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कुशीनगर 'कलेक्ट्रेट होमगार्ड पर हमला : तो क्या सिस्टम से परेशान था हमलावर ?

...तो क्या  सिस्टम से परेशान था हमलावर ?

  होमगार्ड पर हमला  करने का मामला
डीएम , एडीएम, एसडीएम को न्यायालय कार्यो से मुक्त कर पूर्णकालिक न्याय अधिकारी की हो नियुक्ति
न्याय मिलने में देर से लोगो में पनप रहा है असंतोष
अमित कुमार की 
रिपोर्ट
कुशीनगर। जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब कार्यालय के बाहर ड्यूटी दे रहे सशस्त्र होमगार्ड के जवान पर एक व्यक्ति ने हमला कर दिया. अचानक अपने ऊपर हुए हमले से होमगार्ड कुछ समझ नहीं पाया और गंभीर रूप से घायल हो गया।

अस्पताल में भर्ती घायल होमगार्ड

जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में हुई इस तरह की घटना से सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल खडे़ हो गए हैं. लोगों का कहना है कि जब जिले का डीएम ऑफिस ही नहीं सुरक्षित है, तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे हो पाएगी ?

 अचानक हुए हमले से गंभीर रूप से घायल होमगार्ड सुदामा गुप्ता को आनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
हमलावर ने होमगार्ड सुदामा गुप्ता के गर्दन पर हमला किया था. वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया. हमलावर ने बताया कि प्रशासनिक निष्क्रियता से नाराज होकर उसने यह कदम उठाया. घायल होमगार्ड सुदामा गुप्ता से उसकी कोई नाराजगी नहीं है।

सिस्टम से परेशान फरियादी ने हमलावर बनकर किया दिल दहला देने वाला काम
जिलाधिकारी कार्यालय पर ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया. कार्यालय गेट पर बैठे सशस्त्र होमगार्ड के जवान पर एक फरियादी ने धारदार हथियार से हमला कर दिया. हमले में होमगार्ड बुरी तरह घायल हो गया. वहीं वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को किसी तरह दबोच लिया और उसकी पिटाई कर दी
सोमवार की दोपहर को एक फरियादी कलेक्ट्रेट के गेट पर अपना झोला लेकर पहुंचा और कुछ देर खड़ा रहने के बाद अचानक उसने अपने झोले से एक धारदार हथियार निकालकर होमगार्ड की गर्दन पर वार कर दिया. हमले में गर्दन के पीछे का काफी बड़ा हिस्सा कट गया. वहीं अचानक हुए हमले के बाद होमगार्ड मुंह के बल गिर गया।

 मौके पर मौजूद लोगों ने घटना के बाद आरोपी को धर दबोचा और उसकी जमकर पिटाई कर दी दोनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

डॉक्टरों ने गंभीर रूप से घायल होमगार्ड का इलाज शुरू कर दिया है। सीएमएस डा. बजरंगी पाण्डेय ने जवान की स्थिति को गंभीर बताया है।

 वहीं डीएम की पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कुबूल किया है उसका कहना है कि उसकी फरियाद नहीं सुनी जा रही थी और बार-बार आकर वह थक गया था।सिस्टम से परेशान होकर उसने ऐसा कदम उठाया।

बरहाल जो भी हो इस घटना से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा कर दिया....? प्रदेशभर में कलेक्ट्रेट का सिस्टम ऐसा ही हो गया है जहां न्याय की आस में दूर दराज इलाको से आने वाले परेशान ग्रामीणों को सिर्फ और सिर्फ न्याय की जगह तारीख पर तारीख मिलती है । आज कलेक्ट्रेट स्थित डीएम , एडीएम , एसडीएम न्यायालयों में लंबित लम्बी मुकदमो की फेहरिश्त इसकी गवाही है । अब समय आ गया है कि डीएम , एडीएम और एसडीएम को प्रशासनिक कार्यो को करने के लिये न्यायालयों के प्रभार सर मुक्त कर दिया जाय और इनकी जगह पर पूर्णकालिक न्यायालय का कार्य देखने वाले अधिकारियों की नियुक्ति करके न्याय में हो रही देर को खत्म किया जाय । इससे जहां अधिकारियों को प्रशासनिक कार्य निपटाने में सहूलियत होगी और समय मिलेगा तो वही जनता को न्याय जल्द मिलने से न्याय व्यवस्था पर विश्वास बढ़ेगा और कोई हमलावर बनकर अपनी भड़ास नही निकलेगा