उनकी मां की तबीयत और बिगड़ गई। तबीयत बिगड़ने पर दीपक तुरंत डॉक्टर अंशुल निशांत दुबे को बताया। इस पर नशे की हालत में खार खाए अंशुल निशांत दुबे ने उन को मारने के लिए दौड़ा लिया और भद्दी भद्दी गाली देने लगे। यह हो ही रहा था कि दीपक की मां की मौत हो गई। अपनी मां की मौत से दीपक कुछ समझ नहीं पा रहा था बाद में जब परिवार और गांव के लोग वहां पहुंच चिकित्साधिकारी अजय कुमार तिवारी से बात किया तो वह कुछ भी बोलने से इंकार कर दिए। डॉ.अंशुल निशांत दुबे का विगत 6 माह पहले सिकंदरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से स्थानांतरण हो चुका था अब सवाल यह उठता है कि जिस डॉक्टर का स्थानांतरण यहां से हो चुका है तो वह पुनः इस हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कैसे कर रहे है? इस संबंध में चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय कुमार तिवारी ने बताया कि सीएमओ के मौखिक आदेश पर ही डॉ अंशुल निशांत दुबे को यहां रखा गया है।
जब इस बारे में सीएमओ से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की। इस संबध में एसडीएम राजेश कुमार यादव से बात की गई तो उन्होंने ने बताया कि शिकायत मिलने पर पहले भी डीएम के आदेश पर इनके खिलाफ कार्यवाही की गई थी। अगर ऐसी बात है तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी। मृतक महिला के पुत्र ने थाने में तहरीर देकर डॉक्टर अंशुल दुबे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया है ।

रिपोर्ट- अरविंद पांडेय