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खाद्यान्न घोटाले में यूपी एसटीएफ की पहली कार्रवाई , तीन को किया गिरफ्तार

खाद्यान्न घोटाले में यूपी एसटीएफ की पहली कार्रवाई 

लखनऊ के घोटालेबाजों से शुरुआत यूपी एसटीएफ ने खाद्यान्न घोटाले में पकड़े तीन प्यादे 
अमित कुमार की रिपोर्ट
लखनऊ 16 सितम्बर 2018 ।।
कंप्यूटर ऑपरेटर/ कोटेदार और अंगूठा लगाकर आधार कार्ड का बेजा इस्तेमाल करने वाला किया गया गिरफ्तार

गिरफ्तार हुए घोटालेबाजों में दो लखनऊ के और एक नोएडा का रहने वाला

 लखनऊ में दर्ज हैं खाद्यान्न घोटाले से जुड़ी दो दर्जन FIR

 आलमबाग सहादतगंज ठाकुरगंज चौक समेत कई थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं खाद्यान्न घोटाले से जुड़ी FIR

 यूपी एसटीएफ ने की कार्रवाई तीन घोटालेबाज दबोचे गए
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गरीबों के राशन को डकारने वाले तीन आरोपियों को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार।


बिना अधिकारियों के मिले संभव नही घोटाला।


राशन खोटाले में एसटीएफ की बड़ी कार्यवाई, तीन गिरफ्तार।

उत्तर प्रदेश में गरीबों का राशन डकारने वाले तीन आरोपियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर कार्यवाई में जुटी। आपको बता दें कि आये दिन कोटेदार गरीबों के राशन वितरण में धांधली करते रहते है।ताजा मामला इलहाबाद, कानपुर लखनऊ समेत कई ज़िलों में खाद्य एवं रसद विभाग में बायोमैट्रिक्स राशन वितरण में सेंध लगाकर आधार संख्या बदल कर गलत तरीके से आधार संख्या से राशन निकाल लेते थे। आज एसटीएफ आईजी अमिताभ यस ने मीडिया को बताया कि कई जिलों में राशन वितरण में धांधली करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में राशन कोटेदारों की दुकानों पर ही मशीनों से राशन कार्ड लाभार्थियों को किए जाने वाले आधार संख्या आधारित आवश्यक वस्तु वितरण हेतु NIC उत्तर प्रदेश के माध्यम से यूआईडीएआई की आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है उत्तर प्रदेश के अधिकांश जनपदों  मैं उक्त तकनीकी का दुरुपयोग कर वास्तविक लाभार्थी के स्थान पर गलत व्यक्ति के आधार संख्या का बार-बार प्रयोग कर उक्त वितरण प्रणाली  में दुकानदारों ऑपरेटरों और पूर्ति निरीक्षकों द्वारा सांठगांठ कर डाटा बेस में छेड़छाड़ करते हुए अवैध आर्थिक लाभ प्रदान करने की सूचना प्राप्त हो रही थी इसी सूचना के आधार पर सत्यापन तथा ई-प्रशासन वितरण में आधार संख्या के प्रमाणीकरण के सुविधा के दुरुपयोग को रोकने तथा इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने के संबंध में आयुक्त खाद एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश शासन के पत्र के संबंध में डीजीपी के द्वारा हम को निर्देशित किया गया इसी क्रम में हमने अपनी टीम बनाई और उस को जांच के आदेश दिए जिसमें हमारी टीम ने इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्यवाही करने जा रही है और इस जांच में विश्लेषण और अपर आयुक्त खाद एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश से शहरी क्षेत्र के राशन दुकानों में किए गए बायोमेट्रिक के वितरण का विवरण दुकानों का विवरण तथा कंप्यूटर ऑपरेटर का विवरण उपलब्ध कराया गया खाद्य आयुक्त कार्यालय द्वारा उन ट्रांजैक्शन का विरोध दिया गया जिनमें से एक आधार संख्या का उपयोग माह में राशन निकालने के लिए एक से अधिक बार किया गया साथी इन राशन कार्ड में आधार संख्या को राशन निकालने के पहले एवं बाद में अपडेट एडिट किया गया था इस प्रकार के डेटा के विश्लेषण से पाया गया कि एक ही आधार संख्या एक ही दुकान में कई बार अलग-अलग दुकानों में कई बार तथा कई जनपदों में एक ही आधार संख्या प्रयोग किया गया खाद्य आयुक्त कार्यालय द्वारा बताया गया कि पास मशीन से वितरण के लिए उपभोक्ता के राशन कार्ड ID के सफेद अंकित आधार के धारक द्वारा ई पॉस मशीन में अंगूठा लगवाया जाता है जो एनआईसी के सरवर के माध्यम से यूआईडीएआई सरवर पर जाकर प्रमाणिकता को दर्शाता है इसके पश्चात राशन के वितरण की प्रक्रिया पूर्ण होती है खाद्य आयुक्त कार्यालय द्वारा बताया गया कि आधार के माध्यम से अधिक से अधिक राशन वितरण किए जाने हेतु निर्देश दिए गए थे क्योंकि बहुत अधिक संख्या में आधार कार्ड सीडिंग नहीं हुई थी इसलिए फील्डिंग एडिटिंग के लिए उन्हें यूजर ID तथा पासवर्ड दिया जाता है जो अपने क्षेत्र में संबंधित राशन कार्ड धारकों के आधार अपडेट एडिटिंग करने के लिए दिए गए थे गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ कर पता चला कि विभिन्न राशन कार्ड विक्रेता अपने पास मशीन को किसी एक जगह ले जाकर आपरेटर पूर्ति निरीक्षक के लॉगिन ID और पासवर्ड से खाद एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर जाकर राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम से वेबसाइट को खोलकर लॉगइन किया जाता था और संबंधित राशन विक्रेता को डाटा खोल दिया जाता था राशन कार्ड आधार कार्ड को एडिट कर उस की संख्या डाली जाती थी जो वहां पर भौतिक रूप में मौजूद होती थी तत्पश्चात सेव कर लिया जाता था जो खाद विभाग की एनआईसी के माध्यम से डेटाबेस में अपडेट हो जाता था उत्तर प्रदेश STF IG अमिताभ यश ने बताया कि तीनों अभियुक्तों के खिलाफ साइबर एसटीएफ लखनऊ में धारा 420 476 468 तथा 66 आईटी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत कराकर कार्यवाही की जा रही है।