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बोले मंत्री पचौरी : रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए मॉडल शिल्पग्राम किए जाएंगे विकसित

रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए मॉडल शिल्पग्राम विकसित किए जाएंगे

रेशम उत्पादन में वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार हेतु अत्याधुनिक तकनीकी अपनाई जाए
किसानों को कीट पालन से संबंधित नवीनतम जानकारियां देने के लिए संचार माध्यम से जोड़ा जाए - सत्यदेव पचौरी
अमित कुमार की रिपोर्ट
लखनऊ 20 सितम्बर 2018 ।।
प्रदेश के रेशम मंत्री  सत्यदेव पचौरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए राजकीय रेशम फार्मों के समीप स्थित गांव के शत-प्रतिशत किसानो को कीट पालन से जोड़ते हुए उन ग्रामों को मॉडल सिल्क ग्राम के रूप में विकसित किया जाए। इन सिल्क ग्रामों में वृक्षारोपण का कार्य मनरेगा से तथा उपकरण एवं कीटपालन गृह आदि की व्यवस्था विभाग द्वारा कराई जाए। उन्होंने कहा कि कृषको किसान संचार लिमिटेड से समन्वय स्थापित कर किसानों को मोबाइल सिम उपलब्ध कराया जाये, ताकि किसानों को समय-समय पर कीट पालन से संबंधित आवश्यक जानकारियां प्राप्त हो सके।
श्री पचौरी आज रेशम निदेशालय के सभागार में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे, उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें परंपरागत खेती के साथ रेशम उद्योग से भी जोड़ा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि रेशम उत्पादन में वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार हेतु अत्याधुनिक तकनीकी अपनाई जाए। इसके साथ ही तराई क्षेत्रों में रेशम उत्पादन के लिए किसानों तथा महिलाओं को प्रेरित करने के लिए व्यापक स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाए। रेशम उद्योग मंत्री ने कहा कि 300 रेशम किसानों को कृषि कुंभ भेजा जाएगा तथा 375 कृषकों को अंतरराज्यीय प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा सहायतित परियोजना के अंतर्गत जनपद बहराइच, कुशीनगर, महाराजगंज एवं सोनभद्र में कृषक गोष्ठियां एवं जनपद सोनभद्र में कृषक मेले का आयोजन होगा।
श्री पचौरी ने विभागीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए शहतूती एवं एरी सेक्टर में कीट पालन तथा कोया उत्पादन का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के सख्त निर्देश भी दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने रेशम विकास कार्यक्रमों की वित्तीय एवं भौतिक समीक्षा भी की।