बलिया : रसूखदार कोटेदार के मकडजाल मे पूति विभाग
रसूखदार कोटेदार के मकडजाल मे पूति विभाग
रत्नेश सिंह की रिपोर्ट
सुखपुरा बलिया 19 सितम्बर 2018 ।।
लम्बे समय से चल रहे रसूखदार कोटेदारो के मकडजाल से योगी सरकार में भी पूति विभाग मुक्त नही हो पाया है और आज भी इनके इशारे पर कार्य करता दिख रहा है । सरकार ने जब से पुराने कार्ड की जगह पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्डो को नये सिरे से लागू किया है कोटेदारो और पूर्ति विभाग की ऊपरी कमाई में अंतर आया है । सरकार ने जब से हर कार्ड के साथ आधार कार्ड को लिंक करा दिया है तब से इनके खेल और बिगड़ गये है , लेकिन बन्द नही हुए है । इन लोगो ने अपने कमाई का नया फंडा विभागीय मिलीभगत से खोज निकाला है । अब ये लोग बिना किसी के अनुरोध के दुकानों पर निर्धारित उपभोक्ताओं के कार्डो को दूसरी अपनी चहेती दुकानों पर स्थानांतरित कर दे रहे है जिससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है । जो धारक अपनी शिकायत लेकर बलिया आ जा रहे है उनका तो पुनः पुरानी दुकान पर हो जा रहा है लेकिन जो नही आ पा रहे है उनका नई दुकान पर ही रह जा रहा है । ऐसा ही एक मामला सुखपुरा गांव में देखने को मिला है जहां जिलापूर्ति अधिकारी कार्यालय ने यहां की पांच दुकानों से 30 से 50 यूनिट अपनी चहेती दुकान पर बिना किसी अनुरोध के स्थानांतरित कर दिया है । बता दे कि इस गांव में पात्र गृहस्थी के 2240 और अंत्योदय के 448 कार्ड धारक है । विभाग इन इन सारे कार्डो को 6 बराबर भागो में बांट कर वितरण करा रहा था लेकिन पिछले माह से पांच दुकानों से कार्डो को काटकर छठवी दुकान को आवंटित कर दिया गया है ।
जब इस संबंध में जिलापूर्ति अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि पहले तो ऐसा होना ही नही चाहिये , फिर भी अगर हुआ है तो जिनका हुआ है उनसे प्रार्थना पत्र दिलवा दीजिये पुनः पुरानी दुकान पर कर दूंगा । बता दे कि कार्ड हटाने जोड़ने का पासवर्ड जिला पूर्ति अधिकारी साहब स्वयं रखे हुए है फिर भी यह घटना हो जाती है । अगर साहब की मंशा साफ होती तो तुरंत अपने कम्प्यूटर से देखकर जिनके कार्ड जहां से हटाये गये थे वहां शिफ्ट कर देते , आवेदन नही मांगते ।
रत्नेश सिंह की रिपोर्ट
सुखपुरा बलिया 19 सितम्बर 2018 ।।
लम्बे समय से चल रहे रसूखदार कोटेदारो के मकडजाल से योगी सरकार में भी पूति विभाग मुक्त नही हो पाया है और आज भी इनके इशारे पर कार्य करता दिख रहा है । सरकार ने जब से पुराने कार्ड की जगह पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्डो को नये सिरे से लागू किया है कोटेदारो और पूर्ति विभाग की ऊपरी कमाई में अंतर आया है । सरकार ने जब से हर कार्ड के साथ आधार कार्ड को लिंक करा दिया है तब से इनके खेल और बिगड़ गये है , लेकिन बन्द नही हुए है । इन लोगो ने अपने कमाई का नया फंडा विभागीय मिलीभगत से खोज निकाला है । अब ये लोग बिना किसी के अनुरोध के दुकानों पर निर्धारित उपभोक्ताओं के कार्डो को दूसरी अपनी चहेती दुकानों पर स्थानांतरित कर दे रहे है जिससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है । जो धारक अपनी शिकायत लेकर बलिया आ जा रहे है उनका तो पुनः पुरानी दुकान पर हो जा रहा है लेकिन जो नही आ पा रहे है उनका नई दुकान पर ही रह जा रहा है । ऐसा ही एक मामला सुखपुरा गांव में देखने को मिला है जहां जिलापूर्ति अधिकारी कार्यालय ने यहां की पांच दुकानों से 30 से 50 यूनिट अपनी चहेती दुकान पर बिना किसी अनुरोध के स्थानांतरित कर दिया है । बता दे कि इस गांव में पात्र गृहस्थी के 2240 और अंत्योदय के 448 कार्ड धारक है । विभाग इन इन सारे कार्डो को 6 बराबर भागो में बांट कर वितरण करा रहा था लेकिन पिछले माह से पांच दुकानों से कार्डो को काटकर छठवी दुकान को आवंटित कर दिया गया है ।
जब इस संबंध में जिलापूर्ति अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि पहले तो ऐसा होना ही नही चाहिये , फिर भी अगर हुआ है तो जिनका हुआ है उनसे प्रार्थना पत्र दिलवा दीजिये पुनः पुरानी दुकान पर कर दूंगा । बता दे कि कार्ड हटाने जोड़ने का पासवर्ड जिला पूर्ति अधिकारी साहब स्वयं रखे हुए है फिर भी यह घटना हो जाती है । अगर साहब की मंशा साफ होती तो तुरंत अपने कम्प्यूटर से देखकर जिनके कार्ड जहां से हटाये गये थे वहां शिफ्ट कर देते , आवेदन नही मांगते ।