बलिया : प्रदेश में अनोखी नगर पालिका , जहां ईओ के आगे पानी भरते है शासनादेश और उच्चाधिकारियों के आदेश
आईजीआरएस पर तीन तीन बार फर्जी कार्यवाई की सूचना अपलोड करने वाले ईओ बलिया पर कार्यवाई न होना चर्चा में
दशको से एक ही पटल देखने वालों को हटाने के आदेश भी नही लागू कर रहे है ईओ
सीएम के प्लास्टिक मुक्त प्रदेश बनाने के आदेश बलिया में टॉय टॉय फिस्स
पीएम के गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के अभियान में भी ईओ की नही है रुचि
शासनादेशों ,प्रभारी मंत्री के आदेश, नोडल अधिकारी और डीएम के आदेश के अनुपालन में भी ईओ की नही लगती है रुचि
बलिया 18 सितम्बर 2018 ।।
एकबार पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपने संबोधन में बलिया के सम्बंध में कहा था कि बलिया जिले नही देश है । लगता है बलिया नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी डीके विश्वकर्मा भी इसी के अनुरूप कार्य करते हुए शासन स्तर के लखनऊ के आदेश को धत्ता बताते हुए अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहे है । बलिया देश है मानने के कारण ही लगता है ये सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट प्लास्टिक मुक्त प्रदेश हो , या तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही पटल देखने वाले बाबुओ के पटल बदलने का शासनादेश हो , या पीएम मोदी के गंगा को प्रदूषित करने वाले नालो को सीधे गंगा में जाने से रोकने का आदेश हो , लखनऊ से आये शासनादेशों के अनुपालन का हो , चाहे जिलाधिकारी बलिया के आदेश के अनुपालन का सवाल हो , सबको ठेंगा दिखाकर एक मनमर्जी तानाशाह की तरह कार्य कर रहे है । इनका मनोबल संभवतः इस लिये बढ़ा हुआ है कि पटल बदलने की जनवरी से लेकर जुलाई तक तीन आदेश आईजीआरएस पोर्टल पर अपलोड कर पटल बदलने की शिकायत का निस्तारण करा दिये और शासन में बैठे उच्चाधिकारियों ने तीन तीन बार गलत सूचना देने के वावजूद इनके खिलाफ कोई कार्यवाई नही की । यही नही नोडल अधिकारी का आदेश हो , जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण करने के बाद दिया गया आदेश हो या प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा दिया गया सख्त कार्यवाई का निर्देश ईओ डीके विश्वकर्मा के सामने कोई अहमियत नही रखता है तभी तो इन आदेशों पर कार्यवाई ईओ ने आजतक नही की । पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्लास्टिक मुक्त प्रदेश बनाने के लिये अधिकारियों द्वारा एक मुहिम छेड़ी गयी है लेकिन एक बलिया शहर ही ऐसा है जहां यह मुहिम नगर पालिका के कूड़ेदान में दम तोड़ रही है । अब लोगो मे यही चर्चा है कि इस ईओ की राजनैतिक पहुंच बहुत ऊंची है जिससे इनके खिलाफ कोई कार्यवाई नही हो पा रही है । अब यह बात सच्ची है या झूठी यह तय हम नही जानते , पर इतना जरूर जानते है ईओ डीके विश्वकर्मा पर ऊपर से कार्यवाई न होना , दाल को काला तो बना ही रहा है ।
दशको से एक ही पटल देखने वालों को हटाने के आदेश भी नही लागू कर रहे है ईओ
सीएम के प्लास्टिक मुक्त प्रदेश बनाने के आदेश बलिया में टॉय टॉय फिस्स
पीएम के गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के अभियान में भी ईओ की नही है रुचि
शासनादेशों ,प्रभारी मंत्री के आदेश, नोडल अधिकारी और डीएम के आदेश के अनुपालन में भी ईओ की नही लगती है रुचि
बलिया 18 सितम्बर 2018 ।।
एकबार पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपने संबोधन में बलिया के सम्बंध में कहा था कि बलिया जिले नही देश है । लगता है बलिया नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी डीके विश्वकर्मा भी इसी के अनुरूप कार्य करते हुए शासन स्तर के लखनऊ के आदेश को धत्ता बताते हुए अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहे है । बलिया देश है मानने के कारण ही लगता है ये सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट प्लास्टिक मुक्त प्रदेश हो , या तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही पटल देखने वाले बाबुओ के पटल बदलने का शासनादेश हो , या पीएम मोदी के गंगा को प्रदूषित करने वाले नालो को सीधे गंगा में जाने से रोकने का आदेश हो , लखनऊ से आये शासनादेशों के अनुपालन का हो , चाहे जिलाधिकारी बलिया के आदेश के अनुपालन का सवाल हो , सबको ठेंगा दिखाकर एक मनमर्जी तानाशाह की तरह कार्य कर रहे है । इनका मनोबल संभवतः इस लिये बढ़ा हुआ है कि पटल बदलने की जनवरी से लेकर जुलाई तक तीन आदेश आईजीआरएस पोर्टल पर अपलोड कर पटल बदलने की शिकायत का निस्तारण करा दिये और शासन में बैठे उच्चाधिकारियों ने तीन तीन बार गलत सूचना देने के वावजूद इनके खिलाफ कोई कार्यवाई नही की । यही नही नोडल अधिकारी का आदेश हो , जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण करने के बाद दिया गया आदेश हो या प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा दिया गया सख्त कार्यवाई का निर्देश ईओ डीके विश्वकर्मा के सामने कोई अहमियत नही रखता है तभी तो इन आदेशों पर कार्यवाई ईओ ने आजतक नही की । पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्लास्टिक मुक्त प्रदेश बनाने के लिये अधिकारियों द्वारा एक मुहिम छेड़ी गयी है लेकिन एक बलिया शहर ही ऐसा है जहां यह मुहिम नगर पालिका के कूड़ेदान में दम तोड़ रही है । अब लोगो मे यही चर्चा है कि इस ईओ की राजनैतिक पहुंच बहुत ऊंची है जिससे इनके खिलाफ कोई कार्यवाई नही हो पा रही है । अब यह बात सच्ची है या झूठी यह तय हम नही जानते , पर इतना जरूर जानते है ईओ डीके विश्वकर्मा पर ऊपर से कार्यवाई न होना , दाल को काला तो बना ही रहा है ।